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चर्नोबिल में दिखे नीले कुत्ते! रेडिएशन या किसी रहस्यमयी केमिकल का असर?

Chernobyl Nuclear reactor Blast के बाद इलाके के सभी पशुओं को मार कर लेड की परत डाल कर दफन कर दिया गया था ताकि उनसे रेडिएशन न फैले. लेकिन कुछ पालतू कुत्ते तब बच गए थे. और अब उन्हीं कुत्तों के आगे की पीढ़ी का रंग नीला (Blue Dogs in Chernobyl) पड़ रहा है.

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chernobyl dogs turning bright and blue revealed in shocking images in nuclear exclusion zone
चर्नोबिल में नीले कुत्तों में बीमारी या सुस्ती के कोई लक्षण नहीं हैं (PHOTO-Dogs of Chernobyl)
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मानस राज
29 अक्तूबर 2025 (Published: 01:10 PM IST)
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क्या आपको चर्नोबिल (Chernobyl) याद है? 26 अप्रैल 1986 को तत्कालीन सोवियत संघ के चर्नोबिल में एक बहुत बड़ी दुर्घटना हुई. यहां मौजूद न्यूक्लियर रिएक्टर (Nuclear Reactor Blast) में धमाका हुआ. और इस वजह से पूरे इलाके में न्यूक्लियर रेडिएशन (Radiation) फैल गया. आज भी इस एरिया में कोई नहीं रहता. क्योंकि उस समय का असर आज तक देखने को मिलता है. उस समय इस इलाके के सभी पशुओं को मार कर लेड की परत डाल कर दफन कर दिया गया था ताकि उनसे रेडिएशन न फैले. लेकिन कुछ पालतू कुत्ते तब बच गए थे. और अब उन्हीं कुत्तों के आगे की पीढ़ी में एक अजीब बदलाव देखने को मिला है. इन कुत्तों का रंग नीला (Blue Dogs in Chernobyl) पड़ रहा है.

47 किलोमीटर स्क्वायर का इलाका खाली 

चर्नोबिल हादसे के बाद सोवियत सरकार ने लगभग 47 स्क्वायर किलोमीटर के इलाके से लोगों को हटाना शुरू किया. इस पूरे क्षेत्र को चर्नोबिल एक्सक्लूशन जोन कहा जाता है. अब यहां जो कुत्ते बच गए थे, उनके वंशज यहां अब भी फल-फूल रहे हैं. 'डॉग्स ऑफ चर्नोबिल' नाम की एक संस्था है जो इन कुत्तों की देखरेख करती है. ये संस्था पूरे 47 किलोमीटर स्क्वायर के क्षेत्र में रह रहे लगभग 700 कुत्तों के लिए खाना, मेडिकल सुविधाएं और रहने की जगह देती है.

हाल ही में जब ये ग्रुप कुत्तों के लिए नियमित स्टरलाइजेशन और मेडिकल चेकअप करवा रहा था, तभी उन्हें एक अनोखा नजारा दिखा. इस ग्रुप को 3 ऐसे कुत्ते दिखे जिनके बाल नीले पड़ रहे थे. स्थानीय लोगों ने ग्रुप को बताया कि करीब हफ्ते भर पहले तक ये कुत्ते नॉर्मल थे. लेकिन अभी ये नीले पड़ते जा रहे हैं.

केमिकल का संपर्क, या कुछ और?

कुत्तों के केयरटेकर्स को शक है कि कुत्ते किसी अनजान केमिकल के संपर्क में आए होंगे, जिससे उनका रंग नीला हो गया. हालांकि वैज्ञानिक दूसरे संभावित कारणों का भी पता लगा रहे हैं, जिसमें वातावरण में मौजूद इंडस्ट्रियल केमिकल या भारी धातुओं (Heavy Metals)) के संपर्क में आना शामिल है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक जांच के लिए कुत्तों के फर, स्किन और खून के सैंपल इकट्ठा किए जा रहे हैं. इस बीच डॉग्स ऑफ चर्नोबिल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा 

हमें इसकी वजह नहीं पता. हम उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि पता चल सके कि क्या हो रहा है. ज्यादा संभावना यही है कि वे किसी तरह के केमिकल के संपर्क में आ रहे हैं. वे बहुत एक्टिव लग रहे हैं और अभी तक हम उन्हें पकड़ नहीं पाए हैं.

इस बीच स्थानीय लोगों और ग्रुप का ये भी कहना है कि अपने अजीब रंग के बावजूद, नीले कुत्ते बहुत एक्टिव दिख रहे हैं. उनमें बीमारी और सुस्ती जैसे कोई लक्षण कम से कम दूर से तो नहीं दिख रहे. हालांकि पूरी तस्वीर जांच के बाद ही सामने आ पाएगी.

वीडियो: IPS संदीप मित्तल ने शिवलिंग को न्युक्लियर रेडिएशन, चेर्नोबिल और भांग से कैसे जोड़ा?

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