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बुखार में ना लें एंटीबायोटिक दवाइयां, बड़ी दिक्कत हो जाएगी

आजकल फ्लू बहुत फैला हुआ है. हर दूसरे इंसान को गले में दर्द और बुखार हो रहा है. लोग अपने मन से दवाइयां लेकर गलती कर रहे हैं.

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why you should not take antibiotics in viral fever
एंटीबायोटिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए बनी हैं, फ्लू एक वायरल इन्फेक्शन है. (सांकेतिक फोटो)
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सरवत
20 मार्च 2023 (Updated: 20 मार्च 2023, 19:43 IST)
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मुझे जब भी गले में खराश होती है, उसके 1-2 दिन के अंदर बुखार आ जाता है. ऐसा ज़्यादातर लोगों के साथ होता है. अब बचपन से जब भी मुझे बुखार आता था तो तुरंत बुखार उतारने की दवाई दे दी जाती थी. मैं अब भी यही करती हूं. साथ ही गले में दर्द और इन्फेक्शन के लिए एंटीबायोटिक दी जाती थी. कुछ बहुत ही आम एंटीबायोटिक दवाइयां हम सबके घरों में होती ही हैं. हो सकता है मेरी तरह आप में से भी बहुत सारे लोग ऐसी सिचुएशन में एंटीबायोटिक दवाइयां लेते हों. लेकिन कुछ समय पहले मुझे पता चला कि मैं कितना बड़ा ब्लंडर कर रही थी. इसमें ब्लंडर क्या है, थोड़ी देर में बताते हैं.

आजकल फ्लू बहुत फैला हुआ है. हर दूसरे इंसान को गले में दर्द और बुखार हो रहा है. ऐसे में ज़्यादातर लोग ठीक होने के लिए एंटीबायोटिक्स खा रहे हैं. ये गलती ना करें. ऐसा हम नहीं, ख़ुद डॉक्टर्स कह रहे हैं.

बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन में फ़र्क

ये हमें बताया डॉक्टर स्फूर्ति मान ने.

Dr. Sfurti Mann - Consultant Physician - Book Appointment Online, View  Fees, Feedbacks | Practo
डॉक्टर स्फूर्ति मान, हेड, इंटरनल मेडिसिन, सनर हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम

अक्सर हमें लगता है बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन एक ही होते हैं. लेकिन इन दोनों में फ़र्क होता है. बैक्टीरिया और वायरस बहुत ही छोटे जीव होते हैं, जो हमारे अंदर इन्फेक्शन पैदा करने की क्षमता रखते हैं. बैक्टीरिया कुछ अच्छे भी होते हैं. ये हमारे पेट और पाचन तंत्र में पाए जाते हैं. कुछ ऐसे बैक्टीरिया भी हैं, जिनसे सीरियस इन्फेक्शन हो सकते हैं. हो सकता है कि ये सांस का इन्फेक्शन हो, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन हो या यूरिन का इन्फेक्शन हो. ये इन्फेक्शन शरीर के किसी भी सिस्टम में हो सकता है. वायरस भी एक तरह के छोटे जीव होते हैं. इनका साइज़ बैक्टीरिया से भी छोटा होता है. इनको तादात में बढ़ने के लिए एक होस्ट की ज़रुरत होती है. जैसे HIV, हर्पीस, चिकन पॉक्स, इन्फ्लुएंजा इत्यादि. ये सारे वायरस ही हैं.

लक्षणों में क्या फ़र्क होता है?

वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लक्षणों में कुछ बेसिक फ़र्क होता है. वायरल इन्फेक्शन में बुखार के साथ थकान होती है. मांसपेशियों में दर्द होता है. सिर में दर्द होता है. अचानक से जोड़ों में दर्द होता है. ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो ज़्यादा चांस है कि ये वायरल इन्फेक्शन है. वायरल इन्फेक्शन 2-3 दिन से लेकर हफ़्तेभर में ठीक हो जाता है. बुखार बहुत तेज है और सही नहीं हो रहा है, बहुत ठंड लग रही है और खांसी में गाढ़ा बलगम आ रहा है, तो चांस है सेकेंडरी बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो रहा है. कई बार टाइफायड, जो कि एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, उसमें हफ़्तेभर से ज़्यादा बुखार रह सकता है. पेशाब के बैक्टीरियल इन्फेक्शन में भी लंबे समय तक तेज़ बुखार कंपन के साथ महसूस होता है.

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अक्सर हमें लगता है बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन एक ही होते हैं.
दोनों का इलाज अलग कैसे?

बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन का इलाज लक्षणों के हिसाब से अलग-अलग होता है. ज़्यादातर वायरल इन्फेक्शन से शरीर की इम्युनिटी अपने आप लड़ती है. इन्फेक्शन 3-5 दिन में ठीक हो जाता है. बचाव के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें. गरारे कर सकते हैं. अगर 5-7 दिन में इन्फेक्शन सही नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं. क्योंकि उस केस में हो सकता है सेकेंडरी बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो. बैक्टीरियल इन्फेक्शन का इलाज एंटीबायोटिक और बाकी दवाइयों से होता है. ख़ास एंटीबायोटिक, ख़ास तरह के इन्फेक्शन को ठीक करती हैं.

Viral Fever Causes and Overview
एंटीबायोटिक दवाइयां केवल बैक्टीरियल इन्फेक्शन में ही असर करती हैं.
एंटीबायोटिक वायरल इन्फेक्शन में ले सकते हैं?

एंटीबायोटिक दवाइयां केवल बैक्टीरियल इन्फेक्शन में ही असर करती हैं. एंटीबायोटिक दवाइयां वायरल इन्फेक्शन में किसी भी तरह से असर नहीं करती हैं. इसलिए बुखार आते ही एकदम से एंटीबायोटिक्स बिना डॉक्टर की सलाह के न लें. एंटीबायोटिक और एंटीवायरल दवाइयों में फ़र्क होता है. अगर वायरल इन्फेक्शन लंबा चल रहा है या टेस्ट रिपोर्ट में पता चले कि साथ में कोई बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी है, जिसे सेकेंडरी बैक्टीरियल इन्फेक्शन कहते हैं, उस केस में ही डॉक्टर एंटीबायोटिक देते हैं.

बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन का फ़र्क आपने समझ लिया. एंटीबायोटिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए बनी हैं. फ्लू एक वायरल इन्फेक्शन है. इसलिए कोई भी एंटीबायोटिक बिना डॉक्टर की सलाह के ख़ुद हरगिज़ न लें. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: बिना ज़्यादा पैसे खर्च किए शरीर की आयरन की कमी ऐसे ठीक करें

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