'आंदोलन था मंडियों का, बन गया *** का': डियर कपिल मिश्रा, आपसे बस इतनी ही उम्मीद थी
एडल्ट फिल्म एक्ट्रेस मिया खलीफ़ा रही हैं. मगर नग्नता कपिल मिश्रा करते दिखे.
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अगर घटिया और भड़काऊ ट्वीट करने वाले नेताओं की लिस्ट बनाई जाए, तो Kapil Mishra का नाम टॉप टेन में आएगा.
कपिल मिश्रा. 'देश के गद्दारों को, गोली मारो *** को' नारा लगाने वाले. अगर घटिया और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं की कोई लिस्ट बनाई जाए, तो उनका नाम टॉप टेन में ही आएगा. आए दिन इसकी बानगी उनके ट्विटर हैंडल पर दिखती है.
किसान आंदोलन को जब रिहाना, ग्रेटा, मीना और मिया खलीफा जैसी हस्तियों का समर्थन मिला, तो तमाम ट्रोल्स की तरह कपिल मिश्रा भी उन पर टूट पड़े. उन्होंने कुछ ऐसे ट्वीट किए, जिससे उनके और किसी बेहद घटिया किस्म के ट्रोल के बीच का फर्क मिट गया. इन विदेशी हस्तियों को नीचा दिखाने के लिए कपिल मिश्रा ने वही तरीका अपनाया, जो औरतों के चुप कराने के लिए उनकी जैसी मानसिकता वाले लोग अपनाते हैं.
जैसा कि अपेक्षित था, कपिल मिश्रा ने इन हस्तियों के चरित्र पर हमला कर दिया. ऐसा करने के लिए उन्होंने कुछ विशेषण यूज किए. इनका जिक्र हम यहां नहीं कर सकते. उनका ये ट्वीट देखिए.
इस ट्वीट को अब वीर बहादुर कपिल मिश्रा ने डिलीट कर दिया है. आप लोग इतने समझदार और संवेदनशील तो हैं हीं कि इसका मतलब समझ जाएंगे. वैसे आपको बता दें कि कपिल मिश्रा की जिस शब्द की लिखने की मंशा थी, वो होना किसी को कमतर नहीं बनाता. सेक्स वर्कर भी प्रोफेशनल होती हैं. अपना पेट भरने के लिए एक काम करती हैं. कम से कम पॉलिटकल माइलेज लेने के लिए भड़काऊ भाषण तो नहीं देतीं.
अव्वल तो कपिल मिश्रा उस सनातनी संस्कृति के स्वघोषित कर्णधार हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां एक औरत को देवी का स्थान मिला हुआ है. कपिल मिश्रा उस पार्टी से भी वास्ता रखते हैं, जो शुचिता और शालीनता की बात करती है. लेकिन, कपिल मिश्रा के मामले में शायद ये दोनों ही बातें लागू नहीं होतीं.
विदेशी हस्तियों को बदनाम करने के लिए कपिल मिश्रा के इस दूसरे ट्वीट पर जरा नजर डालिए. लिखते हैं-
"सेक्स, कामुकता, नंगई और हवस की गोद में ले जाकर बिठा दिया फर्जी किसान आंदोलन को. एक हफ्ते पहले एक अत्यंत्र पवित्र निशान इस आंदोलन का प्रतीक बनाकर लहराया था और आज?"
यहां शायद कपिल मिश्रा 26 जनवरी के दिन कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा लाल किले पर लहराए गए निशान साहिब के झंडे की बात कर रहे हैं. उसे पवित्र बता रहे हैं. और उसके बरक्श सेक्स और कामुकता जैसे शब्दों को रख रखे हैं. इन शब्दों को किसान आंदोलन का समर्थन करने वालीं रिहाना, ग्रेटा और मिया खलीफा से जोड़ रहे हैं. मतलब यही है कि ये हस्तियां अपवित्र टाइप की हैं. गोया सेक्स और कामुकता कोई क्राइम है. एक ऐसे देश में जिसकी संस्कृति में अजंता और एलोरा की मूर्तियों और कामसूत्र जैसे ग्रंथ की छाप है, वहां इसे अपवित्रता से जोड़ना समझ से परे है. और अगर संस्कृति को जाने दें, तो भी क्या सेक्स करना और अपनी सेक्सुअलटी प्रदर्शित करना कोई अपराध है? और वैसे भी कपिल मिश्रा की भाषा में जो कुंठा दिख रही है. उसे देखकर ऐसा ही लग रहा है कि आठवीं-नौवीं क्लास के किसी लड़के ने नया-नया सेक्स जोक मारना सीखा है. जिसे वो 'नॉन-वेज' जोक कहता है. ट्वीट पर नजर डालिए.सेक्स, कामुकता, नंगई और हवस की गोद में ले जाकर बिठा दिया फ़र्ज़ी किसान आंदोलन को
एक हफ्ते पहले एक अत्यंत पवित्र निशान इस आंदोलन का प्रतीक बनाकर लहराया गया था और आज ?#IndiaAgainstPropaganda — Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 3, 2021
इसके ऊपर भी.
जुताई को क्या सुन लिया इन्होंने ? 😀 — Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 3, 2021इन दोनों ट्वीट को लेकर भी मुझे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है. आप लोग समझदार हैं. वैसे अपनी बयानबाजी के बाद कपिल मिश्रा का माफी मांगने का भी इतिहास है. पिछले साल 29 अक्टूबर को उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से बिना शर्त माफी मांगी थी. मिश्रा ने साल 2017 में सत्येंद्र जैन और अरविंद केजरीवाल पर दो करोड़ की घूस के लेन-देन का आरोप लगाया था. इसके बाद जैन ने उनके ऊपर मानहानि का मामला दर्ज कराया था. कपिल मिश्रा के हालिया रवैये को देखते हुए, हमें उम्मीद नहीं है कि वे अपने इन महिला विरोधी ट्वीट्स के लिए माफी मांगेगे. अगर हम गलत साबित होते हैं, तो बड़ा आश्चर्य होगा. फिलहाल यह प्रार्थना कर रहे हैं कि कपिल मिश्रा को सद्बुद्धि मिले.

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