H-1B वीजा की बढ़ी हुई फीस किसे देनी है और किसे नहीं? ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया नियम
US H-1B Visa Fees Rules: US President Donald Trump ने 19 सितंबर को H-1B वीजा की फीस बढ़ाने की घोषणा की थी. इसके बाद वहां रह रहे भारतीय प्रोफेशनल्स के बीच भी अफरा-तफरी मच गई थी. हालांकि अब ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट रूप से बता दिया है कि किसे बढ़ी हुई फीस देनी है और किसे नहीं.

अमेरिका में H-1B वीजा की फीस बढ़ने को लेकर काफी समय से बवाल मचा हुआ था. इसके नियमों को लेकर काफी भ्रम था. हालांकि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अब नए नियमों पर स्पष्टीकरण जारी कर दिया है. इससे अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि यह स्पष्ट कर दिया गया है कि जो पहले से वीजा लेकर रह रहे हैं, उन्हें बढ़ी हुई फीस नहीं देनी है. यानी अमेरिका में रहते ही वीजा रिन्यू कराने पर पहले जितनी फीस ही देनी होगी.
मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को H-1B वीजा की फीस बढ़ाने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि अब वीजा के लिए 1 लाख डॉलर यानी लगभग 89 लाख रुपये फीस देनी होगी. तब यह स्पष्ट नहीं था कि जिनके पास पहले से वीजा हैं, लेकिन फिलहाल अमेरिका से बाहर हैं, उन्हें भी यह फीस देनी है या नहीं. इससे H-1B वीजा होल्डर्स के बीच अफर-तफरी मच गई थी. कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने के आदेश दे दिए थे. इस फैसले से भारतीय सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे, क्योंकि H-1B वीजा का सबसे अधिक इस्तेमाल भारतीय छात्र और प्रोफेशनल्स ही करते हैं.
USCIS ने जारी की गाइडलाइन्सइंडिया टुडे के अनुसार यूनाइटेड स्टेट्स सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने मंगलवार को नए नियमों को लेकर गाइडलाइन्स जारी कीं. इसमें बताया गया कि 21 सितंबर, 2025 को अमेरिकी समयानुसार रात 12.01 बजे या उसके बाद दायर की गई नई H-1B याचिकाओं पर ही बढ़ी हुई फीस लागू होगी. यानी, जिनके पास पहले से वैलिड H-1B वीजा नहीं है और 21 सितंबर के बाद उन्होंने इसके लिए अप्लाई किया होगा, उन्हें यह बढ़ी हुई फीस देनी होगी.
USCIS ने यह भी बताया कि 21 सितंबर, 2025 के बाद अगर किसी व्यक्ति ने अमेरिका के बाहर किसी दूतावास से वीजा स्टैम्प कराया हो या अमेरिका के बॉर्डर पर एंट्री के समय वीजा चेक कराया हो, उन्हें भी यह फीस देनी होगी, भले ही वीजा के लिए अमेरिका से अप्लाई किया गया हो. इसके अलावा विशेष मामलों में H-1B वीजा की फीस से छूट भी दी जा सकती है. अगर कोई अमेरिकी नागरिक किसी पद को भर पाने में सक्षम नहीं है और किसी विदेशी नागरिक की नौकरी अमेरिका के "National Interest" में है, तो Homeland Security Secretary उसे फीस से छूट दे सकते हैं. लेकिन ये बहुत ही दुर्लभ मामलों में होगा.
इन मामलों में भी होगी छूटवीजा होल्डर्स के लिए बड़ी राहत की बात यह भी है कि अगर उनका वीजा अपग्रेड किया जाता है तो इस मामले में उन्हें फीस नहीं देनी होगी. यानी अगर वह अपना वीजा F-1 (स्टूडेंट कैटेगिरी) से H-1B (वर्क कैटेगिरी) में बदलवाते हैं तो उनके लिए फीस लागू नहीं होगी. USCIS ने यह भी क्लियर किया है कि पहले से वैलिड H-1B वीजा होल्डर्स को यह फीस नहीं देनी होगी, चाहे वे अमेरिका से बाहर जाएं और वापस आएं. साथ ही पहले से मंजूर वीजा के आवेदनों के लिए भी फीस नहीं देनी होगी, भले ही वह व्यक्ति बाद में अमेरिका से बाहर चला जाए और फिर वीजा में स्टैम्प लगवाने के लिए दूतावास जाए. इसके अलावा वीजा की अवधि बढ़ाने या स्टेटस बदलने के लिए किए गए आवेदनों पर भी यह फीस लागू नहीं होगी.
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हालांकि, नए नियम में यह कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति का आवेदन रिजेक्ट हो जाता है या फिर उसके वीजा को Status Change या Extension के लिए योग्य नहीं माना जाता तो उसके इम्प्लॉयर को बढ़ी हुई फीस ही देनी होगी. साथ ही एजेंसी ने बताया है कि फीस का भुगतान pay.gov वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है. यह फीस वीजा के लिए आवेदन करने से पहले जमा करनी होगी. वीजा फीस को लेकर नई गाइडलाइन्स भारतीय छात्रों और टेक्निकल प्रोफेशनल्स के लिए बड़ी राहत मानी जा रही हैं. बता दें कि 2024 में 70% H-1B वीजा भारतीय नागरिकों को ही दिए गए हैं. इसके अलावा एक अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में अमेरिका में आने वाले सभी विदेशी छात्रों में भारतीय छात्रों की संख्या 27% थी, जो पिछले साल के मुकाबले 11.8% बढ़ी है.
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