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'अंत नहीं, शुरुआत...', भारतीय टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाने के बाद क्या बोलीं कप्तान हरमनप्रीत कौर?

भारतीय महिला टीम ने कप्तान Harmanpreet Kaur की अगुवाई में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर इतिहास रच दिया. ग्रुप स्टेज में तीन मैच हारने के बावजूद वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली पहली महिला टीम बन गई. कप्तान हरमनप्रीत ने इसे लेकर जो बताया है, वो आपको भी इमोशनल कर देगा.

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Harmanpreet Kaur, Shafali Verma, Deepti Sharma
कप्तान हरमनप्रीत कौर वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय महिला टीम की पहली कप्तान बन गईं. (फोटो-PTI)
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सुकांत सौरभ
3 नवंबर 2025 (Updated: 2 नवंबर 2025, 04:29 AM IST)
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कपिल देव, महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा और अब हरमनप्रीत कौर. हरमनप्रीत का नाम भी उन दिग्गजों में शामिल हो गया है, जिन्होंने भारतीय क्र‍िकेट टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया. 2005 और 2017 में मिले हार्टब्रेक से उबरते हुए भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर वीमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 का ख‍िताब अपने नाम कर लिया. इस दौरान फाइनल में कप्तान हरमनप्रीत का मास्टरस्ट्रोक भी खूब काम आया. भले ही वो बैट से कुछ खास योगदान नहीं दे सकीं, लेकिन फील्ड प्लेसमेंट से लेकर बॉलिंग चेंज कप्तान हरमनप्रीत कौर इसमें बिल्कुल सटीक रहीं.

वीमेंस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जीत से कई रिकॉर्ड्स बने. इसमें सबसे खास रिकॉर्ड ये रहा कि पहली बार ग्रुप स्टेज में तीन मुकाबले हारने वाली टीम वीमेंस वर्ल्ड कप का ख‍िताब जीत गई. इससे पहले, ये कारनामा मेंस वर्ल्ड कप में दो बार हुआ था. लेकिन, वीमेंस क्र‍िकेट में ऐसा पहली बार हुआ.

मेंस क्र‍िकेट में पहले पाकिस्तान ने 1992 में और इंग्लैंड ने 2019 में ये किया था. लेकिन, ये वीमेंस क्रि‍केट में पहली बार हुआ है. कमाल की बात ये थी कि नॉकआउट स्टेज में पहुंचने वाली तीनों अन्य टीम के ख‍िलाफ भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में अपना मुकाबला हारी थी. लेकिन, पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और अब फाइनल में साउथ अफ्रीका के ख‍िलाफ जीत दर्ज कर टीम ने इतिहास रच दिया.

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने क्या कहा?

इसे लेकर जब कप्तान हरमनप्रीत कौर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि टीम कमबैक करेगी. साथ ही मेजबान होने के कारण दर्शकों से मिले प्यार को भी इसका श्रेय दिया. उन्होंने कहा,  

पिछले मैच में भी हमने बात की थी कि आत्मविश्वास अब भी हमारे अंदर है, भले ही हमने लगातार तीन मैच गंवाए थे. हमें पता था कि हमारे पास कुछ खास है जिससे हम हालात पलट सकते हैं. टीम हमेशा पॉजिटिव रही. सभी जानते थे कि हमें क्या करना है. सबने दिन-रात मेहनत की और यह टीम वाकई इस मुकाम की हकदार है. साथ ही दर्शकों की भी बेहद आभारी हूं. हमारे हर उतार-चढ़ाव में हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद.

मैच के दौरान हरमनप्रीत ने 21वें ओवर में एक मास्टरस्ट्रोक चला. उन्होंने टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाली शेफाली वर्मा को बॉल थमा दी. उनका ये दांव काम कर गया और शेफाली ने बैक-टू-बैक दो ओवर्स में साउथ अफ्रीका को झटके दे दिए. इसे लेकर हरमनप्रीत ने बताया,

जब लॉरा और सून बैटिंग कर रही थीं, वे बहुत अच्छा खेल रही थीं. तभी मैंने शेफाली को फील्ड में खड़ा देखा. वो जिस आत्मविश्वास के साथ वह खेल रही थीं, मुझे यकीन हो गया कि आज का दिन हमारा है. मैंने अपने दिल की सुनी, लगा कि उसे एक ओवर जरूर देना चाहिए और वही हमारे लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. जब वह टीम में आई थीं, हमने उनसे कहा था कि हमें उनसे शायद 2-3 ओवरों की जरूरत पड़े, तो उन्होंने तुरंत कहा "अगर आप मुझे बॉलिंग देंगी, तो मैं 10 ओवर भी डाल दूंगी." उसका पूरा श्रेय उसे जाता है.

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फाइनल में टारगेट पर क्या बोलीं?

फाइनल में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 299 रन का टारगेट दिया था. शुरुआत में भारतीय टीम की बैटिंग देखकर लगा था कि टीम आसानी से 325 से ज्यादा रन तक पहुंच जाएगी. लेकिन, इसके बाद टीम 298 तक ही पहुंच सकी. इसे लेेकर हरमनप्रीत ने कहा,

फाइनल की पिच बिल्कुल अलग थी. हमें पता था कि फाइनल के लिए यह स्कोर काफी है, क्योंकि फ़ाइनल में हमेशा अतिरिक्त दबाव होता है. हमें अफ़्रीका को भी श्रेय देना चाहिए. उन्होंने बहुत अच्छी बैटिंग की. लेकिन, अंत में वे थोड़ा घबरा गए और वहीं हमने मौका भुनाया. सही समय पर दीप्ति आईं और उन्होंने जरूरी विकेट लिए.

कप्तान कौर ने कोच अमोल मजूमदार की भी खूब तारीफ की. उन्होंने कहा,

हर वर्ल्ड कप के बाद हम यही सोचते थे कि कैसे उस आख‍िरी लाइन को पार किया जाए. पिछले दो सालों में अमोल सर टीम के साथ थे. उन्होंने हमेशा हमें कहा कि कुछ अलग और खास लेकर आओ और बड़े मौके के लिए तैयारी करते रहो. हमें सपोर्ट स्टाफ और बीसीसीआई को भी पूरा श्रेय देना चाहिए. हमने अपनी टीम में बहुत ज़्यादा बदलाव नहीं किए. उन्होंने हम पर भरोसा दिखाया और सबके सहयोग से आज हम यहां खड़े हैं.

वहीं, हरमनप्रीत कौर ने जोर देते हुए अंत में कहा कि ये सिर्फ शुरुआत है. इंडियन टीम आगे इसे अपनी हैबिट बना लेगी. उन्होंने कहा,

यह तो बस शुरुआत है. हम इस दीवार को तोड़ना चाहते थे और अब हमारी अगली योजना है इसे आदत बनाना. हम लंबे समय से इस पल का इंतजार कर रहे थे और अब यह क्षण आ गया है. आगे और भी बड़े मौके आने वाले हैं और हम लगातार बेहतर होते रहना चाहते हैं. यह अंत नहीं है. यह बस शुरुआत है.

मैच की बात करें तो, टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 298 रन बनाए थे. इसके जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम 246 रन पर ही ऑलआउट हो गई. टीम इंडिया की ओर से बैटिंग में शेफाली वर्मा (87) और दीप्ति शर्मा (58) ने फ‍िफ्टी लगाई. वहीं, साउथ अफ्रीका की ओर से कप्तान लॉरा वोलवॉर्ट ने सेंचुरी लगाई, पर उनके आउट होते ही टीम बिखर गई. इस दौरान बॉलिंग में भी दीप्ति ने 5 और शेफाली ने दो विकेट चटकाए.

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