ठंड के मौसम में इतनी ज्यादा एलर्जी क्यों होती है?
ठंड में आपको सांस लेने में परेशानी तो नहीं होती?
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ठंडी हवा में सांस लेने में परेशानी, खांसी और खांसी में बलग़म आता है
ठंड आ गई है. वैसे तो इस मौसम में कोई बुराई नहीं है. मतलब बिजली का कितना बिल बच जाता है. पसीने से परेशान नहीं होते. पर नरेंद्र को ठंड का मौसम एकदम पसंद नहीं है. जैसे ही ठंड आती है, उनकी मुसीबतें शुरू हो जाती हैं. भयानक एलर्जी, सांस लेने में दिक्कत. कई सालों से नरेंद्र इस परेशानी से जूझ रहे हैं. 32 साल के हैं. बुलंदशहर के रहने वाले हैं. उन्होंने हमें मेल किया. वो चाहते हैं हम उन्हें कोई ऐसा रामबाण बताएं कि वो इस मुसीबत से छुटकारा पा लें. वैसे जो नरेंद्र की प्रॉब्लम है, वो बहुत आम है. कई लोगों को ठंड में या मौसम बदलते समय एलर्जी, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. तो आज डॉक्टर्स से जानते हैं इसका इलाज. पर पहले पता कर लेते हैं ठंड या बदलते मौसम में सांस लेने में तकलीफ़, एलर्जी वगैरह क्यों होती है?
ठंड, बदलते मौसम में क्यों होती है एलर्जी?
ये हमें बताया डॉक्टर दीपक ने.

डॉक्टर दीपक शुक्ला, एमडी, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज
-पहला कारण. ठंड के मौसम में हवा का सामान्य तापमान कम होता है, जिसके कारण ठंडी हवा जब हम सांस के रूप में अंदर लेते हैं तो फेफड़ों के अंदर तक हवा पहुंचाने वाली ट्यूब्स जिन्हें bronchial tubes कहा जाता है, उनमें सूजन आ जाती है, जिस कारण वो सिकुड़ जाती हैं, इसलिए ठंडी हवा में सांस लेने में परेशानी, खांसी और खांसी में बलग़म आता है
-दूसरा कारण. ठंड में वायरल इन्फेक्शन होने के चांसेज़ बढ़ जाते हैं. इस कारण श्वसन तंत्र (सांस लेने वाला सिस्टम) संक्रमित हो जाता है, फिर सांस लेने में दिक्कत, खांसी, बुखार, नाक से पानी आना, शरीर टूटना जैसे शिकायतें होती हैं.
-तीसरा कारण. हमारे वातावरण में कुछ आयन होते हैं, जिनमें कुछ चार्जेज़ होते हैं. मौसम के साथ इन चार्जेज़ में बदलाव आता है, ऐसे में एलर्जी के लक्षण पाए जाते हैं.
मौसम के बदलाव के साथ क्या हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं?
-ब्रोन्कियल अस्थमा बढ़ जाता है
-ब्रोंकाइटिस बढ़ जाना
-सांस लेने में कठिनाई होना
-खांसी
-बुखार
-नाक से पानी आना

-आंखों में खुजली
-बलग़म का बनना
-शरीर में खुजली
-सिर दर्द
-शरीर का टूटना
आपने डॉक्टर साहब से कारण जान लिए. पर क्या आपको पता है कई बार आप खुद ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे हालात और खराब हो जाते हैं. क्या हैं वो गलतियां और क्या है इसका इलाज. चलिए वो जान लेते हैं.
क्या गलतियां नहीं करनी हैं
-हमेशा जिन चीज़ों से एलर्जी है उनसे बचकर रहें
-धूल में हमेशा मास्क पहनकर निकलें
-सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें
-ठंड में ठंडी चीज़ों का सेवन कम से कम करें
-ठंड में खटाई, दही का सेवन कम करें
-जिन लोगों को ठंड में सांस लेने की समस्या होती रहती है, वो जब एक्सरसाइज़ या योग करने के लिए निकलें तो ध्यान रखें सूरज निकल चुका हो
-तापमान ठीक हो. ज़्यादा ठंड से बचें

-एक्सरसाइज़ करने जाएं तो दवाइयां लेकर जाएं
-खांसी करते समय रुमाल का इस्तेमाल करें
-ठंड के समय पूरे कपड़े पहनकर निकलें
इलाज
-इस मौसम में अपने शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत रखें
-अच्छा संतुलित आहार लेना चाहिए
-शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए. पानी ज़्यादा पीना चाहिए
-यदि कोई बीमारी आपको लंबे समय से है जैसे दिल की बीमारी, हाइपरटेंशन, डाईबिटीज़ वगैरह. तो इनकी दवाइयां सही समय पर लेते रहना चाहिए
-अगर आप अडल्ट है तो आपको हर साल इन्फ्लुएंजा वैक्सीन लगवाना चाहिए
-यदि आप 65 साल के ऊपर हैं तो आपको pneumococcal वैक्सीन लगवानी चाहिए

-मौसम बदलने के साथ आपको कोई भी परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
-अगर सांस लेने में दिक्कत है तो एक pulmonologist से मिलें
-सांस की तकलीफ़ के लिए इन्हेलर दिए जाते हैं. इनमें दवाई होती है. ये दवाई सीधे फ़ेफ़ड़ों तक जाती है. लंबे समय तक इसका असर रहता है. इसके साइड इफ़ेक्ट न के बराबर होते हैं
-इन्हेलर सही से लेना ज़रूरी है
-कुछ एंटी एलर्जिक दवाइयां होती हैं जिनको लेने से एलर्जी के लक्षण कम किए जाते हैं
-बलग़म ज़्यादा बन रहा है तो Mucolytics दिए जाते हैं. जिससे आपका बलग़म पतला हो जाता है और इसे निकालने में परेशानी नहीं होती
उम्मीद है जो भी लोग ठंड में एलर्जी या सांस की दिक्कत से परेशान हैं, उन्हें इन टिप्स से काफ़ी मदद मिलेगी.
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