The Lallantop
Advertisement

प्लास्टिक की बोतल में पानी और डिब्बों में खाना रखते हैं तो गुड एंड बैड बैक्टीरिया समझ लीजिए

प्लास्टिक की बोतल में पानी डालने से माइक्रो प्लास्टिक या नैनो प्लास्टिक के कण पानी में आ जाते हैं. इस पानी को पीने से प्लास्टिक के ये छोटे कण शरीर में चले जाते हैं और आंतें इन्हें एब्सॉर्ब कर लेती हैं.

Advertisement
water_in_plactic_bottle
प्लास्टिक की बोतल के साथ-साथ प्लास्टिक के कंटेनर जिनमें खाने की चीजें होती हैं, उन्हें भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
2 फ़रवरी 2024 (Published: 04:49 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

आपने ये अक्सर सुना होगा कि प्लास्टिक की बोतलों में पानी रखकर नहीं छोड़ना चाहिए. प्लास्टिक की बोतलों में पानी नहीं पीना चाहिए. या प्लास्टिक के डिब्बों में खाना रखने और उसे गर्म करने से बचना चाहिए. ये मोटा-माटी हम सब जानते हैं. लेकिन क्यों? आखिर प्लास्टिक की बोतल या बर्तन में पानी और खाना रखने से होता क्या है? ये शरीर को क्यों और कैसे नुकसान पहुंचाता है और इससे कैसे बचना चाहिए, इन सब सवालों के जवाब जानेंगे डॉक्टर से.

प्लास्टिक की बोतल से पानी क्यों नहीं पीना चाहिए?

ये हमें बताया डॉक्टर मनीष काक ने.

(डॉ. मनीष काक, कंसल्टेंट, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद)  

प्लास्टिक की बोतल में माइक्रो प्लास्टिक या नैनो प्लास्टिक के कण मौजूद होते हैं. प्लास्टिक की बोतल में पानी डालने से ये कण पानी में आ जाते हैं. इस पानी को पीने से प्लास्टिक के ये छोटे कण शरीर में चले जाते हैं और आंतें इन्हें एब्सॉर्ब कर लेती हैं. इसके बाद नैनो प्लास्टिक के कण आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाते हैं. इस वजह से बुरे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है.

दरअसल आंतों में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया की संख्या एक बैलेंस में रहती है, इसे यूबायोसिस कहा जाता है. लेकिन बुरे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाने से बैलेंस बिगड़ जाता है जिसे डिसबायोसिस कहा जाता है. ऐसा होने की वजह से कई सारी बीमारियां हो सकती हैं. इसके बाद ये नैनो प्लास्टिक के कण लिवर में पहुंचकर लिवर के हेप्टोसाइट सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं. इस वजह से लिवर के सेल्स मर सकते हैं. ये नैनो प्लास्टिक के कण दूसरे अंगों में पहुंचकर वहां भी नुकसान कर सकते हैं.

बचाव

प्लास्टिक की बोतल के साथ-साथ प्लास्टिक के कंटेनर जिनमें खाने की चीजें होती हैं, उन्हें भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इनमें भी नैनो पार्टिकल होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. इस पर अभी भी रिसर्च की जा रही है. फिलहाल जानकारों का यही कहना है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचना चाहिए. पॉलिथीन की जगह कपड़े का थैला इस्तेमाल करें, क्योंकि पॉलिथीन से भी वातावरण प्रदूषित होता है. ऐसे ही प्लास्टिक की बोतल की जगह थरमस का इस्तेमाल करें, क्योंकि इसमें अंदर कांच लगा होता है जिससे पानी में प्लास्टिक नहीं मिलता. साथ ही प्लास्टिक के कंटेनर में खाने की चीजें पैक न कराएं. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement