The Lallantop
Advertisement

यूपी की ये लड़कियां कंपटीशन में जीतीं, फिर अपने मेडल दूसरों में क्यों बांट दिए?

इन लड़कियों ने मिसाल पेश की है.

Advertisement
Img The Lallantop
बहराइच के अजीजपुर प्राथमिक विद्यालय की छात्राओं ने खेल प्रतियोगिता में कई पुरस्कार जीते.
pic
मुरारी
17 दिसंबर 2020 (Updated: 17 दिसंबर 2020, 06:31 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के एक प्राथमिक विद्यालय की लड़कियों ने मिसाल पेश की है. इन लड़कियों ने उन साथी खिलाड़ियों को अपने पुरस्कार दे दिए, जिनके लिए खेल प्रतियोगिता में जीतने के बाद भी पुरस्कार का इंतजाम नहीं हो पाया. इन लड़कियों का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनकी दोस्तों का हौसला ना टूटे और उनके टैलैंट की भी कद्र हो. यह प्रतियोगिता यूपी सरकार की मिशन शक्ति (Mission Shakti) योजना के तहत आयोजित की गई थी.
क्या है मामला?
बहराइच जिले के अजीजपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर राजेश ने हमें बताया-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम मिशन शक्ति के तहत बहराइच के इंदिरा स्टेडियम में खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया था. यह प्रतियोगिता जिला स्तर की थी. हमारे स्कूल की लड़कियां भी इसमें भाग लेने गईं. लेकिन वहां जाकर पता चला कि प्रतियोगिता में डिग्री और इंटर कॉलेज के प्रतिभागी भी हिस्सा ले रहे हैं. इनके साथ कक्षा चार के बच्चों का मुकाबला संभव नहीं था. हमने जब अपनी चिंता प्रशासन के सामने जाहिर की, तो प्रतियोगिता को दो स्तरों में बांटा गया. जूनियर लेवल और सीनियर लेवल. हमारे कुछ बच्चों ने सीनियर लेवल पर भी हिस्सा लिया.
हेडमास्टर राजेश ने हमें आगे बताया-
हमारे बच्चों ने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. एक-एक बच्चे ने तीन-तीन प्रतियोगिताएं जीतीं. कुछ बच्चे यह जानकर भी हताश हुए कि उनका मुकाबला उनसे उम्र में कहीं ज्यादा बड़े लोगों से हो रहा है. हालांकि, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. कई बच्चे दूसरी और तीसरी पोजिशन पर आए और उन्हें ईनाम नहीं मिला. फिर जिन बच्चों को दो या तीन पुरस्कार मिले थे, उन्होंने अपने पुरस्कार उन बच्चों को दे दिए.

जो आयोजक नहीं दे सके, वो बच्चों ने दिया

अजीजपुर प्राथमिक विद्यालय की 25 लड़कियां इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गई थीं. इनमें से 12 लड़कियां जीतकर लौटीं. विद्यालय की शिक्षिका मधुलिका चौधरी अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखती हैं-
एक टीचर की हैसियत से शील्ड उठाने का गौरव तो बच्चों ने बहुत बार दिया है लेकिन जो आज देखा, वह सचमुच में आंखें भिगो देने वाला दृश्य था. बच्चों ने अपने पुरस्कार में जीते हुए ट्रैक सूट और मेडल अपने साथी खिलाड़ियों को दे दिए. गांव के सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए ट्रैक सूट की क्या कीमत है, यह वही समझ सकते हैं जो इनको नजदीक से जानते हैं. इन बच्चों ने साबित किया है कि वो खुशी जिसमें सब शामिल ना हों, किसी काम की नहीं होती.
पुरस्कार लेने के बाद अपनी पूरी टीम के साथ अजीजपुर प्राथमिक विद्यालय की छात्राएं
पुरस्कार लेने के बाद अपनी पूरी टीम के साथ अजीजपुर प्राथमिक विद्यालय की छात्राएं

इसी तरह शिक्षक राजेश कहते हैं कि हमारे विद्यालय के बच्चे पहले भी जिला स्तर पर खेल चुके हैं. उनके अंदर प्यार और सहयोग की भावना है. इन बच्चों ने हमारा नाम रोशन किया है. हम इनकी हर तरह से मदद करेंगे.

हम दोस्तों को दुखी नहीं देखना चाहते

इस खेलकूद कार्यक्रम में रिले, 100, 200 और 400 मीटर की दौड़ के साथ-साथ लंबी कूद, गोला फेंक, बॉक्सिंग, बैडमिंटन और ताइक्वांडो जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं. निधि ने दो प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार जीता. निधि को दो ट्रैक सूट मिले. निधि ने एक ट्रैक सूट अपनी साथी खिलाड़ी मारिया को दे दिया.
इसी तरह महक और आंचल को भी दो-दो पुरस्कार मिले, लेकिन काजल और वंशिका को जीत के बाद भी प्राइज नहीं मिल सका. ऐसे में महक और आंचल ने अपना एक-एक ट्रैक सूट उनको दे दिया. बबीता ने तीन पुरस्कार जीते. इसमें से एक पुरस्कार उसने सुनिधि को दे दिया. बबीता ने बताया कि वह चाहती थी सुनिधि के टैलेंट की भी कद्र हो क्योंकि उसने भी एक प्रतियोगिता जीती थी.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement