The Lallantop
Advertisement

नागालैंड से हट सकता है AFSPA, अमित शाह ने कमेटी बनाने की मंजूरी दी

मोन जिले में नागरिकों की मौत के बाद से ही नागालैंड से AFSPA हटाने की मांग हो रही है.

Advertisement
Img The Lallantop
बाएं से दाएं. Nagaland से आफस्पा हटाने की मांग करते लोग और सेना जवान.
font-size
Small
Medium
Large
26 दिसंबर 2021 (Updated: 26 दिसंबर 2021, 14:32 IST)
Updated: 26 दिसंबर 2021 14:32 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
नागालैंड से विवादास्पद आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) हट सकता है. इसपर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. नागालैंड सरकार की तरफ से बताया गया है कि इस संबंध में 23 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी.  इस बैठक में नागालैंड में मुख्यमंत्री नेफियू रियो, डिप्टी सीएम वाई पट्टन, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सर्मा भी मौजूद थे. इस बैठक में ही कमेटी बनाने का फैसला लिया गया. कमेटी क्या करेगी? इंडिया टुडे से जुड़ी श्रेया चटर्जी की रिपोर्ट के मुताबिक, नागालैंड सरकार ने कहा है कि AFSPA हटाने पर विचार करने के लिए जो कमेटी बनाई जाएगी, वो 45 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर तनावग्रस्त इलाकों से AFSPA हटाने पर विचार किया जाएगा. दरअसल, नागालैंड में AFSPA हटाने की मांग 4 दिसंबर को हुई घटना के बाद तेज़ हो गई थी. इस घटना में 14 आम नागरिक और एक जवान की मौत हो गई थी.
Nagaland Firing 0
(चार दिसंबर को हुई गोलीबारी के बाद गांववालों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियों में आग लगा दी थी: इंडिया टुडे)
क्या हुआ था 4 दिसंबर को? नागालैंड में एक जिला है. मोन नाम से. इसी जिले में आमतौर पर तिरु और ओटिंग गांव के लोग खदान में काम करके शाम तक घर लौट जाते थे. लेकिन उस दिन 6 लोग नहीं लौटे. इनके परिवार वाले और गांव के लोग इन्हें खोजने निकले. कुछ देर बाद ओटिंग में ही एक पिकअप वैन में इन 6 लोगों के शव खून से लिथड़े हुए पड़े मिले. पहले तो कुछ समझ नहीं आया, लेकिन बाद में पता चला कि इनकी मौत सुरक्षाबलों की फायरिंग में हुई है.
इसके बाद तो बवाल मच गया. लोगों ने इकट्ठा होकर सड़क पर हंगामा करना शुरू कर दिया. भीड़ बेकाबू हो गई. सुरक्षा बलों की गाड़ियों में आग लगा दी गई. इसके बाद सुरक्षाबलों ने एक बार फिर फायरिंग कर दी जिसमें कुछ और लोगों की जान चली गई. इस पूरे मालमें में कुल 14 आम नागरिकों की मौत हुई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में बयान भी दिया था. शाह ने लोकसभा में बताया कि 'गलत पहचान' की वजह से ये घटना हुई. सेना ने संदिग्ध समझ कर फायरिंग की थी.
Nagaland Amit Shah'
(फोटो क्रेडिट: संसद टीवी)
क्या है AFSPA? AFSPA यानी आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर एक्ट. इसे हिंदी में 'सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून' कहते हैं. सरकार इस कानून को आधिकारिक तौर पर देश के उन हिस्सों में लागू करती है, जो अशांत होते हैं. यानी वो इलाके जहां आतंकवाद या उग्रवाद जैसे हालात हों. AFSPA जिन इलाकों में लागू हो जाता है, वहां सेना के पास ये अधिकार होता है कि वो बिना वॉरंट किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है और जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग भी कर सकती है.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement