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कहीं आपको भी देर तक पेशाब रोककर रखने की आदत तो नहीं है?

जानें कितनी देर तक पेशाब रोककर रख सकता है शरीर?

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क्या ज़्यादा देर तक यूरीन कंट्रोल करने से कोई हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम हो सकती है?
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गरिमा बुधानी
7 जनवरी 2022 (Updated: 7 जनवरी 2022, 08:57 AM IST) कॉमेंट्स
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सेलिब्रिटी रिएलिटी शो बिग बॉस. हाल ही में इसके एक एपिसोड में दिखाया गया कि एक टास्क के दौरान एक कंटेस्टेंट लगभग 13 घंटों तक एक ही जगह पर खड़ी रही. 13 घंटों बाद उन्हें रियलाइज़ हुआ कि अब तो पेशाब और नहीं रोका जा सकता है, लेकिन वो टास्क भी नहीं छोड़ना चाहती थीं. तो जब मामला आउट ऑफ कंट्रोल हुआ तो उन्होंने अपनी पैंट में ही पेशाब कर दिया.
एक सेलिब्रिटी ने पैंट में पेशाब कर दिया. ये हमारी चिंता नहीं है. हमारा सवाल ये है कि कितनी देर तक पेशाब रोकना सही है? कई बार होता है कि ट्रैवल के दौरान औरतों को पेशाब कंट्रोल करके रखना होता है. क्योंकि या तो उन्हें लेडीज़ टॉयलेट नहीं मिलते और मिलते भी हैं तो इतने गंदे कि इस्तेमाल करने में इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है.
अब सवाल ये उठता है कि यूरीन को कंट्रोल करना कितना सही है? क्या ज़्यादा देर तक यूरीन कंट्रोल करने से हेल्थ से जुड़ी कोई प्रॉब्लम हो सकती है? इन सभी सवालों के जवाब हमें दिए RG स्टोन हॉस्पिटल के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मनीष सिंगला ने.
Dr Manish Singla
डॉक्टर मनीष सिंगला, सीनियर यूरोलोजिस्ट,RG स्टोन हॉस्पिटल

डॉक्टर मनीष ने बताया कि शुरुआत में तो हम पेशाब इसलिए कंट्रोल करते हैं क्योंकि ये हमारी मजबूरी होती है. कभी आस-पास कोई टॉयलेट नहीं मिलता या फिर गंदा टॉयलेट मिलता है. लेकिन धीरे धीरे ये आदत बनने लगती है और उसके बाद परेशानी का रूप ले लेती है.
वैसे तो हमें हर 3 से 4 घंटे में ब्लैडर को खाली करना चाहिए लेकिन एक हेल्दी एडल्ट 8 से 10 घंटे यूरिन को होल्ड कर के रख सकता है. ऐसा कभी कभार ही होना चाहिए, इसे आदत का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए . लंबे वक़्त तक पेशाब रोक कर रखने से हो सकती हैं कई परेशानियां: # सबसे कॉमन परेशानी है UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन. जब आप यूरीन ज़्यादा देर के लिए होल्ड कर के रखते हैं तो ब्लैडर के अंदर जो बैक्टीरिया हैं वो मल्टीप्लाई होते हैं.  अगर आप ब्लैडर को खाली नहीं करेंगे तो वो बैक्टीरिया मल्टीप्लाई होकर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं.
# इसके अलावा जब आप यूरीन को बहुत देर के लिए होल्ड करके रखते हैं तो ब्लैडर के मसल्स स्ट्रेच होते हैं और बार बार स्ट्रेच होने के कारण समय के साथ वो मसल्स कमज़ोर हो जाते हैं . इसका मतलब ये है कि उनमें यूरीन को पुश करने की ताकत नहीं रह जाती.  ये देखा गया है कि जो लोग अक्सर यूरीन को बहुत देर तक रोककर रखते हैं वो मसल वीकनेस के कारण अपने ब्लैडर को खाली नहीं कर पाते और उनको हमेशा यूरिनेशन की इच्छा महसूस होती रहती है और उन्हें बार बार वॉशरूम जाना पड़ता है.
# यूरीन को बहुत ज़्यादा देर तक होल्ड करने से यूरिनरी स्ट्रिन्क्टर कमज़ोर हो जाता है . जिसके कारण ज़रूरत पड़ने पर आप थोड़ी देर के लिए भी यूरीन को होल्ड नहीं कर पाते और वो धीरे-धीरे लीक होना शुरू हो जाता है. ऐसे मैं जब अचानक खांसी या छींक आती है तो काफी सारा यूरीन लीक कर जाता है और आपको एम्बैरेस होना पड़ता है.
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ज़्यादा देर तक यूरीन रोकने से ब्लैडर के अंदर बढ़ सकते हैं बैक्टीरिया

# अगर आपने यूरीन होल्ड करने की आदत बना ली है और आप अक्सर घंटों तक यूरीन को रोककर रखते हैं तो ये आगे चलकर आपके लिए हेल्थ से जुड़ी कई बड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है . इसकी वजह से किडनी स्टोन या ब्लैडर स्टोन भी हो सकते हैं.
50 साल से ऊपर की महिलाएं या वो लोग जो UTI प्रोन होते हैं यानी उन्हें बार बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो जाता है उनको हर 3 से 4 घंटे में पेशाब कर लेना चाहिए. क्या हर किसी की ब्लैडर कैपेसिटी एक जैसी होती है? इसका जवाब है नहीं..
डॉ मनीष ने बताया कि बच्चों और एडल्ट्स में ब्लैडर की कैपेसिटी अलग होती है. उन्होंने बच्चों की ब्लैडर कैपेसिटी जानने का एक बहुत सिंपल फार्मूला हमें बताया.
बच्चे की उम्र + 2*30
इसका मतलब है कि अगर बच्चे की उम्र 10 साल है तो उसे 10+2 *30 करने पर आएगा 360 यानी 10 साल के बच्चे की कैपेसिटी 360 ml के आसपास होती है. एडल्ट्स में ये कैपेसिटी लगभग 800 ml तक होती है. हमें फर्स्ट यूरीन सेंसेशन तब होता है जब हमारा ब्लैडर लगभग 1/4th भर जाता है .

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