जोहरान ममदानी ट्रंप की खुली धमकी के बाद भी जीत गए, न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में रच दिया इतिहास
Zohran mamdani New York Mayor Election Result: जोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम मेयर बन गए हैं. चुनाव से पहले Donald Trump ने उन्हें ‘कम्युनिस्ट’ करार दिया था और खुली धमकी दी थी.

भारतीय मूल के जोहरान ममदानी (34) ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत लिया है. उन्होंने शहर के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हराया है, जो एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे. इस जीत के साथ ही डेमोक्रेट्स ममदानी (Zohran Mamdani) न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम मेयर बन गए हैं. इसके अलावा मैदान में रिपब्लिकन कर्टिस स्लिवा भी थे, जो रेस में काफी पीछे रह गए.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ममदानी 1 जनवरी को शपथ लेंगे. इसके साथ ही वे पिछली एक सदी में न्यूयॉर्क के सबसे युवा मेयर भी बन जाएंगे. चुनाव बोर्ड के मुताबिक, 20 लाख से ज्यादा लोगों ने वोटिंग की. ममदानी ने अब तक 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर लिए हैं. 10 लाख से ज्यादा लोगों ने उनके पक्ष में वोट डाला है. 1969 के बाद से शहर में मेयर पद के लिए सबसे ज्यादा मतदान हुआ है.
ट्रंप के निशाने पर थे ममदानीअपने पूरे अभियान के दौरान, ममदानी रिपब्लिकनंस के निशाने पर रहे हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी शामिल हैं. ट्रंप ने उन्हें ‘कम्युनिस्ट’ करार दिया और धमकी दी कि अगर ममदानी जीत गए तो वे फेडरेल फंडिंग रोक देंगे. ट्रंप ने उनकी योग्यता पर भी सवाल उठाया, जबकि ममदानी 2018 से ही अमेरिकी नागरिक हैं.
कौन हैं जोहरान ममदानी?33 साल के जोहरान ममदानी, भारतीय-अमेरिकी फिल्म डायरेक्टर मीरा नायर के बेटे हैं, जिन्होंने 'मॉनसून वेडिंग' और 'द नेमसेक' जैसी फिल्में बनाई हैं. ममदानी, न्यूयॉर्क के क्वींस से विधानसभा के सदस्य हैं. उनका जन्म युगांडा के कंपाला में हुआ. सात साल की उम्र में वो न्यूयॉर्क चले गए. उनके पिता महमूद ममदानी एक प्रसिद्ध युगांडाई लेखक हैं और भारतीय मूल के मार्क्सवादी विद्वान हैं.

ममदानी की पढ़ाई-लिखाई न्यूयॉर्क में ही हुई. उन्होंने ब्रोंक्स हाई स्कूल ऑफ साइंस और बोडोइन कॉलेज से अफ्रीकाना स्टडीज की पढ़ाई की. 2018 में वो अमेरिकी नागरिक बन गए. राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले उन्होंने हाउसिंग काउंसलर का काम किया. वो घर खरीदने, उसे किराए पर लेने, आवास से जुड़े नियमों को लेकर जागरूकता बढ़ाने, घरों के लिए किफायती दर तय करने, जैसे कामों से जुड़े हुए थे.
ऐसे शुरू हुई ममदानी की राजनीतिसाल 2017 में ममदानी ने डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ अपनी राजनीति की शुरुआत की. 2020 में वो न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने गए. 2022 और 2024 में उनको निर्विरोध जीत मिली.
उन्होंने कुछ ऐसे मुद्दों की वकालत की, जिससे वोटर्स के बीच उनकी खूब चर्चा होने लगी. उन्होंने किफायती घर की तो बात की ही, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री होने चाहिए. साथ ही उन्होंने न्यूनतम वेतन को 30 डॉलर (लगभग 2,578 रुपये) प्रतिदिन करने की मांग की. ममदानी की ओर से विधानसभा में 20 विधेयकों को समर्थन दिया गया है. इनमें से तीन कानून बन चुके हैं.
इंडियन कार्ड, प्रधानमंत्री मोदी और इजरायल…ममदानी को कई कारणों से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है. एक टीवी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि वो इजरायल को एक यहूदी स्टेट के रूप में नहीं देखना चाहते. उन्होंने कहा,
मैं ऐसे किसी भी राज्य का समर्थन करने में सहज नहीं हूं, जिसमें धर्म या किसी और चीज के आधार पर नागरिकता दी जाए. जिस तरह से हमारे देश में समानता है, दुनिया के हर देश में ऐसी ही समानता होनी चाहिए.
उनके इस बयान से कई इजरायल समर्थक समूह नाराज हो गए. उन पर यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा देने के आरोप लगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए एक बयान के लिए भी उनकी आलोचना हुई. एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि अगर प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क आते हैं तो क्या वो उनके साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे, तो ममदानी ने साफ कहा कि वो ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने पीएम मोदी की तुलना इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कर दी.
ममदानी ने दोनों को वॉर क्रिमिनल बताया था. एक अन्य वीडियो में उनको ये भी कहते सुना गया कि अगर उनके मेयर रहते नेतन्याहू न्यूयॉर्क आते हैं, तो वो उनको गिरफ्तार करवाएंगे.
वीडियो: जोहरान ममदानी के विवादित बयानों के बीच उनकी पत्नी चर्चा में क्यों?


