US की नौकरी छोड़ गांव की बेहतरी में जुट गईं, अब सरपंच बनेंगी पैड वुमन
माया विश्वकर्मा अपने गांव में सुकर्मा फाउंडेशन चलाती हैं. इसके जरिए वे महिलाओं को पैड उपलब्ध करवाती हैं.
इन दिनों मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत चुनाव की तैयारियां ज़ोरों पर है. उम्मीदवार पर्चे भर रहें हैं. लेकिन नरसिंहपुर (Narsinghpur) जिले के एक गांव में पंच और सरपंच पदों के लिए केवल महिलाओं ने पर्चे भरे हैं. इतना ही नहीं, सरपंच पद के लिए केवल एक महिला ने पर्चा भरा है और पूरे गांव ने उन्हें निर्विरोध चुनने का फैसला किया है. आजतक से जुड़े अनुज ममार के मुताबिक, नरसिंहपुर जिले के साईंखेड़ा ब्लॉक के मेहरा गांव ने चुनाव से पहले ही माया विश्वकर्मा को अपना सरपंच चुन लिया है.
कौन हैं माया विश्वकर्मा?माया विश्वकर्मा अपने गांव में सुकर्मा नाम से एक फाउंडेशन चलाती हैं. इस फाउंडेशन के जरिए वे महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पैड उपलब्ध करवाती हैं. साथ ही उन्हें पैड्स के इस्तेमाल और पर्सनल हाईजीन के बारे में भी बताती हैं. उनके इस काम के लिए गांव में उन्हें पैड वुमन के नाम से भी जाना जाता है.
2008 में माया PHD करने के लिए अमेरिका गई थीं. उन्होंने वहां साउथ डकोटा राज्य की SDSMT यूनिवर्सिटी में PHD में दाखिला भी लिया. लेकिन नौकरी के चलते वे पढ़ाई बीच में छोड़कर सैन फ़्रैन्सिस्को चली गईं. कुछ समय तक वहीं जॉब की. इसके बाद वो अपने गांव लौट आईं. गांव आकर उन्होंने सुकर्मा फाउंडेशन की शुरुआत की. माया को उनके काम के लिए कई अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं.
आजतक के मुताबिक 2014 लोकसभा चुनावों में माया ने आम आदमी पार्टी से होशंगाबाद नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार गांव वालों ने उनपर विश्वास दिखाया और सर्वसम्मति से उन्हें सरपंच पद का उम्मीदवार बनाया. मेहरा ग्राम पंचायत में सभी पंच के पदों के लिए 11 महिलाओं ने पर्चा भरा है. जानकारी के मुताबिक अभी तक माया के विरोध में चुनाव में कोई नहीं खड़ा हुआ है. अगर 25 जून तक किसी और ने आवेदन नहीं किया तो माया मेहरा गांव की सरपंच बन जाएंगी.
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