4 जनवरी 1963 की बात है. इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर भोलानाथ मलिक और उनके साथीएक इमारत की छत पर खड़े थे. सामने लोगों का अंबार लगा था. भीड़ टकटकी लगाए छत की ओरदेख रही थी. उन्हें किसी खास चीज का इंतज़ार था. कुछ देर में मलिक अपने हाथ उठातेहैं. उनके हाथ में लकड़ी की एक छोटी सी डिब्बी थी. भीड़ जो अब तक लगभग छटपटा रही थी,डिब्बी को देखकर कुछ शांत हुई. लेकिन मामला यहीं ख़त्म न हुआ. लकड़ी की ये छोटी सीडिब्बी अपने अंदर क़यामत समेटे हुए थी. कुछ दिन पहले इस डिब्बी की चोरी हुई और आजअचानक डिब्बी वापिस लौट आया थी. क्या था ये मामला जानिए आज के एपिसोड में.