कर्नाटक: नाले में मिले गर्भपात वाले सात भ्रूण, विधायक बोले- 'समाज का सिर शर्म से झुक गया'
पुलिस का कहना है कि मामाल कन्या भ्रूण हत्या का लग रहा है.
कर्नाटक के बेलगावी जिले का मुदालागी गांव. यहां के एक नाले में गर्भपात वाले सात भ्रूण (अबोर्टेड फेटल) के अवशेष पाए गए है. सभी भ्रूण पांच छोटे बक्सों में मौजूद थे. पुलिस ने आशंका जताई है कि ये कन्या भ्रूण हत्या का मामला हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला 24 जून का है. सूचना मिलते ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंच गई थी. बेलगावी जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) डॉ. महेश कोनी ने बताया कि भ्रूण पांच से सात महीने पुराने लग रहे हैं. ये मामला अवैध लिंग निर्धारण परीक्षण (इलीगल सेक्स डिटरमिनेशन टेस्ट) और भ्रूण हत्या का है. सभी भ्रूणों को स्थानीय सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में भेज दिया गया है.
फॉरेंसिक टेस्ट होगाउन्होंने बताया कि जल्द ही उनका फोरेंसिक टेस्ट भी किया जाएगा. इस मामले की गहराई से जांच होगी और दोषियों का पता लगाने के लिए विभाग द्वारा एक समिति भी बनाई जा रही है. इस जांच से हमें पता लगेगा कन्या भ्रूण हत्या रैकेट कबसे चल रहा है और कैसे काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि कानून लिंग निर्धारण परीक्षणों (सेक्स डिटरमिनेशन टेस्ट) पर पहले ही रोक लगा चुका है.
केएमएफ के अध्यक्ष और स्थानीय विधायक बालचंद्र जारकीहोली ने इस घटना को “बर्बरता” बताया है. उन्होंने कहा कि समाज का सिर शर्म से झुक गया है. उन्होंने आगे कहा,
"मैंने पुलिस को इस अपराध के पीछे के लोगों का पता लगाने का आदेश दिया है. और इस अपराध में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक भ्रूण लिंग का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसे कन्या भ्रूण हत्या का मामला माना जा रहा है. मुदलगी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है."
बेलगावी में इस तरह की यह दूसरी घटना बताई जा रही है. साल 2013 में हिरण्यकेशी नदी के तट पर कम से कम 13 मृत भ्रूण पाए गए थे. घटना के बाद तत्कालीन डेप्युटी कमिश्न अंबुकुमार ने जिले के सभी स्कैनिंग सेंटरों, नर्सिंग होम और मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ अभियान चलाया था.