प्लेन में सिर्फ महिला क्रू रखने के लिए शख्स ने माथा खराब करने वाला तर्क दे दिया
एविएशन सेक्टर के दिग्गज संजीव कपूर ने जवाब दे दिया है!
Advertisement
हम अक्सर बात करते हैं कि महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. इंटरनेट पर मौजूद लोगों की एक बड़ी आबादी भी इसी तरह की बात करती है. लेकिन कुछ लोग भावनाओं में इतने बह जाते हैं कि समझ नहीं पाते कि सही बात को गलत तर्क के साथ रखना भी गलत ही हो जाता है.
ऐसे ही एक शख्स ने ट्विटर पर मांग रखी कि एयर लाइंस को ऑल विमेन केबिन क्रू रखना चाहिए. विचार अच्छा है, पर इसके पीछे जो तर्क उन्होंने दिया उसने विचार की मिट्टी पलीद कर दी.
विशाल श्रीवास्तव नाम के एक शख्स ने ट्वीट किया,
"एयरइंडिया, एयरविस्तारा, एयर एशिया, आपके पास मेल केबिन क्रू क्यों है? अगर आप फ़ीमेल केबिन क्रू रखेंगे तो प्लेन का वज़न 100 किलो कम हो जाएगा. इससे अगर प्रति फ़्लाइट 1000 रुपए भी बचते हैं और आप हर दिन 100 फ़्लाइट्स ऑपरेट करते हैं तो सालभर में आप लगभग 3.65 करोड़ रुपये बचा लेंगे."
ये महाशय कहना चाह रहे हैं कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम भारी होती हैं इसलिए उन्हें फ़्लाइट में बतौर केबिन क्रू रखा जाए. इससे फ़्लाइट का वज़न कम होगा और तेल का खर्च भी. मतलब कुछ भी. ये मानना कि औरत है तो वज़न कम ही होगा या होना चाहिए अपने आप में सेक्सिस्ट है. ये फ्लाइट में केबिन क्रू के तौर पर काम करने वाले हर व्यक्ति को ऑब्जेक्टिफाई करता है कि उनका शरीर कैसा होना चाहिए. शरीर की बनावट लोगों के लिए इतना मायने रखती है कि वो ये मान ही नहीं पाते कि एक महिला और पुरुष पायलट का वज़न बराबर हो सकता है, क्योंकि वो फ्लाइट में काम करने वाली महिलाओं को एक तय मानक से अलग इमैजिन ही नहीं कर पाते हैं. खैर ये तो हुई हमारी बात. विशाल श्रीवास्तव के ट्वीट का जवाब दिया एविएशन के वेटरन माने जाने वाले संजीव कपूर ने. उन्होंने लिखा,@airindiain @airvistara @AirAsiaIndia why do you have male cabin crew? If you operate with female cabin crew you can save 100kgs on cabin crew. If INR 1000 per flight, if you operate 100 flight per day you will save INR 3.65 crore per year. Got inspired by @PranjalKamra
— Vishal Srivastava (@deadbody_1) March 22, 2022
"ये सही है कि जितना वज़न कम होगा उतने ही तेल की बचत होगी. लेकिन ये तर्क भी सही नहीं. मेरा मानना है कि इससे जेंडर डिस्क्रिमिनेशन होगा. यह ज्यादातर जगहों पर गैर कानूनी भी है."
Of course the lower the weight, the more the fuel savings. Does not make it right though. In my view it is a form of gender discrimination. Illegal in most places. — Sanjiv Kapoor (@TheSanjivKapoor) March 22, 2022बता दें कि संजीव कपूर 4 अप्रैल को जेट एयरवेज़ के CEO का पद संभालने वाले हैं. संजीव कपूर की लीडरशिप में ही 2014-15 में स्पाइस जेट मुश्किल दौर से बाहर निकला था. एविएशन सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि संजीव कपूर के आने से जेट एयरवेज़ रिवाइव कर सकता है.