The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • India accounts for 70 percent of all deaths due to air pollution in world claims Report

दुनिया में वायु प्रदूषण से होने वाली 70% मौतें सिर्फ भारत में! लैंसेट रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा

Deaths Due to Air Pollution: रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें 2010 के मुकाबले 38% बढ़ गई हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वायु प्रदूषण से होने वाली कुल मौतों के लिए सबसे अधिक फॉसिल फ्यूल, खासकर कि कोयले और लिक्विड गैस जिम्मेदार हैं. इनकी वजह से अकेले 44% यानी 752,000 मौतें एक साल में होती हैं.

Advertisement
India accounts for 70 percent of all deaths due to air pollution in world claims Report
वायु प्रदूषण की सांकेतिक तस्वीर. (Photo: ITG/File)
pic
सचिन कुमार पांडे
29 अक्तूबर 2025 (Published: 02:12 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनियाभर में इससे होने वाली कुल मौतों में 70 फीसदी अकेले भारत में होती हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि हर साल दुनिया में वायु प्रदूषण से लगभग 25 लाख लोगों की मौत होती है. इनमें से 17 लाख 72 हजार लोगों की मौत अकेले भारत में होती है. लैंसेंट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेंट चेंज नाम की यह रिपोर्ट यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर तैयार की है. रिपोर्ट में इन मौतों के लिए PM 2.5 को जिम्मेदार ठहराया गया है.

क्या है PM 2.5?

PM 2.5 या फिर Particulate Matter 2.5, हवा में मौजूद ऐसे सूक्ष्म कण होते हैं, जिनका आकार 2.5 माइक्रोन या उससे छोटा होता है. ये आंखों से दिखाई नहीं देते, लेकिन फेफड़ों और शरीर में अंदर तक जाकर काफी नुकसान पहुंचाते हैं. PM 2.5 का स्तर बढ़ाने के लिए इंसान ही जिम्मेदार होते हैं. यह गाड़ियों या फिर फैक्ट्रियों और थर्मल पावर प्लांट्स से निकले धुएं, पराली जलाने, धूल, कंस्ट्रक्शन वर्क या फिर घरेलू ईंधन जैसे लकड़ी या कोयला जलाने से ज्यादा फैलता है.

15 साल में 38% बढ़ा मौत का आंकड़ा

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें 2010 के मुकाबले 38% बढ़ गई हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वायु प्रदूषण से होने वाली कुल मौतों के लिए सबसे अधिक फॉसिल फ्यूल, खासकर कि कोयले और लिक्विड गैस जिम्मेदार हैं. इनकी वजह से अकेले 44% यानी 752,000 मौतें एक साल में होती हैं. इनमें से भी से चलने वाले पॉवर प्लांट की वजह से 2,98,000 मौतें होती हैं. इसके अलावा सड़क बनाने में लगने वाले पेट्रोल से 2,69,000 मौतें हर साल होती हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में क्लाउड सीडिंग वाला विमान मेरठ में क्यों उतरा रहा? जान लीजिए

रिपोर्ट की मानें तो जंगलों में लगने वाली आग की वजह से भी 2020 और 2024 के बीच सालाना औसतन 10,200 मौतें हुईं हैं. रिपोर्ट में भारत में वायु प्रदूषण के स्तर और उसके प्रभाव पर विस्तार से बात की गई है. बताया गया है कि भारत में 2022 में प्रति 1 लाख लोगों पर औसतन 113 मौतें वायु प्रदूषण से हुई हैं. इसके अलावा मौतों की दर ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा रही. रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण की वजह से भारत में हीटवेव का जोखिम भी काफी बढ़ गया है. 2024 में भारतीयों को 50% अधिक हीटवेव का सामना करना पड़ा, जो औसतन 366 अतिरिक्त घंटे हीट स्ट्रेस के बराबर है.

वीडियो: '8 साल कम हो सकती है उम्र...' दिल्ली प्रदूषण पर ये रिपोर्ट डराने वाली है!

Advertisement

Advertisement

()