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CBSE ने दसवीं की किताब से हटाईं फैज की नज्में, 11वीं से 'इस्लाम के उदय' चैप्टर को हटाया!

इन बदलावों पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई लोगों ने इस फैसले का विरोध किया है और सवाल उठाए हैं कि ये बदलाव किनके इशारों पर हुआ है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ स्कूल के टीचर इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं.

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CBSE Faiz
CBSE ने फैज की कविता के अलावा भी कई अन्य बदलाव किए हैं. दोनों सांकेतिक तस्वीरें- आज तक
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23 अप्रैल 2022 (Updated: 25 अप्रैल 2022, 16:36 IST)
Updated: 25 अप्रैल 2022 16:36 IST
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कई बदलावों के साथ नए एकेडमिक सेशन का सिलेबस जारी किया. इसमें दसवीं के सोशल साइंस की किताब से बोर्ड ने उर्दू के मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्में (Faiz Verses ) भी हटा दीं. ये नज्में छात्र दशकों से पढ़ते आ रहे थे, ऐसे में इनको हटाए जाने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इससे पहले फैज की एक नज्म को लेकर आईआईटी कानपुर में बवाल हुआ था.

नज्में हटाई गईं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  21 अप्रैल को CBSE ने नया करीकुलम जारी किया. इसमें 2022-23 एकेडमिक सेशन के दसवीं की NCERT की किताब ‘लोकतांत्रिक राजनीति 2 ‘ में किए गए बदलाव की जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक, किताब के पेज 46,48, 49 पर मौजूद तस्वीरों के अलावा पूरा सेक्शन सिलेबस में बना रहेगा. हटाई गईं तस्वीरों में दो पोस्टर और एक पॉलिटिकल कार्टून शामिल है.
दरअसल, किताब के चौथे चैप्टर ‘जाति, धर्म और लैंगिग मसले’ के तहत आनेवाली सब हेडिंग ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति’ के अंतर्गत बच्चों को सांप्रदायिकता में राजनीति की भूमिका समझाने के लिए तीन कार्टून दिए थे. पहले दो कार्टून में फैज की नज्में भी थीं.

पोस्टर में फैज की जो नज्में थीं, उनके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है. कहा जाता है कि इनमें से एक नज्म वो थी, जिसे फैज ने तब लिखा था, जब उन्हें जेल से डेंटिस्ट के पास ले जाया जा रहा था. जेल से डेंटिस्ट ले जाते हुए उन्हें ऐसा रास्ता तय करना पड़ा, जिसे वो काफी अच्छे से जानते थे.

फैज अहमद फैज. (तस्वीर: विकिमीडिया)

वहीं, दूसरे पोस्टर में फैज की वो कविता थी, जिसे उन्होंने 1974 में ढाका यात्रा के दौरान लिखा था.

इसके साथ ही, CBSE ने 11वीं की हिस्ट्री की किताब से इस्लाम की स्थापना, उसके उदय और विस्तार की कहानी वाले चैप्टर ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’ और 12वीं की किताब से मुगल साम्राज्य के शासन-प्रशासन के एक यूनिट में बदलाव किया गया है.

जब CBSE ने जोड़ा था हटाया हुआ चैप्टर

इन बदलावों पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई लोगों ने इस फैसले का विरोध किया है और सवाल उठाए हैं कि ये बदलाव किनके इशारों पर हुआ है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ स्कूल के टीचर इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. इधर इन बदलावों पर अभी तक CBSE की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

CBSE ने सोशल साइंस और हिस्ट्री के अलावा भी अन्य किताबों में बदलाव किए हैं. जैसे की मैथ्स के कई चैप्टर हटाकर उनकी जगह नए जोड़े गए हैं. 11वीं के मैथ्स से 4-5 चैप्टर हटाए गए हैं. बीते सालों में भी बोर्ड ने कई बार इसी तरह के बदलाव किए थे. सेशन 2021-22 के दौरान 11वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब से संघवाद, नागरिकता, राष्ट्रवाद, धर्निरपेक्षता जैसे चैप्टर हटाए गए थे. हालांकि, विवाद बढ़ने पर इन्हें वापस जोड़ दिया गया था.

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