महिला IAS ने अपनी शादी में कन्यादान से मना किया, लोग बोले-इसे IAS किसने बना दिया?
IAS तपस्या परिहार ने IFS गर्वित गंगवार से शादी की है.
तपस्या और गर्वित की शादी की तस्वीरें
तपस्या ने बताया कि उन्होंने यही बात अपने परिवार को बताई. उनसे बातचीत की और इस बात को लेकर परिवार के लोग भी मान गए. फिर वर पक्ष को भी इसके लिए राजी किया और बिना कन्यादान के शादी हो गई .तपस्या ने आगे बताया,
"दो परिवार आपस में मिलकर विवाह करते हैं, तो फिर बड़ा, छोटा या ऊंचा नीचा होना ठीक नहीं. क्यों किसी का दान किया जाए."रिपोर्ट के मुताबिक, तपस्या के इस फैसले से दोनों ही परिवार खुश हैं. तपस्या के पिता का मानना है कि इस तरह की रस्म से लड़की को उसके घर या पिता की जायदाद से अलग करने की साजिश की तरह देखा जाता है. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि लड़की कोई चीज नहीं कि जिसे दान कर दिया जाए. वैसे तो इस खबर को सामाजिक जागरूकता के संदर्भ के तौर पर देखा जाना चाहिए और तपस्या, गर्वित और उनके परिवारों की सोच की तारीफ होनी चाहिए. लेकिन सोशल मीडिया पर इसका उल्टा हो रहा है. कुछ लोग ओछे कमेंट्स कर रहे हैं. कुछ ट्वीट्स देखिए.
इंस्टाग्राम पर तपस्या की पोस्ट की तस्वीर
IAS जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर इस तरह के मुर्ख नमुने बैठने लगे है. जो प्रसिद्धी पाने के लिये कुछ भी करते है.
— Nilesh 🇮🇳 (@KasturkarNilesh) December 18, 2021
कुछ महीने पहले 'मोहे मान्यवर' ने आलिया भट्ट को फीचर करते हुए विज्ञापन में कन्या दान के बरअक्स वर दान का कॉन्सेप्ट प्रमोट किया था तब भी लोगों ने आलिया भट्ट को 'नाजायज़ परवरिश' 'एंटी - हिन्दू' और जाने क्या - क्या कहकर ट्रोल किया था.ये मदरसे से IAS कर के आई थी, जो कन्यादान और जीवनदान में क्या समानता है, हिंदू होते हुए भी समझ नहीं पाई ? क्या कन्यादान के बिना , वर (Groom) दान ( वरदान ) मान्य है इसके जीवन में ? नालायक ने अपने ही पिता से इस पुण्य का सौभाग्य छीन लिया ।।
— Vikram Sharma (@Fit_Pandit) December 18, 2021
आलिया भट्ट को फीचर की गई 'मोहे मान्यवर' विज्ञापन की तस्वीर
कुछ ऐसा ही तपस्या परिहार के साथ हो रहा है. हालांकि, रिपोर्ट में ये साफ-साफ लिखा है कि उनके इस फैसले में उनके पति की भी पूरी सहमति है. इसके बाद भी भद्दे कमेंट्स सिर्फ़ तपस्या पर किए जा रहे हैं. कुछ लोग तो उनकी शादी को शादी ही नहीं मान रहे, तो कुछ लोगों ने उन्हें आदर्श बहु की कैटगरी से बेदखल कर दिया है. ये ट्वीट्स देखिए.
Tell this IAS officer that her marriage would not be called as marriage until it is done with the respective rituals. And Kanyadan is a part of the the Rituals of Hindu Marriages.
— Priyajit M (@pjpgraphy9) December 18, 2021
इस IAS ऑफिसर को बताइए कि इस शादी को शादी नहीं माना जाएगा, जबतक कि ये पूरे रीति - रिवाजों से न हो . कन्यादान हिन्दू शादी की रीति- रिवाजों का एक अहम हिस्सा है .इन महाशय के कमेंट का जवाब एक यूज़र ने एक सवाल के साथ दिया कि " फिर कोर्ट में हुई शादियां , शादियां नहीं मानी जाएंगी ?
वहीं एक और यूजर ने लिखा,
तपस्या के पति भी सिविल सर्वेन्ट हैं. इस फैसले में उनकी भी सहमति है लेकिन लोगों ने इस फैसले के लिए उनसे नहीं पूछा कि इनको आईएफ़एस किसने बना दिया .आईएएस होने से जरूरी नही की उसे भारतीय मूल्यों के बारे में पता हो, हो सकता है वो किसी और डोमेन से एग्जाम क्वालीफाई करके आई हो, और सेलेक्टर ये चेक करने में असमर्थ है की किसके अंदर कितनी नैतिकता है और कितनी सामाजिकता है, जबकि एक पब्लिक सर्वेंट में ये सब पहले चेक किया जाना जरूरी है।
— Gaurav mishra (@mishra123gaurav) December 18, 2021
शादी के रीति-रिवाज़ो को लेकर तपस्या परिहार के स्टैन्ड को उनके पति ने सपोर्ट किया है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों किसी लड़की को ही शादी के बाद पूरी तरह बदलना होता है? चाहे मांग भरने की बात हो या फिर कोई ऐसी परंपरा जो ये सिद्ध करे कि लड़की शादीशुदा है. ऐसी रस्में लड़के के लिए कभी लागू नहीं होती. इस तरह की मान्यताओं को हमें धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए.
तपस्या परिहार और गर्वित गंगवार