The Lallantop
Advertisement

कैंसर वाली नहीं होती ब्रेस्ट की हर गांठ, लेकिन ये बात पता कैसे करें?

अक्सर लोग ब्रेस्ट में होने वाली किसी भी गांठ को कैंसर की गांठ समझ लेते हैं. हालांकि हर गांठ कैंसर वाली नहीं होती. कौन-सी गांठ कैंसर देगी, इसका पता लगाया जा सकता है.

Advertisement
Is every breast lump cancerous how to know it
ब्रेस्ट की 90 फीसदी गांठों का कैंसर से कोई संबंध नहीं होता
3 अप्रैल 2024 (Updated: 3 अप्रैल 2024, 02:01 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

महिलाओं को कई बार अपने ब्रेस्ट में गांठ महसूस होती है. अब ब्रेस्ट में गांठ होने से उनका ध्यान सीधे कैंसर की तरफ जाता है. वो ये सोचकर परेशान हो जाती हैं कि कहीं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर तो नहीं हो गया? मगर, घबराने की बात नहीं है. ब्रेस्ट में होने वाली हर गांठ कैंसर नहीं होती है. आज के एपिसोड में हम डॉक्टर से जानेंगे ब्रेस्ट में होने वाली गांठों के बारे में. क्या ब्रेस्ट में गांठ मतलब कैंसर ही है? मरीज खुद से साधारण गांठ और कैंसर वाली गांठ का अंतर पता कर सकते हैं या नहीं? किन वजहों से बिना कैंसर वाली गांठ हो जाती है और उसे कैसे ठीक किया जाए. 

ब्रेस्ट में गांठ मतलब कैंसर ही है?

ये हमें बताया डॉ. रोहन खंडेलवाल ने. 

डॉ. रोहन खंडेलवाल, लीड कंसल्टेंट, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम

ब्रेस्ट में होने वाली हर गांठ कैंसर से जुड़ी नहीं होती है. बल्कि करीब 90 फीसदी गांठों का कैंसर से संबंध नहीं होता. सिर्फ 10 प्रतिशत गांठें ही कैंसर की होती हैं. अब कौन सी गांठ कैंसर फैलाएगी, यह मरीज़ खुद पता नहीं कर सकता. इसके लिए डॉक्टर के पास जाना ज़रूरी है.

गांठ कैंसर की है या नहीं, कैसे पता चलता है?

- गांठ कैंसर वाली है या नहीं, यह तीन चीज़ों से पता चलता है

- इसके लिए सबसे पहले एक एग्ज़ामिनेशन किया जाता है

- फिर एक इमेजिंग टेस्ट होता है-अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राफी

- ज़रूरत पड़ने पर एक सुई की जांच भी होती है

- इनसे पता चलता है कि गांठ कैंसर वाली है या नहीं

मरीज़ खुद से कैंसर और बिना कैंसर वाली गांठ के बीच अंतर पता नहीं कर सकते
किन वजहों से बिना कैंसर वाली गांठ बन जाती है?

ब्रेस्ट में बिना कैंसर वाली गांठ होने के कई कारण हैं. सबसे अहम कारण है फाइब्रोएडीनोमा. ये गांठ अमूमन 15 से 30 साल की महिलाओं में होती है. इसमें दर्द नहीं होता और ये छाती के अंदर घूमती रहती है. हॉर्मोन में बदलावों की वजह से ये गांठ बनती है. अगर ये गांठ बड़ी है या परिवार में किसी को कैंसर है या फिर इसका साइज़ बढ़ रहा है. तो ऐसी गांठ को सर्जरी करके निकाला जा सकता है. 

इस सर्जरी का नाम वैक्यूम-असिस्टेड ब्रेस्ट सर्जरी है. इसमें बिना कोई चीरा लगाए गांठ निकल जाती है. इसके अलावा छाती में पानी इकट्ठा होने पर भी गांठ हो सकती है. ये गांठें पीरियड्स से 7-8 दिन पहले ज़्यादा महसूस होती हैं. ऐसा हॉर्मोनल बदलावों के कारण होता है. अगर कुछ सुधार किए जाएं, जैसे नेचुरल सप्लिमेंट दिए जाएं तो उससे गांठें और दर्द कंट्रोल किया जा सकता है. कैंसर और नॉन-कैंसर गांठ में फर्क मरीज खुद से नहीं कर सकते. उन्हें डॉक्टर के पास जाना ही होगा. अगर आपको भी ब्रेस्ट में कोई गांठ महसूस हो रही है तो जल्द डॉक्टर से मिलें और जांच करवाएं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: मसालेदार खाना खाने से चेहरे पर एक्ने और पिंपल्स होते हैं? डॉक्टर्स क्या कहते हैं?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement