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सुपौल: लालू के विधायक योगेंद्र ने 25 साल पहले रेप किया था, कोर्ट ने आज दोषी माना

प्राइवेट पार्ट को दांत से काटकर लड़की ने खुद को बचाया था.

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बाएं से दाएं: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव. छतरपुर के पूर्व विधानसभा योगेंन्द्र नारायण सरकार, जो गैंगरेप के दोषी करार दिए गए हैं. (फोटो- सुजीत झा)
बाएं से दाएं: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव. छतरपुर के पूर्व विधानसभा योगेंन्द्र नारायण सरकार, जो गैंगरेप के दोषी करार दिए गए हैं. (फोटो- सुजीत झा)
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लालिमा
28 जनवरी 2020 (Updated: 28 जनवरी 2020, 12:38 PM IST)
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25 साल पुराने सुपौल गैंगरेप के एक मामले में अब जाकर फैसला आया है. सुपौल कोर्ट ने छतरपुर के पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार को इस मामले में दोषी पाया है. उनके साथ तीन अन्य लोगों को भी दोषी करार दिया गया है. इन तीनों का नाम- शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव और उमा सरदार है.

क्या है पूरा मामला?

गैंगरेप का मामला 1994 का है. उस वक्त बिहार में जनता दल की सरकार थी. लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे और छतरपुर विधानसभा सीट भी जनता दल के पास थी. विधायक योगेंन्द्र थे.

आज तक के सुजीत झा की रिपोर्ट के मुताबिक, गैंगरेप की वारदात 16 नवंबर 1994 की रात हुई थी. उस रात लड़की अपनी मां के साथ घर पर सोई हुई थी. रात को करीब 12 बजे योगेंन्द्र अपने साथी शंभू, उमा, भूपेन्द्र और बाकी साथियों के साथ उसके घर पहुंचे. सोती हुई लड़की को खींचा. उसके हाथ-पैर बांधे और जीप से दूसरी जगह लेकर गए. उसके बाद सभी ने एक-एक करके उसका रेप किया. रेप के दौरान लड़की ने पूर्व विधायक योगेंन्द्र के प्राईवेट पार्ट को दांत से काट लिया. किसी तरह वो उन लोगों की कैद से भागकर अपने घर पहुंची. परिवारवालों को पूरी घटना के बारे में बताया. मामला पुलिस तक पहुंचा.

उस वक्त जमकर हंगामा भी हुआ. दो दिन तक केस दर्ज ही नहीं हुआ. लालू के ऊपर दबाव बढ़ा. फिर कहीं जाकर 19 नवंबर के दिन केस दर्ज हुआ. लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया गया और पुलिस ने अपनी जांच शुरू की.

इस केस में योगेंन्द्र नारायण, शंभू सिंह, भूपेन्द्र सरदार, उमा सरदार, रामफल यादव और हरिलाल शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया. 25 साल तक मामला चला, तब कहीं जाकर 27 जनवरी के दिन कोर्ट ने चार लोगों को दोषी करार दिया. सजा का ऐलान 31 जनवरी को किया जाएगा.


वीडियो देखें:

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