गैंगरेप की शिकार महिला और उसके परिवार को पंचायत ने गांव छोड़ने का फरमान क्यों सुना दिया?
'गैंगरेप में 4 गांव वालों को उम्रकैद होने के बाद से महिला को परेशान किया जा रहा'

महाराष्ट्र का बीड ज़िला. यहां एक गांव में रहने वाली एक औरत पांच साल पहले गैंगरेप का शिकार हुई थी. भारतीय कानून की तरफ से तो उसे इंसाफ मिल गया, लेकिन अब उसके ही गांव वाले उसे गांव से निकालने में लगे हुए हैं. ग्राम पंचायत ने महिला को आदेश दिया है कि वो गांव छोड़कर चली जाए. सिर्फ महिला ही नहीं, उसके पूरे परिवार को जल्द से जल्द गांव छोड़कर चले जाने का फरमान सुनाया गया है.
क्या है पूरा मामला?
साल 2015 की बात है. महिला खेत में काम करने गई थी, तभी गांव के ही चार आदमियों ने उसका गैंगरेप किया. मामला कोर्ट पहुंचा. लंबी सुनवाई के बाद इस साल के शुरुआत में कोर्ट ने चारों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई. आरोप है कि उसके बाद से ही गांववालों ने महिला और उसके परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया. महिला को जान से मारने की भी कोशिशें करने का आरोप है. अब उस पर गांव छोड़कर जाने का दबाव बनाया जा रहा है.
मीडिया से बात करते हुए महिला ने बताया कि उसके घर के दरवाज़े पर नोटिस भी चिपकाया गया था. उसने कहा,
"ग्राम सेवक ने मेरे घर के दरवाज़े पर नोटिस भी चिपकाया, जिसमें मुझे आदेश दिया गया है कि मैं गांव छोड़कर चली जाऊं. मुझे गांव से निकालने के लिए प्रस्ताव भी पास किया गया है. सरकार से अपील है कि मुझे न्याय दिलाया जाए. सरकार बताए कि अब मैं कहां जाऊं."
'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के खिलाफ इस साल अगस्त में प्रस्ताव पास किया गया था. तब से अब तक उस पर गांव से जाने का दबाव बनाया जा रहा है. महिला ने इस मामले में गांव के कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी कर रखी है. रिपोर्ट्स हैं कि एक-दो दिन पहले भी गांव वालों ने महिला पर काफी दबाव डाला. उसके बाद वो किसी तरह अपनी चार बेटियों को लेकर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) के ऑफिस पहुंची. आरोप है कि कुछ गांव वाले भी SP ऑफिस पहुंच गए और वहां भी महिला को अपमानित किया.
'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) स्वप्निल राठौड़ का कहना है,
"महिला ने कुछ गांव वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत ये कि गांव के लोग उसके लिए काफी भद्दी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. 28 दिसंबर को कुछ गांव वाले हमारे पास आए, कहा कि हमें उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. लेकिन ये मुमकिन नहीं है. हम जांच कर रहे हैं."