'बच्चे को थप्पड़ मारते हुए वीडियो भेजो', मां ने मांगा रिफंड तो ऑन लाइन कंपनी ने रख दी अजीब शर्त
11 साल की बच्ची ने Qiandao नाम के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ऑर्डर प्लेस किया था. जैसे ही यह बात बच्ची की मां को पता लगी, उसने तुरंत ऑर्डर रद्द कर रिफंड मांगा. महिला ने कारण बताया कि बच्ची ने बिना इजाजत के यह ऑर्डर प्लेस किया था. लेकिन कंपनी ने रिफंड के लिए अजीब शर्तें रख दीं.

चीन में एक अजीब रिफंड पॉलिसी देखने को मिली है. यहां एक छोटी बच्ची ने गलती से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हजारों रुपये के प्लेइंग कार्ड्स खरीदने का ऑर्डर प्लेस कर दिया था. जैसे ही यह बात मां को पता लगा तो उसने तुरंत रिफंड के लिए अप्लाई किया. लेकिन सेलर ने रिफंड के लिए मां से बच्ची को थप्पड़ मारते हुए लगातार पांच मिनट का वीडियो मांग लिया. घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर इसकी आलोचना हो रही है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, ली यून नाम की महिला ने पाया कि उसकी 11 साल की बेटी ने 6,000 रुपये खर्च कर ट्रेडिंग कार्ड खरीद लिए थे. उसकी बेटी ने Qiandao नाम के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से यह ऑर्डर प्लेस किया था. यह प्लेटफॉर्म ट्रेंडी सेकंड-हैंड खिलौनों के लिए चीन का लीडिंग प्लेटफॉर्म माना जाता है. इस प्लेटफॉर्म पर खरीदार और विक्रेता खिलौनों, कार्ड्स और मॉडल फिगर्स जैसी कलेक्ट करने वाली चीजों की खरीद-बिक्री करते हैं.
रिफंड के लिए रखीं ये शर्तेंइसके बाद ली यून ने तुरंत ऑर्डर रद्द कर रिफंड मांगा. महिला ने कारण बताया कि बच्ची ने बिना इजाजत के यह ऑर्डर प्लेस किया था. रिफंड मांगने पर पहले तो विक्रेता ने महिला पर जानबूझकर ऑर्डर कैंसिल करने के लिए नाबालिग होने का नाटक करने का आरोप लगाया. इसके बाद एक “माइनर रिफंड नोटिस” भेजा. इसमें उन्होंने रिफंड के लिए कुछ शर्तें रखीं.
1. मां को बच्चे को लगातार 5 मिनट थप्पड़ मारते हुए वीडियो भेजना होगा.
2. वीडियो में थप्पड़ की आवाज साफ सुनाई देनी चाहिए और कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए.
3. इसके बाद 3 मिनट का डांटने वाला वीडियो भी देना होगा. माता-पिता और बच्चा दोनों कैमरे में साफ दिखने चाहिए.
4. बच्चे से 1000 शब्दों का माफीनामा लिखवाकर उस पर सिग्नेचर और फिंगरप्रिंट लेना होगा. इसे मां-बेटी दोनों को जोर से पढ़ना होगा.
इसके बाद महिला ने प्लेटफॉर्म की कस्टमर सर्विस यूनिट से मदद मांगी. लेकिन उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वे इसमें कुछ नहीं कर सकते. कस्टमर और विक्रेता आपस में मिलकर इसे सुलझाएं. प्लेटफॉर्म ने बयान जारी कर कहा कि ट्रांजैक्शन का झगड़ा एक पर्सनल सेकंड-हैंड सेल से हुआ. माइनर रिफंड नोटिस विक्रेता ने पर्सनली भेजा था. प्लेटफॉर्म का इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही इसे आधिकारिक मंजूरी नहीं दी गई थी.
सोशल मीडिया पर लोगों ने क्या कहाइसके बाद मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. कुछ यूजर्स ने कहा कि उनका पहला रिएक्शन शॉक और यकीन न होना है. यह झगड़े सुलझाने का कोई तरीका नहीं है. यह लोगों के साथ ऐसा बर्ताव करना है जैसे उन्हें अपनी मर्जी से बेइज्जत किया जाए. अन्य यूजर ने कहा कि अब कोई बॉटम लाइन बची ही नहीं है. यह मांग बहुत ही बेतुकी है. आफ्टर-सेल्स सर्विस का मतलब तर्क करना नहीं बल्कि अपने ही बच्चे को पीटना है? शायद विक्रेता को बिज़नेस करने से पहले खुद को थप्पड़ मारकर जगा लेना चाहिए.
लेकिन कुछ यूजर ने इस गलत तरीकों का समर्थन किया. ऐसे ही एक यूजर ने कहा कि वह इसका सपोर्ट करते हैं. बच्चे ने चुपके से अपने माता-पिता के पैसे से खरीदारी की, सेल्स के नियम तोड़े, और अब रिफंड मांग रहे हैं? इसमें अकेले विक्रेता की गलती नहीं है.
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