20 मार्च 2019 (Updated: 20 मार्च 2019, 08:49 AM IST) कॉमेंट्स
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सबसे पहले ये जान लें कि हमारा प्रबल मानना है कि न भूत होते न प्रेत. लेकिन किस्सों पर किसका जोर चलता है. किस्सों में जब भूत आएं तो सुन लीजिए, फिर अपने विश्वास पर वापस लौट जाइए. अंधविश्वास न पालिए.
साल 2006 चल रहा था. हवा में एक अफवाह फ़ैली. अफवाह ये कि "झलक दिखला जा" सुनने से भूत आते हैं. ये फिल्म बहुत फेमस थी. उससे भी ज्यादा इसका गाना फेमस हुआ. फिल्म का नाम था 'अक्सर' फिल्म में डीनो मोरिया थे. इमरान हाशमी और उदिता गोस्वामी ने भी एक्टिंग की थी. बेसिकली इमरान ने की थी, उदिता ने एक्टिंग करने की एक्टिंग की थी. अनंत महादेवन की इस फिल्म में गायक रखे गए हिमेश रेशमिया. जिन्होंने एक गाना गाया ‘झलक दिखला जा’.
हां तो फिर आया कहानी में ट्विस्ट. तो अफवाह ये उड़ी कि, हिमेश के इस गाने को गाने या बजाने से मुर्दे और भूत जग जाते हैं. और तो और वो आकर आपको धर लेते हैं. अब बताइए भला गाना गाने से भूत कइसे आ जाएंगे?
अब इस बात से जुड़े कुछ नमूने देखिए.नमूना नंबर 2 नमूना नंबर 3
तो ये अफवाह सबसे पहिले गुजरात में उड़ी. वड़ोदरा के एक गांव भलेज से इसकी शुरुआत हुई. गांव के लोगों के मुताबिक, गाने के बोल ‘एक बार आ जा-आ जा’ गाने से भूत आते हैं. हमें और आपको ये बात एकदम झूठी और अंधविश्वास लगेगी. पर भलेज के लोगों ने तो इस बात पर मानो दावा ठोंक दिया था. उन्होंने एक से बढ़कर एक भूतिया कहानियां बताई. लोगों ने कहा कि अगर कोई ये गाना गा रहा होता है तो उसके अंदर भूत घुस जाता है. और फिर वो इंसान अजीबो-गरीब हरकतें करने लगता है. कभी खुद से बातें करने लगता है. तो कभी जरूरत से ज्यादा खाने लगता है. अगर ये गाना किसी शादी में बज रहा होता था तो वहां भी लोग भूत की चपेट मे आ जाते हैं.
हिमेश का ये गाना जब बना था, तो क्या रगड़ के चला था. पर तब हिमेश को आईडिया नहीं होगा न. कि भूत को भी उनके इस गाने का फैन बताया जाएगा. दाद देनी पड़ेगी हिमेश की कला की. भूत बुला लिए बताओ ज़रा. बड़े मैजिकल आदमी हैं.
गांव के लोगों के अंदर भूत के डर से खुदबुदी मच गई. उस गांव में ये गाना ही बैन कर दिया गया. रेडियो पर जब ये गाना आता था तो रेडियो बंद कर दिया जाता था. शादियों में भी इस गाने के बजने पर बैन लग गया. सुनने में तो ये भी आया कि ये भूत एक खास धर्म के लोगों को ज्यादा परेशान करता था. अफवाह है, अफवाहों का क्या उसमें एक लेयर ये भी सही. लोग कहते थे कि कब्रिस्तान के पास ये गाना गाने से ज्यादा भूत आते थे.
फेसबुक पर भी इस भूतिया कहानी का जिक्र किया गया. गुजरात के ही एक आदमी ने अपने साथ हुई इस भूतिया आपबीती को फेसबुक पर लिखा. उसने ये बात 2013 में लिखी. पढ़िए उसका कबूलनामा. हालांकि ये पढ़ते हुए ध्यान दीजिएगा कि इस मनुष्य के लिखे शब्दों की जिम्मेदारी हम नहीं लेते. आप बस एक किस्सा मान पढ़ लीजिए.
‘द ट्रिब्यून’ के मुताबिक, बाद में गुजरात के एक बड़े साइकोलोजिस्ट डॉ मुरुगेश वैष्णव ने इन सब अफवाहों को ख़ारिज किया. उनके मुताबिक ये सब ‘पैरानॉईड डिसआर्डर’ के चलते हुआ. उन्होंने बताया कि कभी एक इंसान के साथ कुछ ऐसा हुआ होगा. फिर वो बात गांव मे फैली. और फिर सबको भूत पकड़ने लगा. कुछ ख़बरों के मुताबिक जो इस भूतिया बात पर भरोसा नहीं करता था, उसे गांव वाले अपने से अलग कर देते थे. और उससे फिर कोई गांव में बात नी करता था. तो मजबूरी में उसे भी इस अफवाह में शामिल होना पड़ता था.
क्या होता है ‘पैरानॉईड डिसआर्डर’ ?
‘पैरानॉईड डिसआर्डर’ वाले लोगों को दूसरों की हर बात झूठी लगती है. इनको हमेशा ऐसा लगता है कि इनके और दूसरे के बीच कोई न कोई मौजूद है. दोस्त हो या दुश्मन ऐसे लोग सब पर शक करते हैं. और सुनिए ये ऐसा सोचते हैं कि ये जो भी कहते हैं सब सही है. बाकी सब गलत. ये माफ करने से ज्यादा बदला लेने में विश्वास रखते हैं. बीमारी में इतना ओभर-कांफिडेंस वाह भाई.
तो बेसिकली कोई भूत-वूत नहीं था. सब मन का वहम था, जो साबित भी हो गया.
ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रही सुरभि ने की है.ये भी पढ़ेंजिस धुन पर जनता को इमरान हाशमी दिखता था, उसमें पाक महीने का चांद कैसे देख लें?गैंग्स ऑफ वासेपुर की मेकिंग से जुड़ी ये 24 बातें जानते हैं आप!विनोद खन्ना के 8 किस्सेः उनके और अमिताभ बच्चन के बीच असुरक्षा का सचफ्रैंक अंडरवुड की बोली 36 बातें: ये आदमी बता रहा है आपके नेता कितने बड़े दरिंदे होते हैंइंडिया की ये फिल्म ब्राजील की राष्ट्रपति ने भीड़ में बैठ देखी है, हम बैन कर रहे हैंवो एक्टर, जिनकी फिल्मों की टिकट लेते 4-5 लोग तो भीड़ में दबकर मर जाते हैं