पाकिस्तान और अफगानिस्तान तुरंत सीजफायर के लिए तैयार, दोहा मीटिंग के बाद हुआ ऐलान
Afghanistan-Pakistan Doha Talks: दोनों देश 15 अक्टूबर को भी 48 घंटों के सीजफायर के लिए राजी हुए थे. लेकिन 17 अक्टूबर को सीजफायर खत्म होते-होते दोनों देशों के बीच फिर से तनाव शुरू हो गया. अब यह देखना होगा कि कतर और तुर्किये की मध्यस्थता में हुआ यह सीजफायर कब तक जारी रहेगा.

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 19 अक्टूबर को सीजफायर (Afghanistan-Pakistan Ceasefire) हो गया. दोनों देश तुरंत लड़ाई रोकने पर सहमत हो गए हैं. यह फैसला शनिवार, 18 अक्टूबर को दोहा (Doha Talks) में कतर और तुर्किये की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद सामने आया. दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ एक हफ्ते से हिंसक संघर्ष में उलझे थे. इस लड़ाई में सैकड़ों लोगों की मौत हुई जबकि कई घायल हुए.
अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीजफायर की होगी निगरानीकतर के विदेश मंत्रालय ने 19 अक्टूबर को जारी आधिकारिक बयान में बताया कि आने वाले दिनों में सीजफायर को जारी रखने के लिए कई बैठकें होंगी, ताकि इसे बनाए रखने और सही तरीके से लागू होने पर निगरानी रखी जा सके.
कतर ने उम्मीद जताई है कि यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव खत्म करने में मददगार साबित होगा. सीजफायर के बाद दोनों देशों के बॉर्डर पर न सिर्फ तनाव खत्म होगा बल्कि शांति के लिए भी मजबूत नींव बनेगी.
शांति वार्ता में कौन-कौन शामिल हुआ?रॉयटर्स के मुताबिक, अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब कर रहे थे. वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ कर रहे थे.
दूसरी बार हो रहा सीजफायरइससे पहले दोनों देश 15 अक्टूबर को भी 48 घंटों के सीजफायर के लिए राजी हुए थे. लेकिन 17 अक्टूबर को सीजफायर खत्म होते-होते दोनों के बीच फिर से तनाव शुरू हो गया. पहले तो अफगान बॉर्डर पर TTP के मिलिटेंट्स ने पाकिस्तान के मिलिट्री कैंप पर आत्मघाती हमला किया. इसमें इसमें 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 13 पाकिस्तानी सैनिक घायल हुए.
इसके जवाब में महज कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के इलाकों पर दूसरी एयरस्ट्राइक कर दी. इसमें 3 अफगान क्रिकेटर्स समेत 10 अफगान लोगों की जान चली गई. जान गंवाने वालों में बच्चे भी शामिल हैं. कई अन्य घायल भी हुए हैं.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तनाव की वजहयह संघर्ष तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से मांग की कि वह उन उग्रवादियों पर कार्रवाई करे, जो अफगानिस्तान से पाकिस्तान में हमले कर रहे थे. इसमें मुख्य तौर पर TTP का हाथ होने का दावा किया था. पाकिस्तान दावा है कि अफगानिस्तान बेस्ड यह संगठन लंबे वक्त से पाकिस्तान में हमलों के लिए जिम्मेदार है.
तालिबान इन आरोपों का खंडन करता रहा है. अफगानिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान के सैन्य बल गलत जानकारी फैलाते हैं और इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े उग्रवादियों का समर्थन करते हैं. पाकिस्तान ने भी इन आरोपों को नकारा है. इन्हीं कारणों से दोनों देशों के बीच लंबे वक्त से तनाव चला आ रहा है.
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