4 सितंबर 2019. अयोध्या से एक खबर आई. खबर ये कि बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी के घर में घुसकर एक महिला ने मारपीट की. बताया गया कि महिला इकबाल से मिलने पहुंची थी. मगर तीन तलाक से शुरू हुई बातचीत राम मंदिर तक पहुंची और मामला गर्मा गया. इकबाल अंसारी ने राम जन्मभूमि थाना पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया. इकबाल ने मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया. खैर कुछ समय पूछताछ के बाद महिला को पुलिस ने रिहा कर दिया.
आप सोच रहे होंगे ये क्या मामला है. कौन है ये महिला. तो ये महिला हैं वर्तिका सिंह. इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह. वही वर्तिका जो 24 दिसंबर को फिर एक बार खबरों में रहीं. कारण उनका आरोप. आरोप ये कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनके सहयोगियों ने केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर उनसे 25 लाख रुपए मांगे थे. इस मामले में उन्होंने सुलतानपुर के MP-MLA कोर्ट में शिकायत भी दाखिल कर दी है. खबरें चल रही हैं कि कोर्ट ने 2 जनवरी को सुनवाई की तारीख भी दी है. मगर प्रशासनिक सूत्र और स्थानीय पत्रकार कोर्ट में केस या तारीख की बात से इनकार करते हैं.
वर्तिका के आरोप से पहले 3 मुकदमे
खैर कहानी यहीं नहीं शुरू होती. कहानी शुरू हुई 21 नवंबर को. इस दिन स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता ने वर्तिका और एक अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेठी एसपी को पत्र लिखा था. 23 नवंबर को वर्तिका समेत दो के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था. गुप्ता ने अपनी शिकायत में लिखा था कि वर्तिका ने एक फर्जी लेटर तैयार कर उसे वायरल करवाया और उन पर निराधार आरोप लगाए. मामले की जांच चल रही है.
इससे पहले 21 नवंबर को दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट में भी वर्तिका के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए. एक दर्ज करवाया आईएएस एमसी जौहरी ने. आरोप था कि वर्तिका ने उनके नकली सिग्नेचर वाला लेटर तैयार कर प्रतापगढ़ एसपी को अर्दब में लेने की कोशिश की. लेटर में उनको महिला आयोग की मेंबर बनाने की बात थी. देखिए एफआईआर की कॉपी-
दूसरा केस दर्ज करवाया स्मृति इरानी के बंगले में तैनात एसआई जय सिंह ने. शिकायत में कहा कि वर्तिका सिंह 20 नवंबर को स्मृति इरानी से मिलीं. इस दौरान उन्होंने खुद को केंद्रीय महिला आयोग का मेंबर बनवाने की बात कही. स्मृति ने जब उनको कहा कि इसकी एक पूरी प्रक्रिया है और वो देखेंगी कि क्या हो सकता है तो वर्तिका स्मृति से बहस करने लगीं और आत्महत्या करने की धमकी देने लगीं. देखिए एफआईआर की कॉपी-
पहले भी विवादों में रही हैं वर्तिका
इकबाल अंसारी के घर बवाल इकलौता मामला नहीं जिसने वर्तिका को खबरों में लाया हो. इससे पहले वो और भी विवादों में रही हैं.
2018 में वर्तिका सिंह ने एक डॉक्टर पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया था. वर्तिका सिंह का कहना था कि वे अपने भाई के साथ बाइक से कहीं जा रही थीं. इस बीच पीजीआई के एक डॉक्टर ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी. वर्तिका के भाई ने विरोध किया तो डॉक्टर ने बदसलूकी करना शुरू कर दिया. वर्तिका ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर शराब के नशे में धुत था और उसकी गाड़ी में भी शराब की बोतल रखी हुई थीं. हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर के शराब पीए होने की पुष्टि नहीं हुई थी.
इसी तरह वर्तिका ने चंदौली निवासी इंटरनेशनल बाल वैज्ञानिक के खिलाफ फर्जीवाड़े का केस दर्ज कराया था. आरोप लगाया था कि बाल वैज्ञानिक ने फर्जी दावे करके खुद को इंटरनेशनल बाल वैज्ञानिक घोषित किया जबकि उसने ऐसा कोई आविष्कार ही नहीं किया है.
दूसरी तरफ बाल वैज्ञानिक ने वर्तिका पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनके प्रोडक्ट्स का ब्रांड अंबेसडर बनने के बदले रुपये ऐंठे थे.
अमित शाह को खून वाली चिट्ठी
और इन सब मामलों में सबसे खतरनाक मामला सामने आया 15 दिसंबर 2019 को. जब वर्तिका सिंह ने खून से गृहमंत्री अमित शाह को खून से एक खत लिखा. और मांग की कि निर्भया के चारों दोषियों को एक महिला के हाथों फांसी दिलवानी चाहिए.
चिट्ठी में आगे लिखा था - निर्भया केस के गुनहगारों को मेरी हाथ से फांसी होनी चाहिए. इससे देशभर में यह मैसेज जाएगा कि एक महिला भी फांसी दे सकती है. मैं चाहती हूं कि महिला अभिनेत्री, सांसद मेरा समर्थन करे.