ढेर सारी महिलाओं को काम पर रखा तो 80 लाख का जुर्माना लगा दिया
और ऐसा उस देश में हुआ है, जहां एक न एक बार हर कोई जाना चाहता है.

फ्रांस. इसकी राजधानी है पेरिस. इसे फिल्मों में देखा है, बेहद सुंदर शहर. अब जैसे अपने यहां नगर निगम, नगर पालिका होती हैं, वैसे ही पेरिस में भी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन है, जिसका ऑफिस है पेरिस सिटी हॉल. अब ये लोकल एडमिनिस्ट्रेशन इस वक्त खबरों में है. क्यों? क्योंकि इसके ऊपर 90 हज़ार यूरो यानी करीब 80 लाख 45 हज़ार रुपए का फाइन लगाया गया है. वो भी इसलिए क्योंकि यहां साल 2018 में लैंगिक समानता के नियमों को तोड़ते हुए वरिष्ठ पदों पर लिमिट से ज्यादा महिलाओं की नियुक्ति की गई.
किसने लगाया जुर्माना?
'AFP' की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस पब्लिक सर्विस मिनिस्ट्री ने ये जुर्माना लगाया है. मिनिस्ट्री का कहना है कि पेरिस सिटी हॉल ने लैंगिक समानता पर साल 2018 में एक राष्ट्रीय नियम तोड़ा था. जिस नियम की बात यहां हो रही है वो साल 2013 में बनाया गया था. इसके मुताबिक, एक जेंडर के लोगों को वरिष्ठ पदों पर 60 फीसद से ज्यादा नियुक्त नहीं किया जा सकता. ये नियम इसलिए बनाया गया था कि सिविल सर्विस की नौकरियों में औरतों की नियुक्तियां की जा सके.
फिर 2018 में क्या हुआ था?
इस साल पेरिस सिटी हॉल के मैनेजमेंट पॉज़िशन्स में 11 औरतों और केवल 5 पुरुषों को नामित किया गया था. यानी इस नियुक्ति में 69 फीसद नियुक्तियां औरतों की थी. जो 2013 के नियम के खिलाफ था. इसी वजह से अब पेरिस सिटी हॉल पर फाइन लगाया गया है.
मेयर ने कहा- 'बेतुका' जुर्माना है
एन हिडालगो. मेयर हैं. सोशलिस्ट पार्टी की मेंबर हैं. उन्होंने इस जुर्माने को बेतुका बताया है. सिटी काउंसिल की मीटिंग में उन्होंने कहा,
"मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे ऊपर जुर्माना लगा है. सिटी हॉल का मैनेजमेंट अचानक से कुछ ज्यादा ही फेमिनिस्ट हो गया है. ये जुर्माना ज़ाहिर तौर पर बेतुका, अनुचित, गैरजिम्मेदाराना और खतरनाक है. हां, एक दिन समानता को हासिल करने के लिए, हमें गति बढ़ानी होगी और ये सुनिश्चित करना होगा कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की नियुक्तियां ज्यादा हो."
हिडालगो ने कहा कि वो खुद जुर्माने का चेक लेकर सरकार के पास जाएंगी. उनके साथ डिप्टी मेयर्स और वो सभी महिलाएं जाएंगी, जो सिटी हॉल में काम करती हैं.
क्या कहा मंत्री ने?
फ्रांस की पब्लिक सर्विस मिनिस्टर एमिली डी मोटशेलिन (Amélie de Montchalin) ने भी ट्विटर पर इस बारे में लिखा,
"महिलाएं बेहतर डिज़र्व करती हैं. हमने 2019 में इस बेतुके प्रावधान को निरस्त कर दिया था. मैं चाहती हूं कि ये फाइन पूरा पेरिस मिलकर दे, कि हमने 2018 में पब्लिक सर्विस में महिलाओं को प्रमोट किया. चलो मंत्रालय चलकर वहां बैठे लोगों को जगाएं."
.@Anne_Hidalgo, la cause des femmes mérite mieux ! Nous avons abrogé cette disposition absurde dès 2019. Je veux que l'amende payée par Paris pour 2018 finance des actions concrètes de promotion des femmes dans la fonction publique. Je vous invite au ministère pour les évoquer ! https://t.co/QyIYA41mBv
— Amélie de Montchalin (@AdeMontchalin) December 15, 2020
यानी 2013 के जिस नियम के तहत ये जुर्माना लगा है, वो 2019 में निरस्त कर दिया गया था. लेकिन बात 2018 की हो रही है, तो ज़ाहिर तौर पर उस दौरान 2013 वाला नियम प्रभावी था.