यह 28 अप्रैल का दिन था. जब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के नेहरू नगर की झोपड़पट्टी में रहने वालीं मालती को लगा कि उनकी कोख में पल रहा बच्चा कोई हरकत नहीं कर रहा है. उस वक्त 32 वर्ष की मालती बुरी तरह से घबरा गई थीं. 28 अप्रैल को कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन को एक महीने से अधिक का समय बीत चुका था.