जीरो पर हुए आउट, फिर भी ऑस्ट्रेलिया 'पहला प्यार'! कोहली ने बताया क्यों यहां खेलना इतना पसंद है
टीम इंडिया के नंबर 3 बैटर Virat Kohli का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड शानदार है. इसके बावजूद, वह पहली बार पर्थ में बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए. इस मुकाबले से पहले कोहली ने बताया कि उन्हें यहां खेलना क्यों इतना पसंद है.
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विराट कोहली (Virat Kohli) को ऑस्ट्रेलिया में खेलना कितना पसंद है, ये सभी जानते हैं. 7 महीने बाद जब वह इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं, तो उनके फैंस यही चाहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में कोहली ताबड़तोड़ रन बनाएं. हालांकि, 19 अक्टूबर को पर्थ में चल रहे 3 मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में कोहली ने अपने फैंस को निराश कर दिया. 30 वनडे मुकाबलों में पहली बार वो ऑस्ट्रेलिया में अपना खाता भी नहीं खोल सके. मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) ने एक ओवर मेडन खिलानेे के बाद अपने दूसरे ओवर की पहली ही बॉल पर उन्हें चलता कर दिया. इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया में 29 वनडे मुकाबलों में कोहली के नाम 51.03 के औसत से 1327 रन हैं. मैच से पहले टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने जब कोहली के इस ऑस्ट्रेलिया प्रेम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो बचपन से सिर्फ यही चाहते थे कभी वो ऑस्ट्रलिया में जाकर खेलें. साथ ही वो ऑस्ट्रेलिया में वही करना चाहते थे, जो ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर्स अपने विरोधियों के साथ करते हैं.
कोहली ने कमबैक पर क्या कहा?मैच शुरू होने से पहले कोहली ने अपनी फिटनेस और क्रिकेट के प्रति प्यार को लेकर काफी बातें कीं. रवि शास्त्री और एडम गिलक्रिस्ट से बात करते हुए उन्होंने कहा,
सच कहूं तो, पिछले 15-20 सालों में मैंने जितना क्रिकेट खेला है, मैंने बिलकुल भी आराम नहीं किया है. मैंने पिछले 15 सालों में इंटरनशेनल क्रिकेट में, आईपीएल को मिलाकर, शायद सबसे ज़्यादा मैच खेले हैं. इसलिए, मेरे लिए यह बहुत ही रिफ्रेशिंग समय था. मैं पहले से कहीं ज़्यादा फिट, और अगर ज़्यादा नहीं तो उतना ही फिट महसूस कर रहा हूं.
कोहली ने लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट से बाहर होने के बाद वापसी कितनी मुश्किल है ये पूछने पर कहा,
मानसिक रूप से आपको पता होता है कि मैदान पर क्या करना है. बस फिजिकल प्रेपरेशन पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है. मुझे ये एहसास हुआ कि मेरा शरीर फिट है. मेरी रिफलेक्स ठीक है. खेल के प्रति अवेयरनेस तो पहले से ही मौजूद है इसलिए मुझे सिर्फ अपने शरीर के साथ तालमेल बिठाना होगा.
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कोहली को क्यों पसंद है ऑस्ट्रेलिया?वहीं, इसके बाद जब रवि शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया में उन्हें खेलना कितना पसंद है. इस बारे में पूछा तो कोहली ने कहा,
जब मैं बचपन में क्रिकेट देखता हुआ बड़ा हो रहा था. उस समय हम सुबह जल्दी उठकर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच देखते थे. तब देखते थे कि बॉल पिच से कितनी बाउंस करती है, और ऑस्ट्रेलिया टीम आप पर बिल्कुल हावी होती थी. उस वक्त मुझे लगता था कि वाह, अगर मैं कभी ऐसी परिस्थितियों में और इस तरह के विरोधियों के सामने खेल पाया, तो एक क्रिकेटर के तौर पर मुझे अपने आप पर बहुत गर्व होगा. यही चीज़ मेरे लिए शुरुआत से ही प्रेरणा बन गई थी.
वहीं, दोनों टीमों के प्लेयर्स से वो कितने प्रभावित होते थे. इसे लेकर भी विराट ने बात की. उन्होंने कहा,
कोहली ने दोहराई गलतीमैंने शुरुआत से ही दोनों टीम के प्लेयर्स को देखा है. सिर्फ इंडियन टीम के नहीं. इंडियन टीम में मैं सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, और बाद में वीरेंद्र सहवाग जैसे प्लेयर्स को बहुत मानता था. लेकिन, ऑस्ट्रेलियाई टीम का खेलने का तरीका भी मुझे बहुत पसंद था. वे अपना क्रिकेट कैसे खेलते थे. हर वक्त आप पर हावी होने की कोशिश करते थे. डराने की कोशिश करते थे और मौका मिलते ही गेम पर पूरा कंट्रोल बना लेते थे. उस चीज़ ने मुझे सच में बहुत प्रेरित किया कि मैं यहां आऊं और वही करने की कोशिश करूं.
टेस्ट क्रिकेट में अपना अंतिम सीरीज विराट ने ऑस्ट्रेलिया में ही खेला था. ये सीरीज उनके लिए बहुत निराशाजनक रही थी. वो एक ही तरीके से बार-बार आउट हुए. लेकिन, हैरानी की बात ये है कि इसके बावजूद कोहली अब तक अपनी इस कमी पर काम नहीं कर सके हैं. एक बार फिर पर्थ में उन्होंने बाहर जाती बॉल पर अपना बल्ला फेंक दिया. इसके कारण बैकवर्ड पॉइंट पर खड़े कूपर कॉनोली को उनका कैच लपकने में कोई परेशानी नहीं हुई. बॉल कोहली के बैट का एज लेकर हवा में चली गई. कॉनोली ने अपनी बाईं ओर डाइव लगाई और कोहली की 8 बॉल की इनिंग को खत्म कर दिया. अब क्योंकि कोहली अन्य दोनों फॉर्मेट टी20 और टेस्ट को अलविदा कह चुके हैं. इसलिए उन्हें अब बचे हुए दोनों वनडे मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा.
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