Creative Ads के नाम पर महिलाओं के साथ चल रहा घिनौना काम
'टेस्ट में बेस्ट, मम्मी और एवेरेस्ट' से लेकर 'जो बीवी से करे प्यार, वो प्रेस्टीज से कैसे करे इनकार' तक हर जगह आपको यही हाल दिखेगा.

"औरतों के पैर आदमियों से पांच गुना ज़्यादा बुरा स्मेल करते हैं. अगर आपको भरोसा नहीं है, तो सूंघकर देख लीजिए"इसके बाद एक और पोस्ट किया,
"औरतों की छाती से ज़्यादा स्ट्रांग स्मेल आती है. औरतों के बाल पुरुषों से ज्यादा गंदे होते हैं क्योंकि वो उसे कम धोती हैं और उनके लंबे बालों के कारण कीटाणु ज़्यादा होते हैं"इस पोस्ट को लेकर लोगों ने P&G को खूब लताड़ लगाई. पूछा- भई किस आधार पर आप ये दावा कर रहे हो वो तो बताओ. कंपनी के पास कोई जवाब नहीं था सो उन्होंने माफ़ी मांग ली. अब इस मामले के बाद बहुत लोगों पूछा कि प्रोडक्ट्स बेचने के लिए आखिर कब ये विज्ञापन स्त्री विरोधी होना बंद करेंगे? विज्ञापनों के लिए 'वस्तु' है लड़कियां! ऐड्स का इतिहास उठाकर देखेंगे तो आप पाएंगे कि हमारे समाज की तरह ये भी पर्याप्त सेक्सिस्ट रहे हैं. 'टेस्ट में बेस्ट, मम्मी और एवेरेस्ट' से लेकर 'जो बीवी से करे प्यार, वो प्रेस्टीज से कैसे करे इनकार' तक हर जगह आपको यही हाल दिखेगा. ये ऐड्स भी आपको वही मैसेज देंगे जो एक पुरुषसत्तात्मक समाज देता है. खाना पकाना औरत का ही काम है से लेकर घर के लिए सामान पुरुष ही खरीदकर लाएगा टाइप की भावना वाले. लेकिन इन सब के अलावा भी कुछ ऐड्स ऐसे हैं जो बहुत ज़्यादा आपतिजनक हैं, जो औरतों के साथ होने वाले यौन शोषण को प्रमोट और नॉर्मलाइज़ करते हैं. सबसे पहले आप फोर्ड का ये विज्ञापन देखिए. ये एक कार का ऐड है. इसमें गाड़ी के बूट स्पेस यानी डिक्की वाला एरिया कितना बड़ा है ये दिखाने के लिए उन्होंने ये तरीका चुना. जिसमे तीन महीलाओं को बांधकर भरा गया है और ड्राइवर पीछे से विक्ट्री साइन दिखा रहा है. मनो बता रहा हो, किडनैपिंग सक्सेसफुल. अब ये ऐड देखिए. जैक एंड जोन्स, जो एक क्लोथिंग ब्रांड है उसकी शर्ट्स का विज्ञापन है.
बॉलीवुड के जाने माने एक्टर रणवीर सिंह एक लड़की को अपने कंधे पर उठाए दिख रहे हैं. इसके साथ कैप्शन लिखा है,
"खुद को रोको मत. अपना काम घर ले जाओ" अब जिन्हें समझ नहीं आया उन्हें एक्सप्लेन कर देती हूं. ये कहना चाह रहे हैं कि पुरुषों की जिंदगी में जैसे तमाम तरह के काम होते हैं उसमे एक तरह का काम 'लड़की' भी है. उसे घर ले जाओ. घर जाकर काम निपटाओ. वर्क प्लेस हरासमेंट के कितने ही केस हैं, कितनी ही लड़कियां शिकार हैं. उसे एड्रेस करना, उसपर बात करना तो दूर, उल्टा ये उसे प्रमोट कर एक लेवल और ऊपर ले गए.
अब ज़रा इस ऐड को देखिए. नन्डोज चिकेन का ये विज्ञापन एक अखबार में छपा था. ऐड में एक न्योता है. मुर्गियां कह रही थीं, आओ, हमारे बन्स, जांघें और स्तन छुओ. हमें दोनों हाथों से खाओ. क्योंकि तुम्हारा छूना हम माइंड नहीं करेंगे. ये कहना चाह रहे हैं कि नन्डोज आपको वो लज़्ज़त देगा जो आम दिनों में पुरुषों को नहीं मिलती. यानी मनपसंद लड़की को दोनों हाथों से पकड़ना. पुरुष इस चिकेन को खा कर उस रेप और हैरेसमेंट का मजा ले सकते हैं जिसे वो किसी आम दिन पर इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि लड़कियां बुरा मान जाती हैं.नन्डोज के मुताबिक बुरा मानना लड़कियों का प्रॉब्लम है. पुरुष दोनों हाथों से पकड़ कर उनका सेवन करने की इच्छा रखे, इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं. ये पुरुषों की सभी दबी हुई कुंठाओं को बाहर लाने के लिए रची गई एक अलग दुनिया है. ऐड में एक रूपक है. औरत गायब है. लेकिन कूल्हे हैं, जांघें हैं, स्तन हैं. इसी ब्रांड का एक और ऐड है. इसमें लिखा है,
"कोई भी डर्टी पिक्चर पोल में चिकन के बिना पूरी नहीं है". डर्टी पिक्चर से इनका मतलब अश्लील पिक्चर से है, चिक ऑन पोल का तात्पर्य पोल डांसर से है.