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बार-बार हो रहा सिरदर्द? कहीं ये 'टेंशन हेडेक' तो नहीं, जानें कितना खतरनाक है

'टेंशन टाइप हेडेक' सिर के सामने या दोनों तरफ होता है.

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Tension headache
माइग्रेन के बाद ये दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला सिरदर्द है.
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आयूष कुमार
27 जुलाई 2023 (Updated: 27 जुलाई 2023, 04:47 PM IST) कॉमेंट्स
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अनुज 23 साल के हैं. कॉर्पोरेट जॉब करते हैं. ये पढ़कर आपको समझ में आ ही गया होगा कि रोज़ वो कितना तनाव (Stress) में रहते होंगे. पिछले कुछ समय से जब भी वो ज़्यादा स्ट्रेस में होते हैं तो उन्हें सिर में अजीब सा दर्द महसूस होता. सिर के पिछले हिस्से में तनाव महसूस होता है और ये दर्द कंधे तक जाता है. ऐसा लगता है जैसे किसी ने सिर को जकड़ा हुआ है. पहले अनुज को लगा कि उनका बीपी बढ़ गया है, जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है. पर बीपी चेक करवाने पर नॉर्मल निकला. अब अनुज जानना चाहते हैं कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है. कहीं कोई सीरियस बात तो नहीं और इस तेज सिर दर्द का इलाज क्या है?

दरअसल अनुज जिस समस्या से जूझ रहे हैं उसे बोलचाल की भाषा में कहते हैं 'टेंशन हेडेक' (Tension Headache). नाम से साफ़ ज़ाहिर है ऐसा तब होता है जब इंसान तनाव में होता है. अगर सिर दर्द लगातार हो रहा है तो जान लीजिए कहीं ये टेंशन हेडेक तो नहीं?

टेंशन हेडेक क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर नेहा कपूर ने.

( डॉक्टर नेहा कपूर, हेड, न्यूरोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद)  

'टेंशन हेडेक' एक तरह का सिरदर्द है. माइग्रेन (Migrane) के बाद ये दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला सिरदर्द है. आमतौर पर मरीज को सिर के सामने, सिर के दोनों तरफ दर्द होता है. कुछ मरीजों को सिर के पिछले हिस्से, गर्दन और कंधों में भी दर्द होता है. वहीं कुछ मरीजों को सिर के चारों तरफ एक टाइट पट्टा बंधा होने का अनुभव भी होता है. आमतौर पर ये सभी 'टेंशन टाइप हेडेक' के लक्षण होते हैं.

टेंशन हेडेक दूसरी तरह के सिरदर्द से कैसे अलग होता है?

> 'टेंशन टाइप हेडेक' सिर के सामने या दोनों तरफ होता है.

> वहीं माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में ही दर्द होता है और ये जगह बदलता है.

> इसके अलावा 'क्लस्टर हेडेक' भी सिर के एक ही हिस्से में होता है लेकिन ये अपनी जगह नहीं बदलता.

> सिर के किस हिस्से में दर्द हो रहा है और दर्द के पैटर्न को समझ कर ही 'टेंशन हेडेक' की पहचान की जाती है.

कारण

> ये सिरदर्द स्ट्रेस, टेंशन और एंग्जाइटी (चिंता) के कारण होता है. स्ट्रेस, टेंशन और एंग्जाइटी किसी भी कारण से हो सकते हैं.

> इसकी वजह रोज का लाइफस्टाइल, तनाव या नौकरी से जुड़ी चिंता भी हो सकती है.

> इन सब कारणों से 'टेंशन हेडेक' होने लगता है.

इलाज

> 'टेंशन हेडेक' के इलाज में सबसे पहले लाइफस्टाइल सुधारने की सलाह दी जाती है.

> स्ट्रेस और टेंशन को कम करने के लिए कहा जाता है.

> अगर स्ट्रेस और टेंशन ज्यादा है तो इन्हें कम करने के लिए दवाइयां भी दी जाती हैं.

> इसके अलावा योग और रिलैक्स करने की टेक्निक सिखाई जाती हैं.

> साथ ही वो चीजें करने के लिए कहा जाता है जो आपको रिलैक्स महसूस कराती हैं.

> स्ट्रेस कम करने के लिए रोज कम से कम 30 मिनट टहलें.

> इसके साथ ही समय से खाना खाएं, समय पर सोएं और उठें.

> रात की नींद ब्रेन के लिए बेहद जरूरी है, दिन में 4 और रात में 4 घंटे सोने से काम नहीं चलेगा.

> साथ ही दवाइयों के जरिए भी इलाज किया जाता है जैसे कि ट्रिप्टोमर (Tryptomer) और एमीट्रिप्टलीन (Amitriptyline).

> कभी-कभी तेज सिरदर्द होने पर टोपिरामेट (Topiramate) जैसी दवाइयां भी दी जाती हैं.

> हफ्ते में 1 बार से ज्यादा और महीने में 3 बार से ज्यादा इस तरह का दर्द हो तो किसी न्यूरॉलॉजिस्ट को जरूर दिखाएं.

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: क्या होता है टेंशन में होने वाला सिरदर्द, जो माईग्रेन से एकदम अलग है

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