श्रीनगर में पीर पंजाल माऊंटेन रेंज को पार करने के बाद, एक खड़ी चट्टान पड़ती है.जिसे स्थानीय लोग 'हस्तिवंज' या 'हस्ति वातार' के नाम से जानते हैं. हस्तिवंज' यानी'जहां हाथी मारे गए'. किस्स्सा यूं है कि 1500 साल पहले एक राजा अपनी विशाल सेनालेकर पीर पांजाल को पार कर रहा था. एक रोज़ उसने एक हाथी की भयानक चीखें सुनी. हाथीएक ऊंची चट्टान से गिर गया था. राजा बहुत ही क्रूर था. हाथी की चीख सुनकर उसे इतनाआनंद आया कि उसने एक सौ आधी चट्टान से ढकेलने के आदेश दे दिए. इस किस्से का जिक्रकश्मीरी इतिहासकार कल्हण ने राजतरंगिणी में किया है. राजतरंगिणी 12 वीं सदी मेंलिखी गई थी. इसके अलावा इस किस्से का जिक्र आइन-ए अकबरी में भी मिलता है. ये दोनोंग्रन्थ जिस राजा का जिक्र करते हैं, उसका नाम था मिहिरकुल. मिहिरकुल एक हूण शासकथा. जिसके बारे में कल्हण लिखता है, "मिहिरकुल के आने की खबर मिलती थी गिद्धों औरकौवों से. जो उसकी सेना के आगे आगे उड़ते थे. ताकि उसके द्वारा मारे गए लोगों केशवों को खा सकें". तारीख में आज हम जानेंगे हूणों की कहानी.