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Russia-Ukraine War: यूक्रेन की इन महिलाओं ने साहस की नई इबारत लिख दी!

महिला सांसद ने उठाई AK-47. बूढ़ी महिला ने बेखौफ होकर किया सैनिक का सामना.

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तस्वीर में यूक्रेन सांसद रुदीक, सनफ़्लावर लेडी और कीव निवासी ओक्साना गुलेन्को (सोशल मीडिया/रायटर्स)
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सोम शेखर
26 फ़रवरी 2022 (Updated: 26 फ़रवरी 2022, 01:51 PM IST) कॉमेंट्स
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव का आज तीसरा दिन है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन इसे 'स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' कह रहे हैं. वहीं यूक्रेन इसे अपने ऊपर हमला बताकर जंग के मैदान में टिका हुआ है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने देश के नागरिकों से आगे आकर लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए कहा है. वहीं कई नेता खुद हथियार उठाकर मोर्चे पर डटे हुए हैं. 'एके-47 उठाना मुझे उम्मीद देता है' एक ऐसी ही तस्वीर यूक्रेन की सांसद कीरा‌ रुदीक की है. जिन्होंने हाथ में एक एके-47 पकड़ी हुई है. इंडिया टुडे से की बातचीत में कीरा ने कहा,
"जब युद्ध शुरू हुआ तो मैं बहुत गुस्से में थी. मैं अभी भी बहुत गुस्से में हूं. मुझे अभी भी समझ नहीं आ रहा कि पड़ोसी देश (रूस) और पुतिन यूक्रेन को अस्तित्व के अधिकार से कैसे वंचित कर सकते हैं! मैं गुस्से में हूं क्योंकि मुझे और मेरे पूरे परिवार को अपना शहर छोड़ना पड़ रहा है. और यह सब इसलिए कि एक पागल तानाशाह हमें ऐसा करने को मजबूर कर रहा है."
कीरा ने बताया कि अपने परिवार की रक्षा करने के लिए हथियार उठाना उन्हें बहुत दुखी करता है, लेकिन यह यूक्रेन का चयन नहीं है. उन्होंने कहा,
"मैं अपने परिवार की रक्षा कर रही हूं और मैं रेज़िस्टेंस ग्रुप्स का आयोजन भी कर रही हूं, जो सड़कों पर रूसी सैनिकों से लड़ रहे हैं क्योंकि जहां से ये सैनिक आए हैं, उन्हें वापस जाना होगा. हम एक स्वतंत्र देश हैं और चाहे जो भी हो जाए हम अपनी संप्रभुता की रक्षा करेंगे क्योंकि मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे उस यूक्रेन में बड़े हों जो मैंने बनाया है, न कि व्लादिमीर पुतिन ने."
इंडिया टुडे से हुई बातचीत में यूक्रेन की सांसद ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने घर की सीढ़ियों के नीचे जूते की अलमारी को बंकर बना लिया है. जब भी सायरन बजते हैं, रुदीक और उनके बच्चे 'टर्टल गेम' खेलते हैं और बंकर में छिप जाते हैं. 'सनफ़्लावर लेडी' यूक्रेन से एक वीडियो भी आया है. ये वीडियो पोर्ट सिटी Henichesk का है. वीडियो में एक यूक्रेनियन औरत एक हथियारबंद रूसी सैनिक से कह रही है,
"कौन हो तुम? तुम्हारी यहां कोई ज़रूरत नहीं है!"
हथियारों से लैस सैनिक दूसरी ओर इशारा करते हुए कहता है,
"हमें यहां कुछ काम है. आप उस तरफ़ जाइए."
इसके बाद वीडियो में महिला सैनिक को कुछ देते हुए कहती है,
"तुमने हमपर कब्ज़ा किया है. तुम फासीवादी हो. तुम इन बंदूकों और तोपों के साथ हमारी ज़मीन पर क्या कर रहे हो! कम से कम यह बीज ले लो और अपनी जेब में रख लो. ताकि जब तुम सब इस ज़मीन में दफ़न हो जाओ, तो तुम्हारी क़ब्र पर सूरजमुखी उगें."
वीडियो को एक राहगीर ने शूट किया है और सोशल मीडिया पर महिला की हिम्मत की तारीफ़ हो रही है. एक यूज़र ने लिखा, 'कितनी साहसी महिला है! अत्याचार के ख़िलाफ़ कितनी बुलंदी से खड़ी है!' वहीं दूसरे यूज़र ने लिखा, 'यह साहस अद्भुत है. हम आपके साथ खड़े हैं.' चूंकि महिला ने सैनिक को सूरजमुखी के बीज दिए, इसलिए उन्हें 'सनफ्लावर लेडी' कहा जा रहा है. रोक लिए आंसू, गाती रही राष्ट्रगान रूसी सैनिकों के यूक्रेन में घुसने के साथ ही हवाई बमबारी लगातार चल रही है. डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले 24 घंटों में 33 से ज़्यादा सिविलियन्स साइट्स पर रूस ने बमबारी की है. इन 33 साइट्स में एक घर ओक्साना गुलेन्को का है. ओक्साना अपने तबाह हुए अपार्टमेंट के अंदर एक वीडियो में मलबे को साफ़ करते हुए अपने देश का राष्ट्रगान गा रही हैं. राष्ट्रगान जिसका अंग्रेज़ी में शीर्षक है - 'ग्लोरी ऐंड फ़्रीडम ऑफ़ यूक्रेन हैज़ नॉट येट पेरिश्ड'. मतलब यूक्रेन की आज़ादी और गौरव अभी तक नष्ट नहीं हुए हैं. न्यूज़ एजेंसी रायटर्स से बात करते हुए ओकसाना ने बताया,
"मैं सो रही थी. एक तेज़ धमाका हुआ और मैं बेडरूम से तीन मीटर दूर एक कॉरिडोर में उड़ कर गिरी. मैं बहुत डर गई थी और फर्श पर रेंगने लगी."
ओक्साना गुलेन्को यूक्रेन की राजधानी कीव के एक सैन्य अस्पताल में काम करती हैं. पिता सोवियत आर्मी में थे और 1980 के दशक में अफ़ग़ानिस्तान में पोस्टेड थे. उनकी सेवा के लिए अन्य सैन्य अधिकारियों की तरह ही उन्हें भी यह अपार्टमेंट दिया गया था. जिस दिन ओक्साना के घर पर यह धमाका हुआ, उस दिन उनकी बेटी के बिज़नेस के लिए एक बड़ा दिन था. रायटर्स के मुताबिक़, ओक्साना की बेटी कात्या एक पेस्ट्री और केक की दुकान चलाती हैं. धमाके वाले दिन उन्हें एक बड़ा ऑर्डर तैयार करना था, लेकिन अब उस पूरे इलाक़े में मलबे के अलावा और कुछ नहीं है. इस युद्ध से वर्ल्ड ऑर्डर कितना बदलेगा, यह तो राजनीतिक विशेषज्ञ बताएंगे, लेकिन एक युद्ध में जो चीज़ें नष्ट हो जाती हैं, दोबारा बन नहीं सकती.. और इसका कोई विश्लेषण नहीं होता.

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