The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Asim Munir bypassing Shehbaz Sharif government Afghanistan Taliban big claim on Pakistan

शहबाज शरीफ के काबू में नहीं आसिम मुनीर? पाकिस्तानी सेना पर तालिबान का बड़ा दावा

Pakistan vs Afghanistan: Taliban के एक अधिकारी ने बताया कि Asim Munir के नेतृत्व वाली Pakistan Army ने काबुल में तनाव बढ़ाने के लिए PM Shehbaz Sharif की सरकार को दरकिनार कर दिया.

Advertisement
Shehbaz Sharif, Asim Munir, Pakistan Army, Pakistan, Taliban, Pakistan vs Taliban, Pakistan vs Afghanistan
पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ (बाएं) और पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (दाएं). (फाइल फोटो: ITG)
pic
मौ. जिशान
3 नवंबर 2025 (Published: 07:47 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के जारी तनाव के बीच तालिबान की तरफ से बड़ा दावा किया गया है. उसने पाकिस्तान की सेना और सरकार के बीच मतभेद का दावा किया है. तालिबान अधिकारियों की मानें तो फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की सरपरस्ती में पाकिस्तान सेना प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को दरकिनार कर अफगानिस्तान के साथ रिश्तों में टकराव बढ़ा रही है. तालिबान का यह भी आरोप है कि पाकिस्तान की सेना अमेरिका के इशारे पर काम कर रही है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगान तालिबान की तरफ से दो खुलासे किए गए. पहला, अमेरिका अफगानिस्तान में ड्रोन हमलों के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल कर रहा है. दूसरा, अपनी आदत से मजबूर पाकिस्तानी सेना ने काबुल के साथ तनाव बनाए रखने और अपने स्वार्थ के लिए शहबाज शरीफ की सरकार को दरकिनार कर दिया.

तालिबान के मुताबिक, पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार नहीं, बल्कि सेना ही फैसले ले रही है. यह कोई नया दावा नहीं है, क्योंकि अक्सर पाकिस्तान पर आरोप लगते हैं कि वहां लोकतांत्रिक रूप से चुनी सरकार नहीं, बल्कि सेना की तरफ से ही फैसले लिए जाते हैं.

तालिबान के एक प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा था कि अमेरिकी ड्रोन पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में घुसते हैं. रविवार, 2 नवंबर को जबीहुल्लाह मुजाहिद ने काबुल के टोलो न्यूज को बताया,

"पाकिस्तान में एक खास सैन्य गुट को काबुल और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ाने के इरादे से वैश्विक शक्तियों का समर्थन मिल सकता है."

मुजाहिद ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सरकार आपसी हितों के मद्देनजर अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहती थी, लेकिन सेना ने इसकी इजाजत नहीं दी.

जबीहुल्लाह मुजाहिद ने खैबर टीवी से बात करते हुए कहा,,

"अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष दूत सादिक खान काबुल में थे और उन्होंने अफगान अधिकारियों के साथ सकारात्मक बातचीत की थी, लेकिन उसी दौरान पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की धरती पर हमले किए. (पाकिस्तान की) नागरिक सरकार संबंध बनाना चाहती है, लेकिन सेना उन्हें नुकसान पहुंचाती है."

मुजाहिद ने पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इमरान के समय दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत थे. इमरान खान ने 2018 से 2022 तक पाकिस्तान में एक लोकतांत्रिक सरकार चलाई.

उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया गया, जो पाकिस्तान के इतिहास में सत्ता से इस तरह की पहली ‘बेदखली’ थी. इमरान को हटाने के बाद उन्हें मई 2023 में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया. इमरान और उनके समर्थक इसके लिए सेना को जिम्मेदार ठहराते हैं.

पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच संघर्ष

अक्टूबर में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला. इस दौरान पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले और गोलाबारी की. अफगानिस्तान के काबुल और पक्तिका प्रांत में हमले हुए, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कई लोगों की मौत हुई. जवाब में तालिबान ने भी बॉर्डर पर पाकिस्तान की चौकियों पर हमले किए. इसके बाद दोनों देशों ने कतर और तुर्की में शांति वार्ता की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.

वीडियो: आतंकी पन्नू की धमकी पर दिलजीत दोसांझ का जवाब, अभिताभ बच्चन के पैर छूने पर हुआ विवाद

Advertisement

Advertisement

()