The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Oddnaari
  • Can increase in creatinine level lead to kidney failure?

क्या होता है क्रिएटिनिन, जिसके बढ़ने का मतलब है, आपकी किडनी के लिए खतरे की घंटी?

क्रिएटिनिन का बढ़ना किडनी में कई बीमारियों की वजह बन सकता है. इस मामले में शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों को ज्यादा सचेत रहने की जरुरत है.

Advertisement
kidney
kidney
26 फ़रवरी 2024 (Updated: 26 फ़रवरी 2024, 05:33 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

किडनी आपके शरीर का एक बहुत ज़रूरी अंग है. क्योंकि ये हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ों को गेट आउट बोलती है. हमारे खून को चौबीस घंटे फिल्टर करती रहती है. अगर किडनी ठीक तरह अपना काम न करे, तो आपको शरीर का खून साफ़ करवाने के लिए लगातार डायलिसिस करवाना पड़ेगा. यानी एक मशीन की मदद से खून साफ़ किया जाएगा. अब जब किडनी आपके शरीर का इतना ज़रूरी अंग है, तो इसकी देखभाल भी टॉप क्लास होनी चाहिए. किडनी ख़राब होना शुरू हो गई है, उसके शुरुआती लक्षण ऐसे पकड़ में नहीं आते. पर समय रहते इसका पता एक टेस्ट से लगाया जा सकता है. इसे सिरम क्रिएटिनिन टेस्ट कहते हैं. डॉक्टर से जानिए कि क्रिएटिनिन का शरीर में  बढ़ने और घटने का क्या मतलब है? किडनी से इसका क्या नाता है और इसको बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है.

क्रिएटिनिन क्या होता है और इसके बढ़ने का क्या कारण है?

क्रिएटिन (Creatine) एक तरह का प्रोटीन है. हमारे शरीर की मांशपेशियां इस प्रोटीन को बनाती हैं. क्रिएटिनिन(Creatinine) इसका बचा हुआ कचरा है. किडनी इसे फ़िल्टर करके शरीर से बाहर निकालती है. जब किडनी काम करना कम कर देती है, तब ये क्रिएटिनिन हमारे शरीर में इकट्ठा होने लगता है. ऐसा भी हो सकता है कि किसी वजह से शरीर में क्रिएटिनिन ज्यादा बनने लगे. जैसे मांशपेशियों में चोट लगने की वजह से. कई मरीज आते हैं जिनका एक्सिडेंट हो जाता है या जो लोग ज्यादा एक्सरसाइज कर लेते हैं. जैसे वेटलिफ्टर, ऐसे लोगों के मांसपेशियों में चोट लग जाती है. शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ जाता है. शरीर में नॉर्मल क्रिएटिनिन लेवल 0.9 से 1.2 होता है. क्रिएटिनिन को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर ये बढ़ता है, तब सबसे पहला सवाल यही आता है कि कहीं किडनी फंक्शन तो कम नहीं हो गया. तो अगर इसका लेवल 1.2 से ज्यादा हो तो किडनी के डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

 

(Dr. Nitin Kumar, Consultant, Nephrology, Manipal Hospital, Patiala)
(डॉ. नितिन कुमार, कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल, पटिआला)

 दूसरी जरूरी बात, जिन लोगों को डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की समस्या है या फिर किडनी में पथरी है. ऐसे लोगों के किडनी पर भी असर हो सकता है और क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है. अगर ऐसी सिचुएशन है और आप अपने शुगर या ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर लेते हैं, समय पर डॉक्टर से सलाह लेते हैं तो किडनी दोबारा सही किया जा सकता है.

बचाव

शुगर कंट्रोल में रखें. लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं. जैसे व्यायाम रोज़ाना करें. खाने में नमक का इस्तेमाल कम करें. इससे ब्लड प्रेशर सही रहेगा. जंक फ़ूड, स्ट्रीट फ़ूड और वाइट ब्रेड से डायबिटीज का खतरा बन जाता है. इस वजह से कम उम्र में ही डायबिटीज की समस्या हो जाती है. डायबिटीज और हाइपरटेंशन ख़राब जीवनशैली की समस्या है. इनकी वजह से किडनी पर असर पड़ता है. इन्हीं कारणों के चलते किडनी में पथरी की समस्या भी हो जाती है.

सेहतमंद किडनी यानी सेहतमंद आप. इसलिए डॉक्टर ने जो टिप्स बताई हैं, उन्हें ज़रूर फॉलो करिए. और साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट ज़रूर करवा लीजिए.
 

Advertisement