ये कहानी है जनरल ज़ोरावर सिंह कहलुरिया की. वो शख़्स जिसे पूर्व का नेपोलियन नामदिया गया. वो शख़्स जिसने भारत की सीमाओं के चीन की सरहदों तक विस्तार करने कालक्ष्य चुना और इसमें वो लगभग सफल भी हो गया था. चाहे तिब्बत और शिनजियांग प्रोविंससे लगता भारत का बॉर्डर लगता हो या फिर अफ़ग़ानिस्तान का वाखन गलियारा, या फिर होपाकिस्तान का खैबर पख्तूनवा इलाका. ये सब जनरल जोरावर सिंह की ही विरासत है.