कानून प्रिया के इस एपिसोड में हमने उन मुद्दों के बारे में बात की जिनके कारणसंविधान सभी के लिए उपलब्ध नहीं था या प्रमुख रूप से उन लोगों के लिए जिन्हेंविशेषाधिकार प्राप्त वर्ग से अधिक की आवश्यकता थी. यह भारत की एक दुखद सच्चाई है किभारतीय क्षेत्र में सभी के लिए लागू होने वाला संविधान केवल कुछ मुट्ठी भर आबादीद्वारा जाना जाता है. क्या यह लोगों की गलती है? नहीं ऐसा नहीं है. हमारे सामनेमुख्य समस्या कानून की अभिजात्य भाषा है जिसे कोई भी आम आदमी नहीं समझ सकता. यह सहीसमय है कि हम अपने कानून की भाषा को पुनर्जीवित करें ताकि हममें से सभी को पता चलेकि हमारे संविधान का वास्तव में क्या अर्थ है. हम किन अधिकारों तक पहुंच सकते हैं?हम सभी जो सपने देखते हैं, (हमारी पृष्ठभूमि के बावजूद) वास्तविकता में बदल सकतेहैं. देखें वीडियो.