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अचानक से मीठा खाने का मन क्यों करता है?

कुछ लोग वजन कम करने के लिए ऐसी डाइट फॉलो करते हैं जिसमें कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है. जितनी कैलोरी कम खाएंगे, मीठा खाने की इच्छा उतनी ज़्यादा बढ़ती जाती है. लंबे समय तक भूखे रहने से भी मीठा खाने की इच्छा होती है. और भी कारण हैं.

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जितना मीठा खाते हैं, उतना ज़्यादा और मीठा खाने की इच्छा बढ़ती है.
7 दिसंबर 2023 (Updated: 8 दिसंबर 2023, 07:08 PM IST) कॉमेंट्स
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मिठाई. चॉकलेट. पेस्ट्री. हलवा. मुंह में पानी आ गया न सुनकर. मीठा चीज़ ही ऐसी है. किसे खाना नहीं पसंद. हमारे घरों में तो खाना खाने के बाद मीठा खाना एक रिवाज़ जैसा है. पर अगर आपको मीठा खाना कुछ ज़्यादा ही पसंद है तो आज का एपिसोड ख़ास आपके लिए है. क्या आपको मीठा खाने की अचानक तलब होती है? जिसे हम शुगर क्रेविंग बोलते हैं. बिना मीठा खाए आप रह ही नहीं पाते. अगर हां तो ये उतनी आम बात है नहीं जितना आप इसे समझते हैं. मीठा खाने का बहुत ज्यादा मन करना या मीठे की तलब होने के पीछे कुछ वजहें हैं. क्या हैं ये वजहें और इसको कैसे कंट्रोल कर सकते हैं जानते हैं डॉक्टर्स से.

मीठा खाने की तलब ज़्यादा क्यों होती है?

ये हमें बताया डॉक्टर अंबरीश मिथल ने. 

( पद्म भूषण डॉ. अंबरीश मिथल, चेयरमैन, एंडोक्रोनोलॉजी, मैक्स, दिल्ली)

कई बार लोगों को मीठा खाने की आदत पड़ जाती है, इसे कंडीशन रिफ्लेक्स कहा जाता है. बचपन से पड़ी आदत के चलते लोग ज़्यादा मिठाई खाते हैं, उन्हें मिठाई न खाने पर अजीब लगता है. कई बार तनाव के कारण या नींद पूरी न होने के कारण भी मीठा खाने की इच्छा बढ़ती है. कुछ लोग वजन कम करने के लिए ऐसी डाइट फॉलो करते हैं जिसमें कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है. जितनी कैलोरी कम खाएंगे, मीठा खाने की इच्छा उतनी ज़्यादा बढ़ती जाती है. लंबे समय तक भूखा रहने से भी मीठा खाने की इच्छा होती है. अगर खाने में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और अच्छे फैट नहीं हैं, तब भी मीठा खाने का मन करता है. अच्छा फैट बादाम, अखरोट और जैतून के तेल में मौजूद होता है. इन्हें नाश्ते में खाएं.

ज़्यादा मीठा खाने से क्या नुकसान होता है?

जितना मीठा खाते हैं, उतना ज़्यादा और मीठा खाने की इच्छा बढ़ती है. मीठा खाने से शरीर में एकदम से इंसुलिन बनता है. ये इंसुलिन मीठे को हज़म करने में मदद करता है, इसके पचते ही फिर से मीठा खाने की इच्छा होती है. इसलिए मीठा खाने की आदत को कम करना जरूरी है. क्योंकि मीठा खाने से दोबारा मीठा खाने की इच्छा बढ़ती है, जिससे वजन बढ़ेगा और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ जाएगा.

मीठा खाने की क्रेविंग को कैसे कंट्रोल करें?

दिन की शुरुआत अच्छे नाश्ते से करें. इसमें प्रोटीन जरूर हो. इसके लिए अंडा, पनीर या दाल खा सकते हैं. साथ ही नाश्ते में फाइबर भी जरूरी है. अगर रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, जैसे कि मैदा या सफेद ब्रेड खाएंगे तो जल्दी भूख लगेगी. इसलिए नाश्ते में अच्छी मात्रा में फाइबर होना जरूरी है. अच्छे फैट के लिए बादाम, अखरोट और पिस्ता जैसे मेवे खा सकते हैं. अच्छा नश्ता करने से जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगेगी और मीठा खाने की इच्छा नहीं होगी. ऐसा सिर्फ परिवार के किसी एक सदस्य को नहीं, बल्कि सबको करना चाहिए, इसलिए घर में मीठा न ही रखें. क्योंकि अगर घर में कोई मिठाई होगी तो खुद को कंट्रोल करना मुश्किल होगा.

काफी लोग नाश्ते के काफी समय बाद दोपहर का खाना खाते हैं. ऐसे में जब भी भूख लगेगी तो मीठा खाने की इच्छा होगी. इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा खाना खाते रहें, ज्यादा देर तक भूखे न रहें. साथ ही तनाव कम रखें. नींद पूरी करें. जब भी मीठा खाने की इच्छा हो, अपना ध्यान बटाएं और कुछ और काम करें. ऐसा जब भी हो तो फल और ड्राई फ्रूट्स खाएं, लेकिन मिठाई और चॉकलेट न खाएं. प्रोटीन, फाइबर और अच्छे फैट वाली चीजें खाने से मीठा खाने की इच्छा कम होगी और आप इस आदत को छोड़ पाएंगे. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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