'भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा, वो पीछे हट रहा... ', ट्रंप ने जेलेंस्की के सामने बड़ा दावा किया
Donald Trump ने एक बार फिर दोहराया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. लेकिन बात जब नाटो देश Hungary की आई, तो ट्रंप के सुर बदल गए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की. इस दौरान रूस-यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) के अलावा कई मुद्दों पर बातचीत हुई. ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. लेकिन बात जब नाटो देश हंगरी की आई, तो ट्रंप के सुर बदल गए. उन्होंने रूस से तेल खरीदने के लिए हंगरी का बचाव किया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि नई दिल्ली ने पहले ही रूस से अपनी खरीद कम कर दी है. ट्रंप ने कहा,
भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा. उन्होंने पहले ही खरीद को कम कर दिया है और कमोबेश रोक दिया है. वे पीछे हट रहे हैं. उन्होंने लगभग 38 प्रतिशत तेल खरीदा था, और अब वे ऐसा नहीं करेंगे.
ट्रंप की यह टिप्पणी उनके उस दावे के बीच आई है कि अगर नाटो देश, रूस से तेल खरीदना बंद कर दें तो वे कूटनीति और टैरिफ के दबाव से यूक्रेन में रूस के युद्ध को खत्म कर सकते हैं. लेकिन जब बातचीत हंगरी की तरफ मुड़ी, तो ट्रंप का सुर बदल गया. बताते चलें कि हंगरी नाटो का एक सदस्य है और रूसी कच्चे तेल पर बहुत ज्यादा निर्भर है. ट्रंप ने सहानुभूति दिखाते हुए कहा,
पहले भी दावा कर चुके हैं ट्रंपहंगरी एक तरह से फंस गया है. क्योंकि उनके पास एक ही पाइपलाइन है जो सालों से वहां है. उनके पास समुद्र नहीं है. उनके लिए तेल प्राप्त करना बहुत मुश्किल है. मैं इसे समझता हूं.
भारत को लेकर कुछ इसी तरह का दावा डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार, 15 अक्टूबर को भी किया था. एक इवेंट के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा था,
मैं खुश नहीं था क्योंकि भारत, रूस से तेल खरीद रहा था. उन्होंने (पीएम मोदी ने) आज मुझे भरोसा दिलाया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे. यह एक बड़ा कदम है. अब हम चीन से भी यही करवाने जा रहे हैं.
हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने अगले दिन स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच टेलीफोन पर ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है.
ये भी पढ़ें: ‘मोदी ने मुझसे वादा किया कि रूस से तेल नहीं खरीदेंगे...’ ट्रंप ने फिर कर दिया बड़ा दावा
जेलेंस्की ने मांगी मिसाइलेंबैठक के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस से लड़ने के लिए टॉमहॉक मिसाइलें मांगी. हालांकि, ट्रंप ने इसे लेकर हिचकिचाहट दिखाई. अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि वह यूक्रेन को एक लॉन्ग रेंज मिसाइल सिस्टम बेचने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसकी यूक्रेनियों को सख्त जरूरत है.
हाल के दिनों में, ट्रंप ने लंबी दूरी की टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें बेचने के लिए खुलापन दिखाया था, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी थी कि इस तरह के कदम से अमेरिका-रूस संबंधों में और तनाव पैदा होगा.
हालांकि, जेलेंस्की ने टॉमहॉक के बदले में यूक्रेन में बने हजारों ड्रोन देने की डील रखी थी. इस पर ट्रंप ने हिचकिचाते हुए कहा कि यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार देना दोनों देशों के तनाव को और बढ़ाएगा.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: क्या रूस से अब तेल नहीं खरीदेगा भारत? ट्रंप के दावे की घंटों में पोल खुल गई