'हिंदी में अभी भी गलतियां करती हूं', बुकर वाली गीतांजलि के उपन्यास की अनुवादक डेजी रॉकवेल को जानिए
अमेरिका में रहने वालीं चित्रकार, लेखक और अनुवादक डेजी रॉकवेल ने रेत समाधि को 'हिंदी भाषा के लिए प्रेम पत्र' के रूप में वर्णित किया. कहा, 'हिंदी के साथ मेरा रिश्ता एक लोकल वक्ता से बिल्कुल अलग है. मैं कोई भी भाषा तेज़ी से सीखती हूं, लेकिन मैंने 19 साल की उम्र तक हिंदी सीखना शुरू नहीं किया था.'
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वीडियो- बुकर प्राइज जीतने वालीं गीतांजलि श्री ने 'टूम ऑफ सैंड' के अनुवाद की ये कहानी सुना दी!