1850 का दशक. ब्रिटिश हुकूमत भारत पर कब्जा जमाए बैठी थी. इलाहाबाद की संधि हुए तकरीबन 100 साल होने को आये थे. इस संधि ने बंगाल-बिहार और उड़ीसा (अब ओडिशा) का पूरा कंट्रोल ईस्ट इंडिया कंपनी को थमा दिया था. लेकिन इसका मतलब ये नहीं था कि वहां हो रहा विरोध थम गया हो. ये वो भी दशक था, जब बंगाल में एक अकेली महिला अपने गांव के लोगों के हक़ के लिए ब्रिटिश राज के सामने बहुत बड़ी चुनौती रखने वाली थी. इनका नाम था रानी रासमणि.