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US पुलिस ने परफ्यूम बॉटल को समझा अफीम, भारतीय मूल के शख्स पर डिपोर्टेशन का खतरा

भारतीय मूल के शख्स के लिए अमेरिका में पुलिस की गलतफहमी इतनी भारी पड़ गई कि उनके सामने अब देश से निकाले जाने का खतरा बन गया है. परफ्यूम की एक बॉटल ने उन्हें निर्वासन की स्थिति तक पहुंचा दिया है. पढ़ें क्या है पूरा मामला.

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US Police Mistake Perfume for Opium Indian Origin kapil raghu Visa Revoked
कपिल रघु (बाएं), परफ्यूम की शीशी की प्रतीकात्मक तस्वीर (बाएं). (Photo: @XCaseFiles/scentstore.com)
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सचिन कुमार पांडे
7 अक्तूबर 2025 (Updated: 7 अक्तूबर 2025, 10:02 AM IST)
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अमेरिका में एक भारतीय मूल के शख्स के लिए परफ्यूम यानी इत्र की बॉटल की वजह से देश से निकाले जाने का खतरा पैदा हो गया है. शख्स ने अमेरिकी नागरिक से शादी की है और वहीं बसने की प्लानिंग कर रहा था, लेकिन एक छोटी सी गलतफहमी ने उसका जीवन उलट-पुलट कर रख दिया.

दरअसल अमेरिका के अरकंसास में 3 मई को भारतीय मूल के कपिल रघु किसी को खाना पहुंचाने जा रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें ट्रैफिक चेकिंग के लिए रोका. पुलिस ने उनकी गाड़ी में एक शीशी देखी, जिसमें 'Opium' लिखा हुआ था. 'Opium' का मतलब होता है अफीम, जो कि एक नशीला पदार्थ है और प्रतिबंधित है.

परफ्यूम को समझा अफीम

रघु ने कहा कि यह अफीम नहीं है, परफ्यूम की बॉटल है और इसका नाम 'Opium' है, लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं मानी. ड्रग्स रखने के जुर्म में उन्हें हिरासत में ले लिया. द गार्जियन के अनुसार इसके बाद रघु को सेलाइन काउंटी जेल में तीन दिन तक रखा गया. हालांकि अरकंसास स्टेट क्राइम लैब की जांच में यह साबित हो गया कि शीशी में परफ्यूम ही था, कोई अफीम नहीं. लेकिन रघु की परेशानी इससे भी खत्म नहीं हुई.

वीजा में मिली समस्या

रघु के जेल में रहने के दौरान अधिकारियों ने पाया कि उसके इमीग्रेशन के दस्तावेजों में कोई दिक्कत है और उसका वीजा समाप्त हो गया है. रघु के वकील ने इसे प्रशासनिक गलती बताई, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें लुइसियाना के फेडरल इमीग्रेशन सेंटर में भेज दिया. वहां उन्हें अमेरिकी इमीग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट (ICE) ने 30 दिन तक हिरासत में रखा.

जिला अदालत ने रघु को 20 मई को अफीम रखने के आरोपों से बरी कर दिया, लेकिन इस बीच उनका वीजा रद्द कर दिया. ऐसे में अब उनके पास अमेरिका में कानूनी रूप से रहने के लिए कोई आधार नहीं बचा था. रघु के वकील के मुताबिक उन्हें रिहा तो कर दिया गया, लेकिन अब उन्हें निर्वासन (Deportation) का दर्जा प्राप्त है, यानी उन्हें अब किसी भी छोटे अपराध, यहां तक कि सड़क पर पैदल चलने के लिए भी तुरंत देश से निकाला जा सकता है.

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घर चलाना हुआ मुश्किल

रघु के लिए चिंता की बात यह भी है कि वह अब अमेरिका में न तो कोई काम कर सकते हैं और न पैसा कमा सकते हैं. ऐसे में उनके लिए घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. परिवार की बचत पहले ही कानूनी प्रक्रिया में खर्च हो चुकी है. अब उनकी पत्नी को घर चलाने के लिए तीन-तीन नौकरियां करनी पड़ रही हैं. पत्नी ने लीगल और घर खर्चे के लिए ऑनलाइन फंड कैंपेन भी चलाया है, जिसमें लोगों से डोनेशन की मांग की है. उन्हें अब तक 13,780 डॉलर का दान भी मिल चुका है.

kapil raghu ashley mays
पत्नी Ashley Mays के साथ रघु की तस्वीर. (Photo: gofundme.com/Ashley Mays)

रघु ने स्थानीय मीडिया को यह भी बताया कि जब वह हिरासत में थे तो उनकी पत्नी रोज रात में फोन करके रोती थीं और कहती थीं कि सबकुछ बेचकर किसी दूसरे देश में चले जाते हैं, जहां खुशी से रह सकें. उन्होंने पिछले हफ्ते ICE के लॉ ऑफिस को एक पत्र लिखकर बताया कि उनके पिछले वकील ने समय पर डॉक्यूमेंट्स जमा नहीं किए, इसलिए वीजा में दिक्कत हुई है. उन्होंने अनुरोध किया कि उनके वीजा को वापस बहाल कर दिया जाए. बहरहाल एक छोटी सी गलतफहमी रघु और उनके परिवार के लिए त्रासदी बन गई है.

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