शरीर में अक्सर दर्द रहता है, कहीं आपकी मांसपेशियां कमज़ोर तो नहीं?
विटामिन डी, कैल्शियम लेने से क्या मांसपेशी की कमजोरी दूर हो सकती है?
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मांसपेशियों की जितनी एक्सरसाइज करेंगे, उतनी ताकत बढ़ेगी. उतनी वो स्वस्थ रहेंगी
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)वैभव 29 साल के हैं. लखनऊ के रहने वाले हैं. कुछ महीने पहले उनके हाथ-पैरों में दर्द शुरू हुआ. पेन किलर, मसाज, किसी भी चीज़ से ये दर्द जाने का नाम ही नहीं ले रहा था. कुछ समय बाद उन्हें हाथ-पैरों में जलन महसूस होने लगी. वह ज़्यादा देर खड़े नहीं रह पाते थे. पैरों में दर्द होने लगता था. कोई सामान उठाते तो हाथ एकदम थक जाते. वो ज़्यादा देर लैपटॉप पर बैठकर काम भी नहीं कर पाते. वैभव ने डॉक्टर को दिखाया. उनके कई ब्लड टेस्ट हुए ये जांचने के लिए कि उन्हें कहीं कोई बीमारी तो नहीं. पर सारे टेस्ट नॉर्मल आए. एक-दो डॉक्टर्स को कंसल्ट करने के बाद जो बात पता चली, वो ये कि उनकी मांसपेशियां बेहद कमज़ोर हो गई हैं. उनमें इतनी ताकत नहीं थी कि वो किसी भी तरह की मेहनत झेल पाएं.
ऐसा किस वजह से होता है? कुछ बीमारियों, ख़ासकर ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण. यानी वो बीमारियां जो शरीर के अपने ही इम्यून सिस्टम पर अटैक करने से होती हैं. इसके अलावा कुछ और बीमारियां भी ज़िम्मेदार हैं जैसे Muscular dystrophy, inflammatory myopathy वगैरह. पर वैभव के केस में ऐसा नहीं था. दरअसल उनके शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की भारी कमी थी. इसको पूरा करने के लिए उन्हें दवाइयां दी गईं. डाइट में बदलाव किया गया. वैभव चाहते हैं कि हम वीक मसल्स यानी कमज़ोर मांसपेशियों पर बात करें. इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं, कैसे पता करें कि आपकी मांसपेशियां कमज़ोर हो रही हैं या नहीं, इसका इलाज क्या है, ये लोगों को बताएं. तो सबसे पहले जान लेते हैं किन कारणों से आपकी मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं. किन कारणों से मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती हैं? ये हमें बताया डॉक्टर आरवीएस भल्ला ने.

डॉक्टर आरवीएस भल्ला, डायरेक्टर, एचओडी, इंटरनल मेडिसिन, फ़ोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद
- ज्यादातर लोगों में मांसपेशी की कमजोरी विटामिन डी, कैल्शियम की कमी से होती है
- कुछ लोगों में थायरॉइड की वजह से, पानी, नमक की कमी से और कुछ लोगों में स्टेरॉयड का ज्यादा सेवन करने से ये दिक्कत होती है
- बहुत कम लोगों में ये बीमारी ऑटोइम्यून कारणों से होती है मतलब वो बीमारी जिसमें हमारा शरीर खुद ही अपनी मांसपेशियों के खिलाफ़ काम करना शुरू कर देता है लक्षण - हाथ-पांव में कमजोरी रहना, नीचे बैठकर उठ न पाना, उठने के लिए सहारे की जरूरत पड़ना
- कंघी करते समय हाथों में दर्द होना, जल्दी थक जाना
- कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हाथों में दर्द और कमजोरी सी महसूस होती है लेकिन यह कोई शारीरिक बीमारी नहीं होती है
- अगर हम बहुत ज्यादा स्ट्रेस या टेंशन में रहते हैं तो भी हमें हर समय थकावट और मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है डाइग्नोसिस - कई तरह के ब्लड टेस्ट हैं जिनसे हम कैल्शियम और विटामिन डी की कमी का पता कर सकते हैं
- अगर मांसपेशी की कमज़ोरी बीमारी के कारण है तो खून के द्वारा थायरॉइड की जांच की जाती है

- ब्लड टेस्ट से नमक यानी सोडियम और पोटेशियम की जांच की जा सकती है
- मांसपेशियों में सीपीके एन्जाइम होता है, उसकी भी जांच होती है
- मांसपेशियां कमज़ोर होने के पीछे क्या असल कारण है, इसका पता ब्लड टेस्ट के द्वारा चलता है
- मांसपेशियों की कमज़ोरी ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण तो नहीं है, ये भी टेस्ट से पता लगाया जा सकता है
- मांसपेशियों की कमजोरी कई लोगों में जन्म से भी हो सकती है
- इन बीमारियों के लक्षण बड़े होने पर नज़र आते हैं, उनकी जांच के लिए स्पेशल टेस्ट किए जाते हैं. इसे NCV EMG टेस्ट कहा के नाम से जाना जाता है
- इसमें सुई लगाकर मसल्स की एक्टिविटी का जायजा लिया जा सकता है
- पता किया जाता है कि मांसपेशियां ठीक से काम कर रही हैं या नहीं इलाज - एक बार कारण पता चल जाए तो उसी के हिसाब से उचित इलाज होता है
- अगर शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी कमी है तो इनकी गोलियां नियमित तौर पर खाने से कमी पूरी की जा सकती है
- उसी तरह सोडियम, पोटेशियम की कमी को पूरा किया जा सकता है

-ऑटोइम्यून बीमारियों के लिए अलग से दवाई दी जा सकती है
-अगर मांसपेशियों की कमज़ोरी स्टेरॉयड के ज़्यादा इस्तेमाल के कारण है तो उन्हें बंद करके इलाज किया जाता है बचाव - ज़्यादा पानी पिएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें
- नमक की कमी न होने दें
- कैल्शियम की मात्रा शरीर में ठीक रखने के लिए दूध का सेवन करें
- कैल्शियम युक्त चीजें खाएं जैसे रागी, फल जैसे केला
- ऐसा करके हम कैल्शियम की कमी से थोड़ा बचे रह सकते हैं
- औरतों में मेनोपॉज के बाद कैल्शियम सप्लीमेंट लेना बहुत जरूरी है
- कैल्शियम की एक गोली नियमित तौर पर लेने से भी फायदा होगा
- मांसपेशियों की जितनी एक्सरसाइज करेंगे, उतनी ताकत बढ़ेगी. उतनी वो स्वस्थ रहेंगी

- इसलिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज भी एक तरीका है जिससे हम अपनी मांसपेशियों को बीमारियों से बचा सकते हैं
- आधा-पौना घंटा डेली कोई न कोई एक्सरसाइज करें. सारे जॉइंट्स को मूव करने की कोशिश की जाए तो बेहतर रहता है
- एक्सरसाइज कोई भी हो सकती है, चाहे योगा, वॉकिंग या एरोबिक्स
- एक्सरसाइज में वेट ट्रेनिंग भी मददगार साबित होती है. हल्के-फुल्के वेट्स भी रख लेते हैं तो भी उससे काफी फायदा हो जाता है
- मांसपेशियों की बीमारी आजकल काफी आम है, कई लोगों में पाई जा रही है
-लेकिन इससे बचाव के तरीके हैं. अगर हम अपने शरीर पर थोड़ा ध्यान देते हैं तो कई चीजों से बच सकते हैं
कमज़ोर मांसपेशियां एक बहुत ही आम समस्या है, ख़ासतौर पर इंडिया में. अक्सर हम हाथ-पैरों के दर्द, कमज़ोरी को इग्नोर कर देते हैं. पर ये कमज़ोर मांसपेशियों का लक्षण हो सकता है. इसलिए ध्यान देना ज़रूरी है.