27 साल पहले फ्रिज में रखे गए भ्रूण से मां बनने वाली महिला से मिलिए
और जानिए 15 साल की उस साइंटिस्ट के बारे में, जिसने दुनिया में नाम रोशन कर दिया
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(बाएं) टीना गिब्सन 27 साल पहले फ्रीज किए गए भ्रूण से मां बनी हैं. (दाएं) गीतांजलि राव को किड्स ऑफ द इयर अवॉर्ड के लिए टाइम ने चुना है.
रिपोर्ट ने उठाए सवाल, ख़बरों से महिलाएं गायब क्यों?
कॉमिक बुक सुपरहीरो प्रिया लड़ेगी कोरोनावायरस से
इन सबके बारे में जानेंगे, ऑडनारी के स्पेशल न्यूज बुलेटिन WIN, यानी विमन इन न्यूज में. इस खास प्रोग्राम में हम बात करते हैं महिलाओं की, उनकी जो किसी न किसी वजह से खबर में बनी रहीं. इसी के साथ बढ़ते हैं पहली खबर की ओर-
#15 साल की गीतांजलि राव बनी TIME किड ऑफ़ द ईयर
अमेरिका के कॉलोराडो की रहने वाली भारतीय मूल की गीतांजलि राव ने इतिहास बनाया है. दुनिया भर में मशहूर TIME मैग्जीन ने पहली बार किड ऑफ द ईयर का टाइटल देने का निर्णय लिया. 5000 से भी ज्यादा प्रतिभागियों को परखा गया. इन्हीं के बीच से गीतांजलि को चुना गया. गीतांजलि को ये अवॉर्ड साइंस में उनके बेहतरीन काम और साइबर बुलीइंग से लड़ने के लिए किए गए उनके प्रयासों के लिए दिया गया है. हॉलीवुड एक्ट्रेस और एक्टिविस्ट ऐंजलीना जोली ने उनका इंटरव्यू लिया.
गीतांजलि को इससे पहले अमेरिका का टॉप यंग साइंटिस्ट का अवॉर्ड भी मिल चुका है. उन्होंने टेडएक्स इवेंट के लिए भी स्पीच दी थी. गीतांजलि आगे जाकर मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से जेनेटिक्स की पढ़ाई करना चाहती हैं.

#27 साल पुराने फ्रीज किया गया था भ्रूण, अब गूंजी किलकारी
अक्टूबर 1992 में एक भ्रूण फ्रीज किया गया. अब लगभग 27 साल बाद उस भ्रूण का इस्तेमाल हुआ. एक बच्ची पैदा हुई है. इसका नाम मॉली रखा गया है. मामला अमेरिका का है. यहां पर टीना गिब्सन नाम की महिला के गर्भ में इस भ्रूण को डाला गया था. फरवरी 2020 में. अब बच्ची का जन्म हुआ है. इंट्रेस्टिंग बात ये है कि जब इस भ्रूण को 1992 में फ्रीज किया गया था, तब टीना मुश्किल से डेढ़ साल की थीं. टीना गिब्सन का जन्म 1991 में हुआ था. उनकी शादी को अब 10 साल हो चुके हैं. वह पिछले काफी समय से प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी. उनके पति बेंजामिन सिस्टिक फायब्रोसिस के मरीज हैं. इस बीमारी की वजह से उनकी फर्टिलिटी पर असर पड़ा था. साल 2017 में टीना के पैरेंट्स ने नेशनल एंब्रायो डोनेशन सेंटर नाम की संस्था के बारे में पढ़ा था. ये महिलाओं को भ्रूण गोद लेने में मदद करती थी. पहले तो टीना ने इस आइडिया पर खास विचार नहीं किया, लेकिन बाद में उन्होंने पति के साथ इस संस्था में जाने का फैसला किया. और अब उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है.

#रिपोर्ट ने बताया, न्यूजरूमों से गायब हैं महिलाएं
बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की एक रिपोर्ट आई है. नाम है The Missing Perspectives of Women in News. छह देशों पर सर्वे के बाद ये रिपोर्ट दी गई है. ये देश हैं- भारत, अमेरिका, इंग्लैंड, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका और केन्या. इसमें कहा गया कि साल 2000 से न्यूज रूम्स में महिलाओं की संख्या नहीं बढ़ी है. ख़ासतौर पर लीडरशिप और मैनेजमेंट वाले पदों पर. इस रिपोर्ट को लिखने वाली लूबा कसोवा ने कहा कि 21वीं सदी में खबरें मुख्यतया पुरुषों द्वारा पुरुषों के लिए प्रोड्यूस की जाती हैं. उनमें फीचर भी पुरुष करते हैं, और ऐसी खबरें देखने-पढ़ने वाले भी अधिकतर पुरुष हैं. सर्वे में जो डेटा मिला, उसमें पिछले एक दशक में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा है. ख़बरों में महिलाओं की आवाज़ और उनका हिस्सा अब भी हाशिए पर है. कसोवा के अनुसार, ख़बरों में महिलाओं को एक्सपर्ट, मुख्य किरदार के तौर पर कोट किए जाने की संभावना दो से छह गुना कम है. यही नहीं, स्टडी में शामिल इन सभी देशों में लिंगभेद और स्त्री-पुरूष बराबरी से जुड़े मुद्दों की कवरेज लगभग गायब है.

#भारत की कॉमिक बुक सुपरहीरो प्रिया लड़ेगी कोरोनावायरस से
डिजिटल मीडिया में भारत की पहली महिला सुपरहीरो प्रिया की सीरीज में नई क़िस्त आई है. इसमें वो मास्क पहनकर कोरोना वायरस से लड़ती दिख रही है. प्रिया पाकिस्तान की सुपरहीरो बुर्का एवेंजर के साथ मिलकर इस महामारी के बारे में लोगों को जागरूक करती है. इसमें साथ देती है, उसकी साथी बाघिन, जिसका नाम है साहस. इस बार कॉमिक्स के साथ उसका एक हिस्सा वीडियो में भी रिलीज किया गया है. बाघिन की आवाज़ विद्या बालन ने आवाज़ दी है. वहीं प्रिया की आवाज़ एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर की है. ‘प्रियाज़ मास्क’ नाम का ये एपिसोड चौथी क़िस्त है इस सीरीज की. इसमें वो फ्रंटलाइन वर्कर्स की मेहनत और उनके बलिदान की भी बात करती हैं. इससे पहले प्रिया की तीन और किस्तें आ चुकी हैं जिनमें महिला सुरक्षा, एसिड अटैक और सेक्स ट्रैफिकिंग पर फोकस था. प्रिया की ताकत है उसकी दया और सहानुभूति है. वहीं साहस एक उड़ने वाली बाघिन है, जो उसे हर जगह लेकर जाती है.

#आज की ऑडनारी
इस सेक्शन में हम आपको मिलवाते हैं, एक ऐसी आम महिला या लड़की से, जो कोई सिलेब्रिटी नहीं होती. लेकिन उससे देश की सभी महिलाएं प्रेरणा ले सकती हैं.आज की ऑडनारी हैं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहने वाली विटट्न देवी. इन्होंने निर्णय लिया है कि वो अपनी ज़मीन सरकार को दे देंगी. आजतक के पत्रकार पुष्पेन्द्र सिंह के मुताबिक़, मैनपुरी जनपद के किशनी तहसील के चितायन गांव की रहने वाली हैं विटट्न देवी. उनका कहना है कि घरवालों से उन्हें कुछ नहीं मिलता. जो कुछ भी है, सरकार देती है. इसलिए अपनी साढ़े ग्यारह बीघा ज़मीन वो पीएम मोदी के नाम कर देंगी. लिखा-पढ़ी कराने जब वो तहसील पहुंचीं, तब ये बात सामने आई. जिन वकील के पास उन्होंने पहुंचकर बात की, उन्होंने बताया कि परिवारवालों से भी बात की जाएगी. लेकिन तब भी अगर वो जमीन दान करना चाहेंगी, तो PMO के नाम पर उनकी ज़मीन की लिखा-पढ़ी करके ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

तो ये थीं आज की ख़बरें. अगर आप भी जानते हैं ऐसी महिलाओं को, लड़कियों को, जो दूसरों के लिए मिसाल हैं, तो हमें उनके बारे में बताइए. मेल करिए lallantopwomeninnews@gmail.com
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