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  • How Proteus robots at Chiba Minato fullfillment centre of Amazon in Japan use AI and barcodes for management of products

Tokyo में Amazon के इस फुलफिलमेंट सेंटर में लाखों रोबोट्स कैसे करते हैं काम?

घर-घर सामान डिलिवर करने वाली कंपनी Amazon ने ऐसा कर दिखाया है. जापान के चिबा मिनाटो फुलफिलमेंट सेंटर को उन्होंने रोबॉटिक्स का मक्का बना दिया है. हाल ही में यहां ऐमजॉन ने अपना दस लाखवां रोबॉट तैनात किया है. ये कोई छोटा-मोटा गोदाम नहीं है, यहां हर दिन 6 लाख से ज़्यादा शिपमेंट्स निकलते हैं, और 17 लाख से ज़्यादा प्रोडक्ट्स का स्टॉक रहता है. और ये सब होता है AI और रोबॉट्स की जुगलबंदी से, वो भी बिना किसी गलती या देरी के.

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Proteus robots
Proteus Robots
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8 अगस्त 2025 (Published: 04:15 PM IST)
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कल्पना कीजिए कि सड़कों पर चलते हुए गाड़ियां अपने आप एक दूसरे से कम्युनिकेट करें, रास्ते शेयर करें, स्पीड बदलें और ये मेक श्योर करें कि कोई लेट न हो. एक ऐसा इंटीग्रेटेड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम जिसमें कभी ट्रैफिक जाम नहीं लगे. दुनिया भर में इसकी कोशिशें चल रही होंगी. शायद 10-15 साल में ऐसा देखने को भी मिले, जहां सड़कें और गाड़ियां स्मार्ट हो जाएं. लेकिन हम कहें कि ऐसा एक सिस्टम पहले से वजूद में है तो?

घर-घर सामान डिलिवर करने वाली कंपनी Amazon ने ऐसा कर दिखाया है. जापान के चिबा मिनाटो फुलफिलमेंट सेंटर को उन्होंने रोबॉटिक्स का मक्का बना दिया है. हाल ही में यहां ऐमजॉन ने अपना दस लाखवां रोबॉट तैनात किया है. ये कोई छोटा-मोटा गोदाम नहीं है, यहां हर दिन 6 लाख से ज़्यादा शिपमेंट्स निकलते हैं, और 17 लाख से ज़्यादा प्रोडक्ट्स का स्टॉक रहता है. और ये सब होता है AI और रोबॉट्स की जुगलबंदी से, वो भी बिना किसी गलती या देरी के. 

आप ऐमजॉन पर ‘बाय’ बटन दबाते हैं तो उसके बाद क्या होता है? पहले एक आदमी गोदाम में आपका प्रोडक्ट खोजता था. फिर उसे लेकर वहां आता था जहां पैकिंग होनी थी. लेकिन जापान के इस सेंटर में अब ये काम चंद मिनटों में हो जाता है, और इसकी वजह है रोबॉटिक्स. क्योंकि रोबॉट्स इन प्रोडक्ट को लेकर पैकिंग की जगह तक पहुंच जाते हैं. सबसे पहले, AI सिस्टम चेक करता है कि वो प्रोडक्ट किस कंटेनर में है. फिर आते हैं रोबॉट्स. ये छोटे-छोटे, वैक्यूम क्लीनर जैसे दिखने वाले Proteus रोबॉट्स, जो बारकोड्स और AI की मदद से रास्ता बनाते हुए उस कंटेनर तक पहुंचते हैं. 

कैसे? स्टोर की पूरी ज़मीन पर जगह-जगह बारकोड्स लगे हुए हैं. जब Proteus रोबॉट्स को ज़मीन पर उतारा जाता है तब वो इन बारकोड्स में मौजूद इनफार्मेशन को रीड करते हैं. फिर इसमें दिए गए कमांड के हिसाब से अलग-अलग लोकेशन पर पहुंच जाते हैं. फिर उस लोकेशन पर मौजूद बारकोड रोबॉटट को अगला टारगेट सौंपता है. जैसे, कौन सा कंटेनर निकलना है, कहां रखना है, रास्ते में कोई और कंटेनर आ जाए, तो दूसरे रोबॉट्स को उसे हटाने का टारगेट दिया जाता है. अगर कोई दूसरा रोबॉटट उस रास्ते से गुज़र रहा है तो कैसे उस आते हुए रोबॉटट को रास्ता देना है. 

Proteus robots Amazon
Proteus Robots

माने मामला इतना इंटीग्रेटेड है कि एक बारकोड न सिर्फ़ ट्रैफिक पुलिस की भूमिका निभा रहा है, बल्कि हर बारकोड में मौजूद इनपुट्स भी एक सेंट्रल सिस्टम से कोऑर्डिनेट होता है. जिससे किसी भी सिचुएशन में रोबॉट्स की टक्कर ना हो.   

कंटेनर मिलने के बाद, उसे कन्वेयर बेल्ट पर डाला जाता है, जहां रोबॉटिक आर्म्स प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग करते हैं. और हां, ये सब इतना स्मूद है कि गोदाम में इंसान और रोबॉट साथ-साथ काम करते हैं, बिना किसी टक्कर या गड़बड़ के. इसे ऐमजॉन कहता है DeepFleet. ये एक तरह का ‘एयर ट्रैफिक कंट्रोल’ सिस्टम है, जो रोबॉट्स की मूवमेंट को ऑप्टिमाइज़ करता है. 

Deepfleet की इस सफलता को ऐमजॉन कैसे देखती है?

ऐमजॉन के चीफ टेक्नोलॉजिस्ट, टाय ब्रैडी कहते हैं 

“इस वक्त हम जो अपने फ़ुलफ़िलमेंट  सेंटर्स पर काम कर रहे हैं, वो आने वाले समय में समाज पर रोबॉट्स के इम्पैक्ट को दर्शाता है. रोबॉटिक्स की दुनिया में हम इंसानों को केंद्र में रखते हैं. हम इसे ‘टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट इन प्रोजेक्ट कंटेक्स्ट’ कहते हैं. हमारे पास भी एक context है, कस्टमर हमे पसंद करते हैं, उनकी पसंद में कई वैराइटी के प्रोडक्ट्स हैं, जो उन्हें सस्ते दामों पर चाहिए. इसलिए हम ऑटोमेशन सिस्टम्स बना रहे हैं, जिससे हमारे एम्प्लॉयीज़ अपना काम आसानी से कर पाएं, और वर्क प्लेस में सुरक्षित महसूस करें.”

जापान में कैसे रोबॉटिक्स का इस्तेमाल हो रहा है, ये तो आपने समझा. पर भारत में लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में हुए इनोवेशन भी जापान में ऐमजॉन का काम आसान बना रहे हैं. जापान में ऐमजॉन के कंट्री डायरेक्टर, अवनीश नारायण सिंह कहते हैं,

“भारत में हुए इनोवेशन खासकर ‘हब डिलीवरी सिस्टम’ को हम जापान में इम्प्लीमेंट क्रेन की कोशिश कर रहे हैं. इस तरीक़े की मदद से भारत में किनारा स्टोर्स को फ़ायदा पहुंचा है, उस सिस्टम को हम जापान में भी लागू करने जा रहे हैं.”

एक ही सेंटर पर गोदाम, वहीं पैकिंग और फिर वहां से डिलिवरी के ट्रक्स की रवानगी. ऐमजॉन अपने फुलफिलमेंट सेंटर के टूअर्स भी करवाता है. अगर आप देखना चाहते हैं तो आप भी टूर बुक कर सकते हैं. भारत में अभी डीपफ्लीट जैसी तकनीक नहीं है, लेकिन कंपनी इसे लेकर उम्मीद ज़रूर जताती है. ये तकनीक का दौर है, AI से दोस्ती के अपने फायदे हैं.

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