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अपनी दोस्त के शोषण का विरोध किया तो गुंडों ने पीट दिया, अब अस्पताल में हुई पत्रकार की मौत

15 दिन तक अस्पताल में मौत से लड़ता रहा पत्रकार.

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पत्रकार अभिषेक सोनी, जिनकी मौत हुई. (फोटो- शरत कुमार)
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लालिमा
26 दिसंबर 2020 (Updated: 26 दिसंबर 2020, 02:03 PM IST) कॉमेंट्स
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राजस्थान का जयपुर. 8 दिसंबर को यहां एक पत्रकार को कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा था. क्यों? क्योंकि उसने अपनी दोस्त का शोषण कर रहे लोगों का विरोध किया था. पत्रकार का नाम था अभिषेक सोनी. 27 बरस के थे. अभिषेक के लिए हमें 'थे' शब्द का इस्तेमाल इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि अब उनकी मौत हो चुकी है. अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार यानी 23 दिसंबर की देर रात दम तोड़ दिया. 15 दिन तक ज़िंदगी और मौत से लड़ने के बाद उनका निधन हो गया.

क्या है पूरा मामला?

'इंडिया टुडे' के देव अंकुर वाधवान की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 दिसंबर को अभिषेक अपनी एक दोस्त के साथ मानसरोवर इलाके के एक रेस्त्रां में खाने गए थे. लड़की भी पेशे से पत्रकार है. लेकिन दोनों अलग-अलग चैनलों में काम करते थे. पुलिस की जांच के मुताबिक, उसी दौरान कुछ लोग महिला को हैरेस करने लगे. अभिषेक ने इसका विरोध किया, तो उन लोगों ने अभिषेक को बुरी तरह पीटा. तीन लड़कों ने लोहे की रॉड से उनकी पिटाई की. उसके बाद अभिषेक को सड़क किनारे तड़पता हुआ छोड़ चले गए. उन्हें गंभीर चोटें आई थीं. कई लोग सड़क के किनारे से निकले, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया. फिर किसी तरह अभिषेक को एक एंबुलेंस में SMS अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान 23 दिसंबर की रात उनकी मौत हो गई.

पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

पुलिस ने महिला का बयान दर्ज करते हुए पहले IPC के सेक्शन 323 (जानबूझकर किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाना), 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 307 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया था. अभिषेक की मौत के बाद, FIR में सेक्शन 302 (हत्या) भी जोड़ दिया गया.

तीनों आरोपियों की पहचान कर ली गई है, जिसमें से अभी तक केवल एक ही आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. वहीं दो फरार चल रहे हैं. आरोपियों की पहचान CCTV फुटेज को खंगालने के बाद की गई. एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) ACP अजय पाल लांबा ने 'दी लल्लनटॉप' को बताया कि दोनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तीन टीमें बनाई हैं. उन्होंने कहा,

"तीनों आरोपी जयपुर के फाजी इलाके के गांवों के रहने वाले हैं. एक की गिरफ्तारी हो गई है. गिरफ्तार हुए आरोपी की उम्र 19 बरस है. बाकी दो फरार चल रहे आरोपियों में से एक 17 बरस का है, दूसरा 21 बरस का है. तीन टीमें इन्हें खोज रही है. जल्द ही इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा."

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तार हुए आरोपी का नाम शंकर चौधरी है. बाकी दो का नाम कनाराम जाट और सुरेंद्र जाट है.

परिवार ने लगाए आरोप

अभिषेक के परिवार का आरोप है कि पुलिस इस मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है. परिवार का कहना है कि CCTV फुटेज के ज़रिए तीनों आरोपियों की पहचान हो जाने के बाद भी अभी तक केवल एक ही की गिरफ्तारी हुई है. वहीं ACP ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि पुलिस तत्परता से मामले की जांच में जुटी है. रिपोर्ट्स हैं कि जयपुर में बाकी कुछ पत्रकारों ने भी इस मामले के खिलाफ धरना दिया था.

BJP ने साधा निशाना

इस मामले में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी BJP ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. राजस्थान BJP स्टेट प्रेसिडेंट सतीष पूनिया ने ट्वीट किया,

"राज्य में अशोक गहलोत जी के राज में दो साल में प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. लोकतंत्र के प्रहरी और कोरोना योद्धा पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं. जयपुर में बदमाशों के हमले में अभिषेक सोनी की मृत्यु और गिरधारी पालीवाल का घायल होना सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है."

कुछ दिन पहले गिरधारी पालीवाल नाम के एक बुज़ुर्ग पत्रकार की पिटाई का मामला भी सामने आया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरधारी गाड़ी में पेट्रोल डलवाने पहुंचे थे, जहां उन्होंने पंप के कर्मचारियों से कम पेट्रोल डालने की शिकायत की थी. इस पर कथित तौर पर पम्प कर्मचारियों ने गिरधारी पालीवाल को बुरी तरह पीटा था.

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