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स्टारशिप की टेस्टिंग पूरी राख हुई, रॉकेट में ऑक्सीजन लीक, आसमान में ब्लास्ट हुआ

SpaceX ने गुरुवार को अपने सबसे ताकतवर रॉकेट Starship का टेस्ट किया. मिशन को पूरा करने के लिए उसे हिंद महासागर में उतारा जाना था. लेकिन उड़ान के कुछ मिनट बाद उससे संपर्क टूट गया. इसे मेक्सिको की खाड़ी के ऊपर उड़ते हुए लगभग पूरी दुनिया का चक्कर लगाना था.

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SpaceX Starship rocket back launch pad spacecraft is destroyed spacex starship prototype fails space after texas launch
16 जनवरी को SpaceX का मेगा रॉकेट स्टारशिप अमेरिका के टेक्सास के बोका चिका स्थित स्टारबेस से परीक्षण उड़ान के लिए लॉन्च किया गया. (फोटो- AP)
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रिदम कुमार
17 जनवरी 2025 (Updated: 17 जनवरी 2025, 02:21 PM IST)
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अमेरिका के मशहूर बिज़नेसमैन Elon Musk की कंपनी SpaceX ने गुरुवार को अपने सबसे ताकतवर रॉकेट Starship का टेस्ट किया. टेस्ट के दौरान बूस्टर वापस पैड पर आ गया. लेकिन इंजन खराब हो जाने के कारण ऊपर जा रहे स्पेसक्राफ्ट से उसका संपर्क टूट गया. बूस्टर रॉकेट को स्पेस में जाने के लिए एक्स्ट्रा थ्रस्ट यानी स्पीड देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. बता दें कि स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को 'स्टारशिप' कहा जाता है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉकेट लॉन्च 17 जनवरी को सुबह 4 बजे टेक्सास के बोका चिका से किया गया था. मस्क की कंपनी ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट ब्लास्ट हो गया. स्पेसक्राफ्ट के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए. कंपनी ने डेमो के लिए स्पेसक्राफ्ट को भी अपग्रेड किया. टेस्ट सैटलाइट स्पेसएक्स के स्टारलिंक इंटरनेट सैटलाइट के समान साइज़ के थे. मिशन को पूरा करने के लिए उसे हिंद महासागर में उतारा जाना था. लेकिन उड़ान के 8 1/2 मिनट बाद उससे संपर्क टूट गया. 

एलन मस्क ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी है. रॉकेट के मलबे का वीडियो X (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर करते करते हुए अपने अंदाज में लिखा,

मनोरंजन की गारंटी है. शुरुआती जांच में यह संकेत मिला कि स्पेसक्राफ्ट के इंजन फायरवॉल में ऑक्सीजन/ईंधन का रिसाव था जिसकी वजह से ब्लास्ट हुआ. यह स्टारशिप की सातवीं टेस्ट फ्लाइट थी और इसे फ्यूचर में चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने के लिए नासा ने रिज़र्व किया है.

मस्क का सपना है कि यह रॉकेट एक दिन इंसानों को मंगल ग्रह तक ले जाएगा. 

गौरतलब है कि स्पेसक्राफ्ट को पिछली टेस्ट उड़ानों की तरह ही टेक्सास से मैक्सिको की खाड़ी में उड़ना था. SpaceX ने इसे छोड़ने के लिए 10 डमी सैटेलाइट के साथ प्रैक्टिस की थी. इन्हें रॉकेट के प्रदर्शन का टेस्ट करने के लिए लगाया गया था. यह नया और अपग्रेडेड रॉकेट 400 फुट यानी 123 मीटर ऊंचा था. इसके बावजूद बावजूद यह उड़ान सफल नहीं हो सकी. इसे मेक्सिको की खाड़ी के ऊपर उड़ते हुए लगभग पूरी दुनिया का चक्कर लगाना था. संपर्क टूटने से पहले यह उड़ान करीब 8.5 मिनट तक चली.

यह मिशन ऐसे समय में हुआ जब Amazon के मालिक जेफ बेजोस ने Blue Origin न्यू ग्लेन रॉकेट सिस्टम की पहली उड़ान को अपना सपोर्ट दिया था. दोनों अरबपति स्पेस व्हीकल मार्केट पर अपना दबदबा बनाना चाहते हैं. फ्लोरिडा में कुछ घंटे पहले ही ब्लू ओरिजिन ने सबसे नया सुपरसाइज्ड रॉकेट लॉन्च किया. इसका नाम न्यू ग्लेन है. रॉकेट अपनी पहली उड़ान में ऑर्बिट में पहुंचा. यहां उसने सफलतापूर्वक एक प्रायोगिक सैटलाइट को पृथ्वी से हज़ारों मील ऊपर स्थापित किया. लेकिन पहले चरण का बूस्टर ब्लास्ट हो गया. इसकी वजह से अटलांटिक में एक तैरते हुए प्लैटफॉर्म पर उसकी टारगेट लैंडिंग नहीं हो पाई. मस्क ने इसे लेकर जेफ बेजोस को X को बधाई भी दी.

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