दिल्ली मेट्रो में पत्रकार को घूरते रहे, पीछा तक किया, कुछ लोग बोले- ये तो छोटी बात है
एक शख्स ने कहा, 'आप कश्मीरी हिंदुओं पर हंस रही हैं जिनकी मां-बहनों का रेप हुआ था.'
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साल 2013 में एक टीवी ऐड आया था. टाइटल था 'देख ले तू देखते हुए कैसा दिखता है'. इस ऐड ने दिखाया था कि किसी औरत को घूरना और उसे असहज महसूस करवाना भी एक तरह का हरासमेंट है. ऐसे ही एक हरासमेंट के बारे में न्यूज़लॉन्ड्री की जर्नलिस्ट तनिष्का सोढी ने बताया है.
ट्विटर पर साझा किया अनुभव
तनिष्का सोढी ने घटना का पूरा ब्यौरा अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है. उन्होंने बताया कि 23 मार्च की शाम वो दिल्ली मेट्रो में ट्रैवल कर रही थीं. उस दौरान सामने बैठे दो लोग उन्हें लगातार घूर रहे थे. तनिष्का ने उन लोगों को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की लेकिन वो उन्हें फिर भी घूर रहे थे. ट्वीट्स में तनिष्का ने लिखा है,
"मैं अपने मेट्रो स्टेशन पर उतरी. वो लड़के भी साथ-साथ उतरे. वो मेरे पीछे ही चल रहे थे. बजाय एग्ज़िट पर जाने के मैं एक कोने में जाकर खड़ी हो गई और उनके जाने का इंतज़ार करने लगी. जब वो पंच करने वाली जगह पर पहुंचे तब उन्होंने रुककर चारों ओर देखा. संभवतः वो मुझे ही खोज रहे थे. थोड़ा आगे बढ़कर उन्होंने मुझे देखा और रुककर आपस में कुछ फुसफुसाने लगे. वो मुझे ही घूर रहे थे और मेरे बाहर आने का इंतज़ार कर रहे थे."आगे तनिष्का ने बताया,
"मैंने वहां से गुज़र रहे एक पुलिसकर्मी को उन लड़कों के बारे में बताया. मुझे पुलिस से बात करते देख एक महिला वहां आईं. उन्होंने पूछा कि क्या मैं उन्हीं दो पुरुषों के बारे में बात कर रही हूं? उन्होंने बताया कि वो लड़के उनको भी घूर रहे थे जिस कारण उन्हें अपना कम्पार्टमेंट बदलना पड़ा... पुलिस ने हमसे पूछा कि मैंने तुरंत किसी मेट्रो अधिकारी को क्यों नहीं बताया? जब पुलिस मेरे साथ वहां तक पहुंची तब तक वो लड़के जा चुके थे. पुलिस ने मुझसे कहा कि जब भी ऐसा कुछ हो तो मैं तुरंत इसका विरोध करूं."इस पूरी घटना पर अपने विचार रखते हुए तनिष्का ने एक और ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा,
"ये बता पाना मुश्किल है कि ये स्थितियां कब बढ़ जाती हैं. पब्लिक स्पेस को इस तरह से चलाना जहां औरतों को हर वक़्त अलर्ट रहना पड़े और हमेशा लड़ने के लिए तैनात रहना पड़े. ये थकाऊ है."ये पूरा थ्रेड आप यहां देख सकते हैं.
लोगों ने 'छोटी घटना' कहा तनिष्का ने जो अनुभव साझा किया वो तो डरावना है ही, साथ ही उस पर कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएं भी हैरान करने वाली हैं. इन लोगों का कहना है कि ये कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि तनिष्का के साथ कोई फिज़िकल वायलेंस नहीं हुई. ऐसे एक यूज़र ने लिखा है,Small thread on a small, common incident.
Noticed half way in the metro journey this evening that 2 men, sitting diagonally opposite me, kept staring at me. I looked away + looked back a few times to check, and they were still looking. — Tanishka Sodhi (@tanishka_s2) March 23, 2022
"वाह! आपने इस छोटी सी घटना से खतरा महसूस किया जबकि आप उन कश्मीरी हिंदुओं पर हंस रही हैं जिनकी मां, बहनों और बीवियों का कश्मीरी पंडित नरसंहार के दौरान रेप हुआ था."
Wow you felt threatened by this small incident and you laugh at Kashmiri Hindus whose mothers,sisters,wives & daughters were raped during #KashmiriPanditGenocide — FNO Guy (@FNOguy) March 24, 2022हरासमेंट चाहे किसी भी तरह का हो उसका सबसे ज़्यादा असर व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर होता है. ऐसे में हरासमेंट के लिए कोई मानक तय करना असंवेदनशील ही नहीं अमानवीय भी है. तनिष्का के मामले में ये दिखा है. हालांकि कई लोगों ने तनिष्का के प्रति सहानुभूति का भाव रखते हुए महिला सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लिया है. ऐसे यूजर्स ने बताया कि कैसे इस डर की वजह से उन्होंने अपने घर की बहन-बेटियों को दिल्ली या अन्य बड़े शहरों में पढ़ने या नौकरी से मना कर दिया. कुछ ने बताया कि उनके परिवार की कोई महिला सदस्य दूसरे शहरों में काम कर रही है जिसे उन्होंने सलाह दी है कि अपने बैग में धारदार चीज या जलन पैदा करने वाला कोई स्प्रे हमेशा साथ रखे ताकि अगर तनिष्का जैसी स्थिति में उसे इस्तेमाल कर सके. घूरना है कानूनन अपराध अमूमन किसी लड़की को घूरना, देखकर सीटी बजाना, गाने गाना या किसी तरह के इशारे करने को 'छेड़छाड़' समझा जाता है. जबकि ये सब यौन उत्पीड़न का ही हिस्सा है. भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (सी) कहती है कि किसी महिला को अधिक देर तक घूरना या बिना उसकी मर्ज़ी के उसकी तस्वीर खींचना अपराध है. इसके लिए आरोपी को 1 से 3 साल तक की सज़ा हो सकती है. वहीं आईपीसी की धारा 294 के अनुसार किसी भी महिला को देखकर अश्लील इशारा करने, अभद्र संदर्भ में कविता सुनाने या गाना गाने पर तीन महीने की जेल हो सकती है. इसके अलावा धारा 509 की बात करें तो 'स्त्री की एकांतता का अतिक्रमण' यानी उसकी प्राइवेसी का उल्लंघन करने पर तीन साल की सज़ा और जुर्माना भरना पड़ सकता है.