टी20 सीरीज से पहले गौतम गंभीर ने कहा, 'जीत जरूरी नहीं है, जरूरी है...'
फैंस को सूर्यकुमार यादव के फॉर्म की चिंता सता रही है, लेकिन टीम के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को इसकी टेंशन नहीं है. गंभीर को जीत की भी टेंशन नहीं है. ऐसा क्यों, हम आपको बताते हैं.
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ऑस्ट्रेलिया से वनडे सीरीज हारने के बाद भारत की नजर अब टी20 सीरीज पर है. इस सीरीज में सूर्यकुमार यादव (Surya Kumar Yadav) पर खास नजर होगी. सूर्या में नहीं हैं. उनके बल्ले से रन नहीं आ रहे हैं. फैंस को भले ही यह चिंता सता रही हो, लेकिन टीम के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को इसकी टेंशन नहीं है. गंभीर को जीत की भी टेंशन नहीं है. ऐसा क्यों, हम आपको बताते हैं.
गौतम गंभीर को सूर्यकुमार यादव पर भरोसाटी20 सीरीज शुरू होने से पहले गौतम गंभीर ने अपने कप्तान को लेकर खुलकर बात की. कहा,
सच कहूं तो, सूर्या का फ़ॉर्म मुझे चिंतित नहीं करता. हमने अपने ड्रेसिंग रूम में एक अल्ट्रा अग्रेसिव-स्ट्रेटजी अपनाने का फ़ैसला किया है. सूर्या के लिए 30 गेंदों पर 40 रन बनाना और आलोचना से बचना आसान होगा, लेकिन हमने मिलकर तय किया है कि इस रणनीति को अपनाते हुए नाकाम होना स्वीकार्य है. फ़िलहाल, अभिषेक शर्मा अच्छी फ़ॉर्म में हैं और उन्होंने पूरे एशिया कप में इसे बरकरार रखा है.
अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा,
जब सूर्या अपनी लय पकड़ लेंगे, तो वे उसी के अनुसार ज़िम्मेदारी उठाएंगे. टी20 क्रिकेट में, हमारा ध्यान व्यक्तिगत रनों पर नहीं, बल्कि उस तरह के क्रिकेट पर होता है जैसा हम खेलना चाहते हैं. हमारी आक्रामक शैली के साथ, बल्लेबाज़ ज़्यादा बार नाकाम हो सकते हैं, लेकिन आखिर में सिर्फ़ रनों से ज़्यादा प्रभाव मायने रखता है.
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गंभीर का लक्ष्यगौतम गंभीर ने अपनी रणनीति को लेकर भी खुलकर बात की. गंभीर के लिए सबसे सफल कोच बनने से ज्यादा निडर टीम तैयार करना अहम है. टीम के हेड कोच ने कहा,
हमारी पहली बातचीत में ही हम इस बात पर सहमत हो गए थे कि हमें हार का डर नहीं होगा. मेरा लक्ष्य सबसे सफल कोच बनना नहीं है, मैं चाहता हूं कि हम सबसे निडर टीम बनें. एशिया कप फ़ाइनल जैसे बड़े मैचों में मैंने खिलाड़ियों से कहा था कि कैच छोड़ना, खराब शॉट खेलना या खराब गेंद फेंकना कोई बुरी बात नहीं है. इंसान गलतियां करते हैं. केवल ड्रेसिंग रूम में बैठे लोगों की राय ही मायने रखती है.
भारत ने पिछले महीने यूएई में सूर्यकुमार की कप्तानी में एशिया कप टूर्नामेंट जीता था. लेकिन भारतीय कप्तान की बल्लेबाजी फॉर्म कुछ खास नहीं रही. वह सात पारी में सिर्फ 72 रन बना पाए. अब सूर्या के पास ऑस्ट्रेलिया में धमाका करने का मौका है.
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