साल 1992. अक्टूबर का महीना. पंजाब के जालंधर जिले का कांग अरैयां गांव. गांव सेबहने वाली एक नहर पर बने पुल से दो मारुति कार गुजर रही हैं. पौ फटे का वक्त. अचानकदोनों गाड़ियों पर कहीं से गोलियों की बौछार शुरू हो जाती है.कार पास के एक खेत कीतरफ़ मुड़ती हैं. दरवाजा खुलता है. और वापसी फायरिंग होने लगती है. इस तरफ़ AK -47थी तो दूसरी तरफ़ पंजाब पुलिस की स्टैंडर्ड इश्यू राइफल. जब तक गोलियों का शोर शांतहुआ, कार में बैठे 6 लोग ढेर हो चुके थे. इनमें से एक का नाम था इंतेखाब अहमद जिया.इंतेखाब पाकिस्तान का रहने वाला था. और खालिस्तान आंदोलन के लिए ISI का पॉइंट पर्सनहुआ करता था. इंतेखाब का एनकाउंटर पंजाब पुलिस के एक लिए एक बड़ी जीत थी. लेकिन उसरोज़ इंतेखाब की मौत उतनी बड़ी खबर नहीं थी, जितनी उस शख़्स की, जो उस रोज़ इंतेखाबके बगल में ढेर होकर गिरा हुआ था. इस शख्स का नाम था तलविंदर सिंह परमार. तलविंदरपरमार कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के बीच सबसे बड़ा नाम है. 2023 में भारत औरकनाडा के बीच विवाद को ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में समझना है तो इस एक आदमी की कहानीआपको ज़रूर जाननी चाहिए. कौन था तलविंदर परमार? मिनी पंजाब के नाम से जाने जानावाला कनाडा ख़ालिस्तानी अलगाववादियों का गढ़ कैसे बना? कनाडा की राजनीति मेंख़ालिस्तानी इतने ताकतवर कैसे बन गाए? ये सब जानेंगे आज के एपिसोड में. देखेंवीडियो.