तालिबान-पाकिस्तान में सुलह मुश्किल? तुर्की नहीं करवा पाया डील, 9 घंटे की बैठक इस वजह से हुई फेल
बॉर्डर पर कई दिनों के संघर्ष के बाद पाकिस्तान अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से सुलह करना चाह रहा है. इसके लिए तुर्की की मदद से इंस्ताबुल में शांति वार्ता कराई जा रही है. लेकिन यह वार्ता आगे नहीं बढ़ पाई है.
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच विवाद सुलझता नहीं दिख रहा है. दोनों देशों के बीच शांति वार्ता आगे नहीं बढ़ पा रही है. पाकिस्तान ने तालिबान पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप लगाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने कहा है कि तालिबान बेवजह के तर्क दे रहा है, जो सच्चाई से कोसों दूर हैं. कुल मिलाकर तुर्की में करीब 9 घंटे की तालिबान और पाकिस्तान के बीच हुई बैठक बिना किसी औपचारिक समझौते के खत्म हो गई.
हाल ही में बॉर्डर पर छिड़े संघर्ष के बाद दोनों देश अब सुलह के लिए बातचीत कर रहे हैं. कतर और तुर्की इसमें दोनों के बीच मध्यस्थता करा रहे हैं. कतर की राजधानी दोहा में दोनों के बीच पहले राउंड की शांति वार्ता हुई थी. इसके बाद 19 अक्टूबर से तुर्की की राजधानी इंस्ताबुल में दूसरे दौर की बातचीत शुरू हुई है.
पाकिस्तान ने रखी डिमांडपाकिस्तानी मीडिया जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार पाक ने तालिबान से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग करने को कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने तालिबान को सीमा पार आतंकवाद के कई सबूत सौंपे और इस मुद्दे पर समाधान के लिए प्रस्ताव रखा. कथित तौर पर पाकिस्तान ने इसके लिए एक नीति बनाने की भी बात की, जिससे आतंकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके. साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार से जुड़ी दिक्कतों को भी दूर किया जा सके.
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और तालिबान ने इस बात पर भी चर्चा की कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक समझ बनाई जाए. हालांकि, तालिबान ने इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है. रिपोर्ट के अनुसार पाक अधिकारियों का कहना है कि तालिबान सहयोग करने या जमीनी हकीकत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. वहीं बताया गया है कि तुर्की इस मसले को सुलझाने के लिए तालिबान को समझाने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट में पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि आगे की स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि तालिबान गंभीरता से बातचीत करता है या नहीं और अपनी जिद छोड़ता है या नहीं.
युद्ध की धमकी दीये भी बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने तालिबान से कहा है कि वह सीमा पार आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. पाकिस्तान ने शांति वार्ता सफल न होने की स्थिति में अफगानिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की भी धमकी दी है. इंडिया टुडे के अनुसार वार्ता शुरू होते ही पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि अगर शांति वार्ता विफल होती है तो तालिबान के साथ जंग छिड़ जाएगी.
वहीं अब इस पूरे विवाद पर अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. आठ-आठ युद्ध रुकवाने का दावा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल़्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अफगनिस्तान और पाकिस्तान के बीच भी सुलह करा देंगे. मलेशिया में आसियान समिट के दौरान ट्रंप ने कहा, ‘मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी युद्ध शुरू हो गया है, लेकिन मैं इसे बहुत जल्द सुलझा लूंगा. मैं उन दोनों को जानता हूं.’ ट्रंप ने आगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल की तारीफ करते हुए कहा कि वे महान लोग हैं, और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम इसे जल्दी ही निपटा लेंगे.
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क्या है पूरा विवाद?पाकिस्तान ने अपनी सेना के खिलाफ कई हमलों के लिए अफगानिस्तान से आए आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया. पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान इन आतंकियों को पनाह दे रहा है और उनकी मदद कर रहा है. दोनों देशों के बीच काफी समय से इसे लेकर तनाव बना हुआ है. हाल के समय में पाकिस्तान और तालिबान के संबंध बहुत तेजी से बिगड़े हैं.
अक्टूबर की शुरुआत में पाक-अफगान बॉर्डर पर दोनों के बीच झड़प भी हुई थी. इसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर हवाई हमला किया था. उसने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया गया था. इसके जवाब में तालिबान ने भी पाकिस्तान पर हमला किया था. कुछ दिनों तक चली इस जंग के बाद तुर्की, कतर और कुछ अन्य देशों ने मिलकर दोनों के बीच सीजफायर कराया. अब सुलह के लिए दोनों पक्ष शांति वार्ता कर रहे हैं.
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